एसएससी परीक्षा में सफलता अर्जित करने के लिए पाठ्यक्रम का विश्लेषण क्यों महत्वपूर्ण है?

Nov 21, 2016, 17:26 IST

कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) सरकारी कार्यालयों और मंत्रालयों में उपलब्ध विभिन्न पदों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित करता है।

कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) सरकारी कार्यालयों और मंत्रालयों में उपलब्ध विभिन्न पदों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित करता है। संबंधित विभाग में यदि कोई रिक्ति होती है तो एसएससी उच्चतर माध्यमिक स्तर, स्नातकोत्तर स्तर, माध्यमिक स्तर तथा अन्य संबंधित परीक्षाओं का आयोजन करता है। ऐसे उम्मीदवार जो अपना करियर सरकारी क्षेत्र में बनाना चाहते हैं वे हर साल आयोजित होने वाली इन परीक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। वे उम्मीदवार जो इस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें एसएससी परीक्षा के लिए आवेदन करने से पहले पाठयक्रम के बारे में सही और पूर्ण जानकारी अवश्य हासिल करनी चाहिए ।

एसएससी परीक्षा पाठ्यक्रम (सिलेबस) का विश्लेषण तथा उसके लाभ

• परीक्षा पैटर्न के बारे में सटीक जानकारी प्रदान करता है:  अगर कोई उम्मीदवार एसएससी की परीक्षा की तैयारी कर रहा है तो सिलेबस से ही सटीक विषय की जानकारी उपलब्ध होती है, जो तैयारी करने के लिए बेहद जरूरी है। सिलेबस से सवालों की सही संख्या और प्रश्न पत्र में उनसे संबंधित तथ्यों के महत्व का पता चलता है। उम्मीदवार इस माध्यम से विषय की जानकारी हासिल कर सकते हैं और उसके अनुसार अपनी परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं।

• सवालों के स्तर को समझना: एसएससी माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक और स्नातक स्तर के उम्मीदवारों के लिए परीक्षा आयोजित करता है। सवालों का कठिनाई स्तर परीक्षा के स्तर, यानि स्नातक स्तरीय, उच्चतर माध्यमिक स्तर आदि पर निर्भर करता है जिसके लिए उम्मीदवार आवेदन करते हैं। उसे सिलेबस को जरूर पढ़ना चाहिए और उसे समझना भी चाहिए। इससे उम्मीदवार को उपयुक्त पुस्तकें खोजने में मदद मिलेगी और परीक्षा सबंधी समस्याओं का निदान करने में एक सही मार्गदर्शन भी प्राप्त होगा।

• समय सारणी बनाने में मदद करता है: सिलेबस का गहन विश्लेषण करने से उम्मीदवारों को उन प्रश्नों की सटीक जानकारी मिल जाती है जो संबंधित परीक्षा में पूछे जा सकते हैं। इस प्रकार उम्मीदवार विशेष सेक्शन के लिए समय सारणी (टाइम -टेबल) के अनुसार अपनी परीक्षा की तैयारी कर लेते हैं। इससे उम्मीदवार उस सेक्शन को अधिक समय दे सकते हैं जिसमें वो कमजोर हैं और उस समय जब वो शुरूआती चरण में होते हैं तो वे उचित समय देकर खुद को बेहतर तरीके से तैयार कर सकते हैं।

• आत्म विश्वास बढ़ाने में मदद करता है: परीक्षा सिलेबस का विश्लेषण और गहन अध्ययन करने से उम्मीदवारों को आवश्यक और पर्याप्त आत्मविश्वास मिलता है। वे इस बात के लिए निश्चिन्त हो जाते हैं कि परीक्षा के दौरान वे ऐसे किसी भी महत्वपूर्ण टॉपिक को मिस नहीं करेंगे जो उनकी तैयारी से बाहर का न आया हो। इससे न केवल उम्मीदवार का आत्मविश्वास जगता है, बल्कि परीक्षा में भी अच्छे नंबर आते हैं।

• उम्मीदवारों को सफलता के लिए जरूरी नंबरों के बारे में जानकारी देता है: उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे पिछले वर्ष के प्रश्न पत्रों का विश्लेषण जरूर करें जो विभिन्न ऑनलाइन और ऑफलाइन स्रोतों पर उपलब्ध हैं। इनका विश्लेषण करने से आप विशेष सेक्शन में सटीक जानकारी रखने के साथ निश्चित सफलता हासिल कर सकते हैं। इसी तरह उम्मीदवार यह भी पता कर सकते हैं कि एक विशेष विषय में सवालों की कुल और निश्चित संख्या कितनी होगी?

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