हम सब लोग और खास तौर पर वे लोग जो शेरो शायरी में ज़्यादा दिलचस्पी रखते हैं , को अल्लामा इक़बाल की यह पंक्ति ज़रूर याद होगी :
खुदी को कर बुलन्द इतना की हर तक़दीर से पहले ,
खुदा बन्दे से खुद पूछे बता तेरी रजा क्या है |
ये पंक्तियाँ अपने आप में बहुत बड़ा सन्देश देती हैं कि मनुष्य को कामयाब होने के लिए सब कुछ खुद ही करना पड़ता है | हम मनुष्य कामयाबी का श्रेय तो खुद लेते है लेकिन नाकामयाब होने पर दूसरों को ज़िम्मेदार ठहराते हैं। हम जाने अनजाने में बहुत सी ऐसी चीज़ें करते हैं जो हमारे लिए किसी भी दृष्टि से फायदेमंद नही होतीं पर हमको इस बात का इल्म नही होता कि हमें इन चीज़ों से क्या क्या नुकसान होरहा है l
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उदाहरण के तौर पर यदि हम किसी का बुरा चाहते हैं या उसकी दूसरों से बुराइ करते हैं तो उस व्यक्ति का तो कुछ नुकसान या लाभ नही होता मगर ऐसा करने से हमको हर तरफ से नुकसान ही नुकसान होता है |
वैसे तो इन चीजों की लिस्ट बहुत लम्बी हो सकती है पर मैं आपके साथ सिर्फ सात ऐसी बातें शेयर कर रहा हूँ , हो सकता है कि आप इनमे से कुछ चीज़ों पर पहले से हि अमल करते आ रहें हों | इस लेख में हम कुछ ऐसी बातों पर चर्चा करेंगे जो आपको किसी भी हालत में नही करनी चाहिए|
1 . अपनी क्षमता को जाने बिना कभी भी लक्ष्य तय न करें
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कई बार हम लोग अपनी क्षमता को जाने बिना लक्ष्य तय करलेते हैं जो कि बहुत ही हानिकारक है | आप चाहे किसी भी फिल्ड में कामयाबी चाहते हों उसके लिए अपने अंदर की क्षमता को जानना जरूरी है | इसका ज्ञान न होने से हम दो तरीके से नुकसान उठाते हैं | पहले तो जो भी असेट्स और पूंजी लगाकर काम शरू किया था वो जाएगा और दूसरे जो समय का नुकसान हुआ वो अलग। उदाहरण के तौर पर अगर आप एक डॉक्टर बनना चाहते हैं तो किसी भी कोचिंग में जाने से पहले आप यह तय करें कि उसमें आने वाले विषयों को आप समझ पाते हैं या नहीं और अगर समझ पाते हैं तो मेरिट लिस्ट में आने के लिए जितनी मेहनत की ज़रूरत है आप उतनी मेहनत कर पाएंगे या नही | अगर आप अपने अंदर इन दोनों क्षमताओं को पाते हैं तो यकीन जानिए आपको डॉक्टर बनने से कोई नही रोक सकता। ये तो केवल समझने के लिए एक उदाहरण था | इस बात पर अगर आप ध्यान दें तो आप कभी भी असफल नही होंगे l
2 . चयनित लक्ष्य से किसी भी हालात में समझौता ना करें
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अक्सर ऐसा होता है कि हमने शुरू से ही कुछ लक्ष्य बनाया होता है मगर उसमे एक या दो बार फेल होने पर हम अपना लक्ष्य बदल देते हैं और कुछ और ही करने लगते हैं l हालाँकि हम उस काम से संतुष्ट नहीं होते | ये हालात तभी आते हैं जब हम लक्ष्य का चयन बिना क्षमता का आकलन किये ही कर लेते हैं | एक बार लक्ष्य से समझौता करने के बाद कोई ज़रूरी नही कि दूसरे लक्ष्य में आप कामयाब हो जाओ और अगर कामयाब हो भी गए तो ज़िन्दगी भर इस बात का अफ़सोस रहेगा की जो बनना चाहते थे वो नहीं बन पाए | इसलिए चुने हुए लक्ष्य से किसी भी हालात में समझौता ना करें बल्कि उसको प्राप्त करने के लिए जो भी ज़रूरी चीज़ों की आवश्यकता हो उस पर पूरी तरह लग जाएं l
