बेहतर उत्तर लिखने का करें अभ्यास

Aug 3, 2011, 16:08 IST

आइएएस की मुख्य परीक्षा सबसे कठिन मानी जाती है

आइएएस की मुख्य परीक्षा सबसे कठिन मानी जाती है। यदि आप इसमें उत्तीर्ण होना चाहते हैं, तो अभी से अपने वैकल्पिक विषयों का चयन करके उसकी तैयारी के लिए रणनीति बनाएं। यदि परीक्षा में वैकल्पिक विषयों की बात करें, तो प्रथम वैकल्पिक विषय के रूप में इतिहास लेने वालों की संख्या बहुत है, क्योंकि विषय की प्रकृति एवं स्वरूप काफी सरल है। इस विषय से मुख्य परीक्षा में सवाल भी सीधे और सरल पूछे जाते हैं। साथ ही, इतिहास से मेन्स एवं प्रीलिम्स दोनों में सफलता की दर भी काफी है। यदि आपने वैकल्पिक विषय के रूप में इतिहास का चयन किया है, तो जरूरी है कि पहले सिलेबस का गहन अध्ययन करें और पिछले वर्ष पूछे गए प्रश्नों की प्रकृति को समझें। यदि इस तरह की रणनीति बनाकर इतिहास विषय की तैयारी करते हैं, तो आप इस विषय में बेहतर स्कोर कर सकते हैं।

सिलेबस स्कैन

इतिहास के पाठ्यक्रम को निम्नलिखित वर्गो में बांटा जा सकता है-

प्राचीन भारत का इतिहास

मध्यकालीन भारत का इतिहास

आधुनिक भारत का इतिहास

आधुनिक विश्व का इतिहास

प्राचीन भारत और मध्यकालीन भारत के इतिहास की विषय सामग्री संयुक्त रूप से प्रथम प्रश्नपत्र बनता है, जबकि आधुनिक भारत का इतिहास एवं आधुनिक विश्व के इतिहास को मिलाकर द्वितीय प्रश्नपत्र बनता है। प्रत्येक प्रश्नपत्र दो खंडों में बंटा होता है। साथ ही, प्रत्येक प्रश्नपत्र में प्रत्येक खंड से एक-एक अनिवार्य प्रश्न सहित कुल पांच प्रश्न करने होते है।

कोर एरिया


वैसे तो इतिहास का हर एक पहलू परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। फिर भी बेहतर अंकों के लिए प्रत्येक सेक्शन से प्रश्नपत्रों एवं पाठ्यक्रम के विश्लेषण से कोर एरिया को चिथ्ति कर सकते हैं। जैसे-प्राचीन भारत के इतिहास में सिंधु घाटी सभ्यता, वैदिक व उत्तर वैदिक संस्कृति, मौर्यकाल व गुप्त काल के हर एक पहलू का समग्र अध्ययन काफी अंकदायी हो सकता है। ठीक उसी प्रकार मध्यकालीन भारत एवं आधुनिक भारत के इतिहास तथा आधुनिक विश्व के इतिहास से भी कोर एरिया को रेखांकित किया जा सकता है।

प्रश्नों का विश्लेषण

इतिहास के प्रथम प्रश्नपत्र के प्रथम खंड में अनिवार्य प्रश्न के रूप में हिस्टोरिकल साइट्स की मैपिंग करनी होती है। इसकी तैयारी पिछले वर्षो के प्रश्नों कर सकते हैं। द्वितीय प्रश्नपत्र के लघु उत्तरीय प्रश्न की तैयारी पूरे सिलेबस से करनी चाहिए। इनमें उन टॉपिक को शॉट्स नोट्स के लिए चूनें जिससे दीर्घ उत्तरीय प्रश्न बनने की संभावना काफी कम हो।

लिखकर करें अभ्यास


मुख्य परीक्षा में भाषा शैली और कम शब्दों में सभी बातों को समेटने की कला आनी चाहिए। यह कला लिखकर अभ्यास करने से निखरेगी। इसके अभ्यास में शब्दसीमा का भी ध्यान रखें।

मुख्य बातें

शब्द सीमा का रखें ध्यान

एनसीईआरटी पुस्तक को बनाएं आधार

हिस्टोरिकल साइट्स की करें मैपिंग

महत्वपूर्ण पुस्तकें

एनसीईआरटी की 12वीं कक्षा तक की इतिहास की किताबें

इग्नू का इतिहास का स्टडी मैटेरियल

प्राचीन भारत का इतिहास: झा एवं श्रीमाली

मध्यकालीन भारत : सतीश चंद्रा,

: हरीशचन्द्र वर्मा (वॉल-1)

आधुनिक भारत : विपिन चंद्रा,

: बी.एल ग्रोवर एवं यशपाल

विश्व इतिहास : एनसीईआरटी,: जैन एवं माथुर

विजय झा

Jagran Josh
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Education Desk

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