नई विशेषज्ञताओं से भरपूर बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में युवाओं के लिए काफी अवसर हैं। इसमें किस तरह के हैं करियर..
भारत
में हेल्थकेयर सेक्टर में आए उभार ने बायोमेडिकल क्षेत्र को काफी धार दी है। देशविदेश के हेल्थ एक्सपर्ट सस्ती दर पर इस तकनीक के जरिए मरीजों को निरोगी बनाने में जुटे हैं। इसके लिए काफी संख्या में मेडिकल प्रोफेशनल की जरूरत पडती है। आवश्यकता को देखते हुए देश के प्रमुख अस्पतालों में बायोमेडिकल डॉक्टर और मेडिकल साइंटिस्ट रखे जा रहे हैं। यदि आप भी बायोमेडिकल से संबंधित कोर्स कर लेते हैं, तो बहुत आगे जा सकते हैं।
क्या है बीएमई
बायोमेडिकल इंजीनियरिंग यानी बीएमई यांत्रिकी की एक उभरती हुई शाखा है। इसमें ऐसे उपकरणों का डिजाइन और निर्माण करते हैं, जो यांत्रिकी और क्लीनिकल लिहाज से उपयोगी हों, जिसमें क्लिनिकल कम्प्यूटर्स, कृत्रिम हृदय, कॉन्टैक्ट लैंस, व्हील चेयर आदि शामिल हैं। आज चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में हम और आप जीन और टिश्यू मेनिपुलेशन, कृत्रिम अंगों के निर्माण, जीवनरक्षक उपकरणों यथा पेसमेकर और डायलीसिस, परिष्कृत सर्जिकल उपकरणों तथा मेडिकल इमेजिंग तकनीकों जैसे कि एमआरआई, सीटी स्केनिंग और सोनोग्राफी जैसे नएनए शब्द सुनते हैं, ये सब बायोमेडिकल इंजीनियरिंग का ही कमाल है।
योग्यता
बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए गणित या जीवविज्ञान समूह से न्यूनतम 55 प्रतिशत अंकों के साथ बारहवीं उत्तीर्ण होना आवश्यक है। इसके लिए प्रवेश परीक्षा भी उत्तीर्ण करनी होती है। बायोमेडिकल इंजीनियर बनने के लिए बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट आवश्यक है। बीएमई में पीजी भी किया जा सकता है।
पर्सनल स्किल
बायोमेडिकल प्रोफेशनल का अच्छा इंजीनियर होना और लाइफ साइंस प्रणाली व तकनीक की तरफ झुकाव होना चाहिए। इंजीनियरिंग की बढिया जानकारी, लिखने व बात करने की संप्रेषण कला और बायोलॉजी में रुचि आवश्यक है। इसके अतिरिक्त टीम का सदस्य बनकर कार्य करने और विश्लेषणात्मक सोच भी जरूरी है।
कार्य
इनका काम अन्य मेडिकल प्रोफेशनल्स से अलग है। ये मेडिकल रिसर्च को आसान बनाने के लिए उपकरणों, प्रणालियों तथा प्रक्रियाओं को विकसित करते हैं। रोजाना के कामकाज में बायोमेडिकल इंजीनियर मेडिकल, सर्जिकल उपकरण और मेडिकल से जुडे फर्नीचर की देखरेख करते है। इसके अलावा, वे किसी इमरजेंसी ब्रेकडाउन और मेंटेनेंस संबंधी समस्या होने पर खराब हो चुके उपकरणों की मरम्मत करते हैं। इसके विशेषज्ञ बीमारी, उनसे जुडी सटीक दवा और मानव स्वास्थ्य संबंधी दूसरे विषयों पर लगातार शोध करते रहते हैं।
अवसर ही अवसर
देश में जिस तरह नएनए अस्पताल खुल रहे हैं और मेडिकल टूरिज्म की अवधारणा आकार ले रही है, उससे बायोमेडिकल इंजीनियर की मांग बढ रही है। भारत चिकित्सा उपकरणों के निर्माण में अंतरराष्ट्रीय हब बन रहा है, उससे इसके पेशेवरों की जरूरत भी महसूस की जा रही है। बायोमेडिकल इंजीनियर के लिए जॉब के अवसर चिकित्सा उपकरण निर्माण, ऑर्थोपेडिक एवं रीहैब इंजीनियरिंग, मॉलिक्यूलर, सेल्लुलर एवं टिश्यू इंजीनियरिंग के क्षेत्र में हैं। वे कॉरपोरेट सेक्टर में भी कई क्षेत्रों में काम कर सकते हैं। प्रोस्थेटिक्स, कृत्रिम अंग, लिंब्स, हिप्स और अन्य अंग बनाने वाली कंपनियों में अच्छे रोजगार मिल जाते हैं। प्रयोगशालाओं का पर्यवेक्षण करने व मशीनों के व्यवस्थापन में बीएमई काम आते हैं। वे वरिष्ठ शोधकर्ताओं के साथ जुडकर भी काम कर सकते हैं। बीपीएल, लार्सन ऐंड टूब्रो, विप्रो मेडिकल और सीमंस जैसी कंपनियां इन्हें योग्यता के आधार पर अपने आर एंड डी, सेल्स व मार्केटिंग विभाग में जगह देती हैं।
प्रमुख संस्थान
- आईआईटी, मुंबई
- एम्स, नई दिल्ली
- बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी
- जेबी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग, हैदराबाद
- जादवपुर यूनिवर्सिटी
- जोश डेस्क
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