टेलीकॉम देश में सबसे तेजी से बढती इंडस्ट्री है। ऐसे में अगर यह कहा जाए कि हर लेवॅल के जॉब की दृष्टि से भी यह अपार संभावनाओं वाला क्षेत्र है तो गलत नहीं होगा। आंकडे बताते हैं कि भारत में वर्ष 2009 तक 500 मिलियन लोग इसके सब्सक्राइबर बन चुके थे। सीडीएमए डेवलपमेंट ग्रुप के कंट्री हेड बी.वी. रमन के अनुसार, प्रति महीने 13-14 मिलियन ग्राहक इसके साथ जुड रहे हैं। यह स्थिति तब है जबकि ग्रामीण इलाकों में इसकी पहुंच फिलहाल 20 प्रतिशत ही है। हां, शहरी इलाकों में इसकी पहुंच लगभग सौ प्रतिशत हो चुकी है। ग्रामीण इलाकों में इसका तेजी से प्रसार हो रहा है। सरकार की पारदर्शी नीतियों और 3जी तकनीक के लॉन्च होने के बाद अवसरों में और इजाफा हो रहा है। ट्यूलिप टेलीकॉम के इंटरनेशनल बिजनेस और मार्केटिंग डायरेक्टर दीपिंदर बेदी के अनुसार, 2010 में टेलीकॉम इंडस्ट्री में सबसे अधिक ग्रोथ डाटा कनेक्टिविटी में होगी।
अवसर
टेलीकॉम इंडस्ट्री को चार कैटगॅरी में बांटा जा सकता है। मोबाइल/लैंडलाइन सर्विस/डाटा कनेक्टिविटी/वैल्यू एडेड सर्विसेज और टेलीकॉम इक्विपमेंट मैनुफैक्चर्स। हालांकि ज्यादातर कंपनियां सभी कैटगॅरी की सेवाएं देती हैं, लेकिन आजकल सिंगल सर्विस देने का भी चलन बढ रहा है।
कोर्स
आप अपनी रुचि और कोर्स के हिसाब से टेक्नोलॉजी टीम/मार्केटिंग/सेल्स/ सपोर्ट स्टाफ में करियर बना सकते हैं। टेक्निकल स्टाफ मेंबर बनने के लिए इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट होना जरूरी है। कई टॉप इंस्टीट्यूट, जैसे-आईआईटी टेलीकॉम में स्पेशलाइज्ड कोर्स की व्यवस्था करती है। डाटा कनेक्टिविटी के लिए माइक्रोसॉफ्ट सर्टिफाइड सिस्टम इंजीनियर (एमसीएसई) सर्टिफिकेट जरूरी है।
जॉब प्रॉस्पेक्ट्स टेक्निकल
टेलीकॉम इंडस्ट्री इंफ्रास्ट्रक्चर और हार्डवेयर पर पूरी तरह निर्भर करता है, इसलिए इंस्टॉलेशन, रिपेयर और मेंटिनेंस में प्रोफेशनल्स की बहुत अधिक जरूरत पडती है। इसके लिए बीटेक की डिग्री होनी चाहिए।
मार्केटिंग ऐंड सेल्स
मार्केटिंग टीम ब्रांडिंग, कम्युनिकेशन, मार्केट रिसर्च, प्रोडक्ट डेवलपमेंट और मैनेजमेंट के लिए जिम्मेदार होती है। इसके लिए एमबीए की डिग्री जरूरी है। टेलीकम्युनिकेशन में मैनेजमेंट की डिग्री आपके लिए प्लस प्वाइंट होगा। सेल्स के लिए मैनेजमेंट की डिग्री, खासकर एमिटी बिजनेस स्कूल, सिम्बॉयसिस इंस्टीट्यूट ऑफ टेलीकॉम मैनेजमेंट को तवज्जो दी जाती है।
फाइनेंस, कस्टमर केयर
अंडरग्रेजुएट या पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री होल्डर, जिनके पास बेहतर कम्युनिकेशन स्किल, ह्यूमन मैनेजमेंट स्किल है, उनके लिए भी इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। फाइनेंस के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंसी की डिग्री होनी चाहिए। कस्टमर केयर रिप्रजेंटेटिव की भी इस इंडस्ट्री में खूब मांग रहती है।
इंडिया टुडे ग्रुप
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