हमारे माता पिता को चाहिए कि अपने बच्चों के अंदर छुपी हुइ क्षमता को जानने की कोशिश करें ताकि भविष्य में उसको एक सही लक्ष्य चुनने की सलाह दे सकें l
3 . फेल होने से न डरें
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आपने जो लक्ष्य चुना है उसको प्राप्त करने के लिए आपको लगातार मेहनत करते रहना चाहिए और कभी भी फेल होने से नही डरना चाहिए | ज़यादा से ज़यादा क्या होगा आप उस काम में फेल होंगे न की ज़िन्दगी में | अगर आप कामयाब लोगों के बारे में पढ़ें तो आपको पता चलेगा कि बिना फेल हुए कोई भी कामयाब नहीं हो पाया | हमारे हिसाब से तो हम लोगों को कामयाब लोगों से ज़यादा नाकामयाब लोगों के बारे में पढ़ना चाहिए | इससे आपको प्वाइंट्स के बारे में जानकारी मिलेगी जहाँ आपके फेल होने की संभावना ज़यादा है | कभी भी किसी कामयाब वयक्ति के बारे में पढ़कर उसी लाइन में कामियाब होने के बारे में न सोचें क्यों कि होसकता है कि आपमें वो क्षमता ना हो और आप नाकामयाब हो जाएं |
4. अपनी तुलना किसी से ना करें
पहली बात तो ये है कि आप अपनी तुलना किसी से न करें और अगर करनी है तो अपने से कमज़ोर लोगों से करें, इसका सबसे बड़ा लाभ ये है कि आप ऐसा करने से ये पाएंगे कि आप उससे सक्षम है और इस बिना पे आप खुदा का शुक्रिया अदा करने वाले बनेंगे | दूसरी बात ये है कि अगर आप किसी कामयाब आदमी से अपनी तुलना करते हैं तो कुछ सीखने के लिए करें न कि जलने के लिए या उदास होने के लिए l लेकिन अफ़सोस की बात ये है कि ज्यादातर मामलों में लोग निराशा के शिकार हो जाते हैं | इसी कारण से ये बात ज़यादा उचित होगी की हम अपनी किसी से तुलना ना करें |
5. बेकार के कामों में अपना समय बर्बाद न करें
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इस दुनिया में महत्वपूर्ण अगर कोई चीज़ है तो वो है समय, मगर अफ़सोस की हम इसी को सबसे कम महत्तव देते हैं | अपना समय ऐसे काम में बर्बाद करना जो किसी भी दृष्टिकोण से हमारे लिए लाभकारी ना हो तो मै समझता हूँ कि इससे ज्यादा अफ़सोस की कोइ और बात हो ही नही सकती | यहाँ पर मैं आपके साथ एक पर्सनल अनुभव शेयर करना चाहता हूँ |
जब मैं इलाहाबाद में अपनी पढ़ाई कर रहा था तो शाम को अक्सर हम चाय पीने के लिए एक दुकान पर जाया करते थे |एक दिन बातों हि बातों में चाय वाले ने एक बात कही| बेटा आप लोग अपना समय कभी बर्बाद ना करना, जिस काम के वास्ते आप लोग यहां आए हो उसपर अधिक से अधिक समय लगाना | हमें उसने कोइ नई बात नहीं बताइ थी लेकिन फिर भी इस बात का हम पर बहुत गहरा असर हुआ और हमने उससे पूछा कि आप हमको ये बात क्यों बता रहे हैं |उसने कहा कि बात तो बड़ी आम है लेकिन मैंने आपलोगों को इसलिए बोला कि मैं खुद इसका भुक्त भोगी हूँ । वह बताया कि मैं लॉटरी के धंधें में बहुत अच्छा पैसा कमाता था और फिर दिन भर सोकर रात में उस पैसे को गलत कामों मे खर्च करता था |आज यहाँ चाय का ग्लास धोते हुए 18 साल होगए हैं मगर अभी तक मुझे समय ने माफ़ नही किया है| अगर हम समय को बर्बाद करेंगे तो समय हमसे बदला ज़रूर लेगा |
