एपीजे एजुकेशन सोसायटी यानी एईएस एजुकेशन के क्षेत्र में जाना-पहचाना नाम है। यह सोसायटी पिछले चालीस वर्षो से एजुकेशन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। हाल के वर्षो में इंडस्ट्री में बढती डिमांड को देखते हुए एईएस ने एपीजे सवरॉन svran इंटीट्यूट फॉर बायो साइंसेज ऐंड क्लीनिकल रिसर्च, गुडगांव में चार वर्षीय फुलटाइम पीजी डिप्लोमा कोर्स इन एनालिटिकल ऐंड मॉलिक्यूलर टेक्नीक्स, क्लीनिकल रिसर्च ऐंड मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक्स, बायोमेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी, बायोइंफोर्मेटिक्स ऐंड क्लीनिकल ट्रायल्स ऐंड डाटा मैनेजमेंट से संबंधित कोर्स की शुरुआत की है।
इस संबंध में एईएस की वाइस प्रेसिडेंट सुषमा बर्लिया कहती हैं कि यदि भविष्य की बात करें, तो आने वाला समय बायोलॉजी और इससे संबंधित कोर्स का होगा। जिस तरह की डिमांड इस क्षेत्र में बढ रही है, उस अनुपात में भारत में ट्रेंड प्रोफेशनल्स की काफी कमी है। इस तरह की कमी इससे संबंधित कोर्स की शुरुआत करके ही खत्म की जा सकती है।
यही कारण है कि एपीजे ने बायो साइंसेज और क्लीनिकल रिसर्च से संबंधित कोर्स की पढाई शुरू की है, ताकि अधिक से अधिक स्टूडेंट्स इसका लाभ उठा सके। एक रिपोर्ट के मुताबिक इस क्षेत्र में सन 2010 तक लगभग साठ हजार जॉब उपलब्ध होंगे।
वर्तमान में ट्रेंड प्रोफेशनल की काफी कमी है। यही कारण है कि इस तरह के कोर्स करने वाले स्टूडेंट्स को आसानी से नौकरी मिल जाती है और भविष्य में भी किसी तरह की परेशानी नहीं होती।
जहां तक इंस्टीट्यूट की बात है, तो इसकी खासियत यह है कि देश-विदेश से ट्रेंड प्रोफेशनल आकर यहां के स्टूडेंट्स को अपना अनुभव बांटेंगे और उनकी समस्या का हल करेंगे।
इसके फैकल्टी मेंबर भी काफी अनुभवी और योग्य होंगे। इंस्टीट्यूट में कंप्यूटर से संबंधित लैन, वैन के साथ-साथ सभी आधुनिक सुविधा रहेगी।
इंस्टीट्यूट में फुल टाइम कोर्स के साथ ही पार्ट टाइम कोर्स इन क्लीनिकल ट्रायल्स ऐंड डाटा मैनेजमेंट भी है, जो स्टूडेंट्स फुल टाइम कोर्स नहीं करना चाहते हैं, उनके लिए पार्ट टाइम कोर्स बेहतर विकल्प हो सकता है। यहां प्लेसमेंट की सुविधा भी है। इस कोर्स से संबंधित अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट www.apeejay.edu/aibcr/home.html देख सकते हैं।
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