आमतौर पर देश के विभिन्न कॉलेजों में एग्जाम मार्च से मई के बीच होते हैं। इसे देखते हुए जनवरी से ही स्टूडेंट्स एग्जाम फीवर के शिकार होने लगते हैं। इससे बचने के लिए विशेषज्ञों का कहना है कि यदि अभी से एग्जाम की तैयारी के लिए सही योजना बनाई जाए और ईमानदारी से तैयारी की जाए, तो स्टूडेंट्स कभी भी एग्जाम फीवर के शिकार नहीं होंगे और परीक्षा के समय बेहतर परफॉर्म कर सकेंगे, लेकिन प्रश्न यह उठता है कि आखिर किस तरह की योजना बनाई जाए। तैयारी के लिए कितने घंटे जरूरी हैं? यदि तनाव रहित होकर परीक्षा देना चाहते हैं, तो अभी से इसकी तैयारी के लिए खुद को तैयार करना शुरू कर दें।
ठोस शुरुआत
किसी भी चीज की शुरुआत महत्वपूर्ण होती है। इस कारण पहले परीक्षा की तैयारी के लिए खुद को तैयार करें। सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए जरूरी है कि आपके पास पर्याप्त समय हो। पर्याप्त समय तभी मिलेंगे, जब आप शुरुआत सही समय पर करेंगे। इस सिलसिले में आप सबसे पहले स्टडी मैटेरियल अपने पास एकत्रित करें और जहां से भी बेहतर नोट्स या किताब उपलब्ध हो सकते हैं, उसे अपने पास रखें। यदि कॉलेज के दौरान महत्वपूर्ण लेक्चर आपने मिस किया है, तो उसे भी दोस्तों के माध्यम से प्राप्त करने की कोशिश करें।
बनाएं प्लान
अब बारी आती है स्टडी प्लान बनाने की। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि आप परीक्षा की तैयारी प्लान के तहत करते हैं, तो अन्य स्टूडेंट्स की अपेक्षा आपकी तैयारी बेहतर होगी और अतिरिक्त दबाव भी महसूस नहीं करेंगे। प्लान बनाते समय इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि आप कितने घंटे अपनी पढाई के लिए दे सकते हैं? इस मामले में व्यावहारिक सोच अपनाएं और जो भी समय इसके लिए रखते हैं, उस पर ईमानदारी से अमल करें। स्टडी प्लान पढाई के घंटे, स्टडी मैटेरियल, अपने पिछले परफॉर्मेस को ध्यान में रखकर बनाएंगे, तो बेहतर होगा।
चुनें अपनी राह
सभी के पढने के स्टाइल अलग-अलग हो सकते हैं। किसी को ग्रुप स्टडी बेहतर लगती है, तो कोई अकेले में पढाई बेहतर करता है। इस मामले में आप कभी भी दबाव में न आकर खुद की सुनें और उसी के अनुरूप पढाई करें, तो बेहतर रिजल्ट दे पाएंगे। इसके अतिरिक्त आप पढाई के दौरान छोटे-छोटे नोट्स भी बनाते चलें। इस तरह के शॉर्ट नोट्स रिवीजन के समय काफी मददगार हो सकते हैं। आप नोट्स या बुक में महत्वपूर्ण टॉपिक को अंडरलाइन भी कर सकते हैं।
समझें ट्रेंड
बेहतर तैयारी के लिए जरूरी है कि आपको इस बात की जानकारी हो कि पिछले वर्ष किस तरह के प्रश्न पूछे गए थे। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि आप पिछले पांच वर्षो के प्रश्नों को देखते और उनका विश्लेषण करते हैं तथा उसी के अनुरूप तैयारी करते हैं, तो आप अच्छे मार्क्स ला सकते हैं। पिछले वर्षो के प्रश्नों से यह भी अंदाजा लगाया जा सकता है किस चैप्टर से अधिक प्रश्न पूछे जा रहे हैं। यदि आपको इसका अंदाजा लग जाएगा, तो आप तैयारी के दौरान भटकाव से बचेंगे और टू द प्वाइंट तैयारी कर पाएंगे। विजय झा
इंटरनल एग्जाम को हल्के में न लें
यदि तैयारी के लिए समय का ध्यान रखते हुए पर्याप्त अभ्यास किया जाए, तो कोई भी परीक्षा कठिन नहीं होती है। परीक्षा के ट्रेंड को समझने के उद्देश्य से देश के सभी कॉलेजों में इंटरनल एग्जाम लिए जाते हैं। इस एग्जाम को वार्षिक एग्जाम का रिहर्सल भी कहा जा सकता है। इस कारण इसे हल्के में लेने की भूल कतई न करें। जहां एग्जाम हो चुके हैं, वहां के स्टूडेंट्स अपनी कमियों को दूर करने की कोशिश करें।
इंटरनल एग्जाम के माध्यम से आप खुद अपनी तैयारी को परख भी सकते हैं और जो कुछ कमी है, उसे समय से पहले दूर भी कर सकते हैं। अच्छे मार्क्स लाने के लिए जरूरी है कि स्टूडेंट्स प्रश्नों का उत्तर सिस्टेमैटिक ढंग से दें। इससे एग्जामिनर पर सकारात्मक प्रभाव पडता है।
प्रश्नों का उत्तर लिखते समय शब्द-सीमा और अंकों का भी ध्यान रखना जरूरी है। उत्तर लिखते समय महत्वपूर्ण वाक्यों या शब्दों को हाईलाइट जरूर करें। यदि एक प्रश्न का उत्तर खत्म करते हैं, तो संकेत के लिए नीचे एक लाइन अवश्य खींच दें, तभी दूसरे प्रश्न का उत्तर लिखें। यह रणनीति आपके लिए बेहतर होगी।
डॉ. तृप्ता शर्मा
वरिष्ठ प्रवक्ता (हिंदी विभाग)
अदिति कॉलेज, डीयू
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