युवाओं को नौकरी मुहैया कराने वाली सरकारी संगठनों में अगर देखी जाये तो भारतीय रेलवे एशिया की दूसरी सबसे बड़ी संस्थान है जहां हर साल भारी संख्या में युवा रोजगार पाते है. हर साल देश के विभिन्न रेलवे भर्ती बोर्ड युवा प्रतिभाओं की भर्ती के लिए परीक्षाएं आयोजित करती है. इसी प्रक्रिया के अंतर्गत इस साल भी आरआरबी ने विभिन्न जोनल रेलवे / उत्पादन इकाइयों हेतु कुल 18252 तकनीकी और गैर-तकनीकी पदों के लिए रिक्तियां जारी की है. योग्य और इच्छुक उम्मीदवार इन पदों हेतु 25 जनवरी 2016 तक अपने आवेदन पत्र जमा कर सकते हैं.
प्रस्तुत लेख में हम आपको बता रहे हैं कि किस प्रकार से सकारात्मक और प्रभावी तैयारियों से आप इन रेलवे की रिक्तियों में अपने लिए भी जगह बना सकते है-
2016 (गैर-तकनीकी) आरआरबी भर्ती: चयन प्रक्रिया
आपको यह पता होनी चाहिए की आरआरबी उम्मीदवारों के चयन के लिए लिखित परीक्षा और साक्षात्कार को आयोजित करती है और इसमें प्रदर्शन के आधार पर उम्मीदवारों का चयन किया जाता है. निःसंदेह आपको अच्छे प्रदर्शन के लिए पूरी कोशिश करनी होगी और इसलिये यह जरूरी है की आप खुद को मानसिक रूप से तैयारी के लिए मजबूत कर लें.
2016 (गैर-तकनीकी) आरआरबी भर्ती: परीक्षा पैटर्न
किसी भी परीक्षा में सफलता के लिए उसके पैटर्न से खुद को अपडेट रखना जरूरी होता है. आरआरबी की परीक्षाओं में बैठने वाले उम्मीदवारों को सीबीटी (कम्प्यूटर आधारित टेस्ट) परीक्षा से गुजरना होता है. इसके साथ ही लिखित परीक्षा हेतु वस्तुनिष्ठ प्रकार के परीक्षण को अपनाया जाता है जहां आपको गलत विकल्पों में से एक सही को चुनना पड़ता है. आपको यह याद रखना होगा की यहां ऋणात्मक अंक भी लागू होता है और हर गलत जवाब के लिए (1/3) अंक काट लिए जाते है.
परीक्षण की भाषा अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू सहित अन्य स्थानीय भाषा भी होती है. परीक्षा के विषयों के अंतर्गत आपको इन विषयों से रूबरू होना पड़ेगा जैसे- जनरल अवेयरनेस, गणित, सामान्य इंटेलिजेंस और रीजनिंग से संबंधित प्रश्न.सीबीटी परीक्षा 90 मिनट की अवधि का होगा और इसमें कुल 100 प्रश्न शामिल होंगे.
2016 (गैर-तकनीकी) आरआरबी भर्ती: तैयारी के लिए टिप्स
आरआरबी (गैर तकनीकी) परीक्षा 2016 के लिए तैयारी के लिए टिप्स
सामान्य टिप्स
रेलवे की परीक्षा होने के कारण इसमें उम्मीदवारों की बड़ी संख्या हिस्सा लेती है और इसलिए किसी शॉर्ट-कट को त्यागकर अपनी तैयारी को विस्तृत आयाम दें साथ ही निरंतरता भी काफी जरुरी है. विषयों पर आपकी पकड़ और अभ्यास भी निश्चित सफलता के लिए अति आवश्यक है.
अपनी तैयारी को सटीक और नया आयाम देने के लिए आप निम्न बिन्दुओं का अनुसरण कर सकते हैं जो आपकी तैयारी को और भी पूर्ण करेगा....
सबसे पहले विषयों पर अपनी बुनियादी अवधारणाओं को स्पष्ट करें और बेसिक को मजबूत करें. आप यह अच्छी तरह जान ले की सफलता का कोई शॉर्ट कट नहीं होता और इसके लिए जरूरी है की आप मूल और बुनियादी अवधारणाओं को पहले स्पष्ट करें. साथ ही वस्तुनिष्ठ परीक्षाओं में सफलता के लिए अभ्यास भी जरूरी होता है. इसलिए अभ्यास पर भी काफी ध्यान देने की आवश्यकता है.
समय का प्रबंधन भी वस्तुनिष्ठ परीक्षाओं में सफलता के लिए निश्चित शर्त होती है और इसके लिए यह जरूरी है की समय प्रबंधन के साथ ही आप एक दैनिक अध्ययन दिनचर्या को अपनाएं. आप अपने 24 घंटे के उचित प्रयोग के लिए उसपर ध्यान दे और इसमें स्व अध्ययन, अभ्यास और संशोधन के लिए पूरा समय निकालें .
विषय से सम्बंधित टिप्स:
योग्यता: इन प्रकार के सवालों को हल करने के लिए आपमें महत्वपूर्ण सोच और तर्क कौशल की आवश्यकता होती है. यह खंड विशेष तौर पर व्यवस्था की समस्याओं, श्रृंखला समस्या, डेटा की व्याख्या और उम्र से संबंधित समस्याओं से संबंधित सवालों से भरे होते है. अभ्यास ही एकमात्र उपाय है जो कि आपको सफलता दिलाएगा और इसके लिए आप अभ्यास गाइड का मदद ले सकते हैं. एप्टीट्यूड से संबंधित प्रश्न पैटर्न के लिए आप आरडीएसओ वेबसाइट पर जा सकते हैं जहाँ आपको प्रचुर मात्रा में सामग्री मिल जायेंगे.
अंकगणित: माध्यमिक स्तर पर गणित अगर आपका विषय था तो यह आपके लिए काफी मददगार हो सकती है. यहाँ आपको प्रश्न हल करना ही काफी नहीं है बल्कि निश्चित समय के अन्दर इसे हल करना जरूरी है. इस खंड में आपसे समय, दूरी और गति, एचसीएफ और एलसीएम, साधारण और चक्रवृद्धि ब्याज, लाभ और हानि, आदि से संबंधित प्रश्न पूछे जा सकते है.
जेनरल अवेयरनेस: इस खंड में अच्छे अंक हासिल करने के लिए आप अपने चारों घटित दिन-प्रतिदिन की घटनाओं पर नजर रखने की जरूरत है. एक अच्छे अखबार का प्रतिदिन अध्ययन आपको काफी मदद करेगा जो न केवल सामान्य ज्ञान बल्कि भाषा पर भी आपके पकड़ को मजबूत करेगा. इस खंड के तहत आपसे राजनीति, मनोरंजन, खेल, किताबें और कई अन्य चीजों से संबंधित सवाल पूछे जा सकते हैं .
जेनरल इंटेलिजेंस: जेनरल इंटेलिजेंस प्रश्नों के खंड में पूछे जाने वाले सवालों को किसी परिभाषा में नहीं रखा जा सकता बल्कि आप यूँ कहे कि यह आपके समस्याओं को सुलझाने की स्किल का जांच करती है. इसके लिए यह जरूरी है कि आप किसी मानक पाठ्य पुस्तक के साथ अभ्यास करें और साथ ही समस्या को हल करने कि अपनी सुझबुझ को पारदर्शी बनाएं.
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आरआरसी भर्ती 2016: ग्रुप ‘डी’ के 1884 पदों हेतु अधिसूचना घोषित
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