6. किसी भी हालात में निराश न हों
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आपने ये बात बहुत बार सुनी होगी कि चाहे हालात कितने भी प्रतिकूल क्यों ना हों आपको कभी भी निराश नहीं होना चाहिए | हम सबको ये मालूम होना चाहिए की अगर हमारे जीवन में कोई कठिनाई या प्रतिकूल परिस्थिति आती है तो वो हमको हलाक करने के लिए नही आती बल्कि हमको कुछ सिखाते हुए कामयाबी की तरफ ले जाने के लिए आती है ,इसलिए हमेशा सकारात्मक सोच रखना चाहिए |
7 . परिवार और खुद के साथ बेईमानी ना करें
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चाहे आप जीवन के किसी भी व्यवसाय में हों, बेईमानी किसी के साथ ना करें क्योँकि ऐसा करने से भले ही आपको क्षणिक लाभ दिखता हो मगर इसका नतिजा हमेशा बुरा होता है | यदि आप पढ़ाइ कर रहे हो तो आप के लिए इस बात का इल्म होना बहुत ज़रूरी है | बहुत सारे छात्र ये सोचते हैं कि हम तो घर से दूर हैं चाहे जो करें , जैसा भी रिजल्ट बतायें, माता –पिता को मानना ही होगा | हम आपको बता दें कि अगर आप ऐसा सोचते हैं तो आप बिलकुल गलत हैं | ऐसा करके आप सबसे पहले खुद के साथ बेईमानी कर रहे हैं और खुद को धोखा दे रहे हैं क्योंकि ऐसा करने से आपका ही जीवन सबसे ज्यादा बर्बाद होगा और रही माता -पिता की बात तो वो अपना फ़र्ज़ पुरा कर रहे हैं और आपके अच्छे जीवन के ख्वाइशमंद हैं तो ज़ाहिर है कि उनको दुख तो होगा ही l
5 . बेकार के कामों में अपना समय बर्बाद न करें
इस दुनिया में महत्वपूर्ण अगर कोई चीज़ है तो वो है समय, मगर अफ़सोस की हम इसी को सबसे कम महत्तव देते हैं | अपना समय ऐसे काम में बर्बाद करना जो किसी भी दृष्टिकोण से हमारे लिए लाभकारी ना हो तो मै समझता हूँ कि इससे ज्यादा अफ़सोस की कोइ और बात हो ही नही सकती | यहाँ पर मैं आपके साथ एक पर्सनल अनुभव शेयर करना चाहता हूँ |
जब मैं इलाहाबाद में अपनी पढ़ाई कर रहा था तो शाम को अक्सर हम चाय पीने के लिए एक दुकान पर जाया करते थे | एक दिन बातों हि बातों में चाय वाले ने एक बात कही | बेटा आप लोग अपना समय कभी बर्बाद ना करना , जिस काम के वास्ते आप लोग यहां आए हो उसपर अधिक से अधिक समय लगाना | हमें उसने कोइ नई बात नहीं बताइ थी लेकिन फिर भी इस बात का हम पर बहुत गहरा असर हुआ और हमने उससे पूछा कि आप हमको ये बात क्यों बता रहे हैं | उसने कहा कि बात तो बड़ी आम है लेकिन मैंने आपलोगों को इसलिए बोला कि मैं खुद इसका भुक्त भोगी हूँ । वह बताया कि मैं लॉटरी के धंधें में बहुत अच्छा पैसा कमाता था और फिर दिन भर सोकर रात में उस पैसे को गलत कामों मे खर्च करता था | आज यहाँ चाय का ग्लास धोते हुए 18 साल होगए हैं मगर अभी तक मुझे समय ने माफ़ नही किया है| अगर हम समय को बर्बाद करेंगे तो समय हमसे बदला ज़रूर लेगा |
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