उत्तर प्रदेश सरकार ने लोक सेवा आयोग की प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की अधिकतम आयुसीमा 35 वर्ष से बढ़ाकर 40 वर्ष कर दी. कैबिनेट बाई सर्कुलेशन से इसे मंजूरी 6 जून 2012 को दी गई. प्रतियोगी छात्र काफी समय से इसकी मांग कर रहे थे. उत्तर प्रदेश सरकार के इस निर्णय से हजारों छात्रों के लिए पीसीएस सहित कई प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने के अवसर बढ़ गए.
ज्ञातव्य है कि बिहार एवं झारखंड की राज्य सरकारों ने अपने यहां पहले से ही प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आयुसीमा 40 वर्ष कर रखी है. राजस्थान में यह 37 वर्ष है. इसे देखते हुए यूपी के प्रतियोगी छात्र भी आयुसीमा 35 से बढ़ाकर 40 साल किए जाने की मांग कर रहे थे. उन्होंने जनता दरबार में भी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को इस बाबत ज्ञापन दिया था. मुख्यमंत्री ने उन्हें इस बारे में जल्द निर्णय लेने का आश्वासन दिया था.
इसके बाद प्रमुख सचिव, कार्मिक राजीव कुमार ने लोक सेवा आयोग इस बाबत राय मांगी थी. आयोग ने इस पत्र के जवाब में अपने अभिमत में कहा था कि शासन अगर उम्र सीमा बढ़ाना ही चाहता है तो आयोग को इसमें कोई आपत्ति नहीं होगी. हालांकि आयोग ने कहा कि इससे एक ही पद पर जेनरेशन गैप हो सकता है. इसके बाद सरकार ने दोबारा पत्र भेजकर उसका अभिमत मांगा था.
विदित हो कि इससे पहले राम प्रकाश गुप्त के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आयुसीमा 32 से बढ़ाकर 35 वर्ष की गई थी.
उप्र लोक सेवा आयोग की प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु अभ्यर्थियों की अधिकतम आयु बढ़ाकर 40 की गई
उत्तर प्रदेश सरकार ने लोक सेवा आयोग की प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की अधिकतम आयुसीमा 35 वर्ष से बढ़ाकर 40 वर्ष कर दी. कैबिनेट बाई सर्कुलेशन से इसे मंजूरी 6 जून 2012 को दी गई.
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