इन दिनों सरकारी नौकरी हर कोई चाहता है, लेकिन सफलता उन्हें ही मिलती है, जो कठिन मेहनत करते हैं। अगर आप भी एमबीए हैं और सरकारी नौकरी करने के इच्छुक हैं, तो यूनियन बैंक में आपके लिए सुनहरा अवसर है। हाल ही में यूनियन बैंक ने कस्टमर रिलेशन एक्जीक्यूटिव पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। कुल पदों की संख्या 370 है। ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 24 अक्टूबर तथा परीक्षा की तिथि 11 दिसंबर, 2011 है।
उम्र और योग्यता
इस परीक्षा के लिए आपकी उम्र सीमा न्यूनतम 21 वर्ष और अधिकतम 30 वर्ष जरूरी है। आरक्षण के दायरे में आनेवाले स्टूडेंट्स को सरकारी नियमानुसार छूट का प्रावधान है। यदि आप बीए में 60 प्रतिशत अंक लाए हैं और मान्यता प्राप्त संस्थान से एमबीए उत्तीर्ण हैं, तो आप इस परीक्षा को देने के लिए योग्य हैं।
किस तरह की परीक्षा
इसकी परीक्षा वस्तुनिष्ठ प्रकार की होगी, जिसमें पांच क्षेत्रों से संबंधित प्रश्न होंगे। कुल 250 अंकों की परीक्षा होगी, जिसके अंतर्गत रीजनिंग, इंग्लिश लैंग्वेज, न्यूमेरिकल एबिलिटी, कम्प्यूटर नॉलेज और जनरल अवेयरनेस से संबंधित प्रश्न होंगे। रीजनिंग में वर्बल और नॉन वर्बल दोनों तरह के प्रश्न पूछे जाएंगे। वर्बल में नंबर सीरीज, अल्फाबेट सीरीज, डायरेक्शन टेस्ट, कोडिंग-डिकोडिंग, नंबर रैंकिंग, अर्थमैटिकल रीजनिंग, ब्लड रिलेशन, एनॉलाजी, डीसीजन मेकिंग आदि के प्रश्न पूछे जा सकते हैं। नॉनवर्बल में ग्रुपिंग, फिगर रिलेशनशिप और सीरीज के प्रश्न होंगे। वहीं गणित में संख्या पद्धति, सरलीकरण, वर्ग तथा वर्गमूल, भिन्न, प्रतिशतता, ब्याज, औसत, चाल-समय, क्षेत्रफल के अलावा अनुपात एवं समानुपात से प्रश्न रहेंगे। अंग्रेजी में कॉमन एरर, प्रीपोजीशन, सिनोनिम्स एंड एंटोनिम्स, स्पेलिंग रूल्स, सेंटेंस कंपलीशन, सेंटेंस इंप्रूवमेंट, क्लोज टेस्ट से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे। इसी तरह कंप्यूटर से रिलेटेड प्रश्न रहेंगे और जनरल अवेयरनेस के अंतर्गत बैंकिंग से संबंधित प्रश्नों की संख्या अधिक रहेगी। वस्तुनिष्ठ पेपर में निगेटिव मार्किग होगी।
कैसे मिलेगी सफलता
अगर आप भी इस परीक्षा में सफल होना चाहते हैं, तो सबसे पहले पैटर्न का गहन अध्ययन करें और उसी के अनुरूप तैयारी को अंतिम रूप देने की कोशिश करें। अगर आप वस्तुनिष्ठ परीक्षा की तैयारी निर्धारित समय-सीमा के अंदर सिलेबस के अनुरूप करते हैं, तो सफलता प्राप्त कर सकते हैं। वर्बल रीजनिंग में अच्छे अंक नियमों की जानकारी और अभ्यास के द्वारा हासिल किए जाते हैं, वहीं नॉनवर्बल में अभ्यास ही सफलता का असली आधार होता है। गणित में सभी प्रश्न कांसेप्ट पर आधारित होते हैं। इस कारण कांसेप्ट क्लियर होने के बाद आप किसी भी तरह के प्रश्नों को आसानी से हल कर सकते हैं। बैंक में प्रश्नों का रीपिटेशन बहुत कम होता है, लेकिन उसके आधार पर प्रश्न काफी पूछे जाते हैं। इस स्थिति में यदि आपको कांसेप्ट क्लियर नहीं है, तो अभ्यास के बावजूद इसमें बेहतर स्कोर नहीं ला सकते हैं। इसमें शॉर्ट ट्रिक और सूत्रों को जाने बिना सफल होना नामुमकिन है। इन ट्रिकों को कोचिंगों एवं बाजार में उपलब्ध पुस्तकों से सीखा जा सकता है। अंग्रेजी में सफलता के लिए तीन चीजों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है वे हैं- ग्रामर की जानकारी और शब्दों का सही प्रयोग, स्पेलिंग की सटीक जानकारी और सेंटेंस फॉर्मेशन में निपुणता। इसके लिए जरूरी है कि आप एक ग्रामर बुक पढने के साथ ही राष्ट्रीय अंग्रेजी अखबार का नियमित अध्ययन करें और शब्द भंडार बढाने की कोशिश करें। इसी तरह आप कंप्यूटर से संबंधित जानकारी के लिए किसी एक प्रामाणिक पुस्तक का अध्ययन कर सकते हैं। वस्तुनिष्ठ परीक्षा में सफलता की कुंजी अभ्यास है। आप निर्धारित समय सीमा के अंदर यदि सभी प्रश्नों को हल करने का अभ्यास करते हैं, तो सफलता के चांसेज काफी बढ जाते हैं।
जीडी और पीआई है महत्वपूर्ण
जीडी में शामिल होने का एक महत्वपूर्ण नियम यह है कि आप उसमें बोलें जरूर। बोलने से पूर्व दो मिनट तक उस मुद्दे पर विचार कर लें। डिस्कशन की शुरुआत करना एक रिस्क-हाई रिटर्न स्ट्रेटेजी है। अधिकांश जीडी में शुरुआती स्पीकर को ही सबसे अधिक गैर-रुकावटी समय मिलता है। लिहाजा, आकलनकर्ताओं को शुरुआती स्पीकर्स का आकलन करने का श्रेष्ठ मौका मिलता है। यदि शुरुआती स्पीकर पते की बात करता है तो वह समूह को सही दिशा देता है। यदि पहला स्पीकर हल्की बात करता है तो अपनी कमी के कारण उस पर आकलनकर्ताओं का कम ध्यान जाएगा, इसलिए पहले तभी बोलें, जब आपके पास कहने को जरूरी बात हो। अंत में बोलना हो, तो बात का ठीक से उपसंहार तलाशें। अन्य विचारों को भी उसमें स्थान दें। यदि समूह एकमत न हुआ हो, तो उसे अपनी बात में रखें, लेकिन याद रखें किसी समझौते के बारे में अधिक जोर न दें। जीडी में सफलता के लिए करेंट की जानकारी जरूरी है। सामयिक मुद्दों के लिए अखबार एवं पत्रिकाएं पढें। खासकर सालाना अंक, जिनमें पूरे वर्ष का लेखा-जोखा होता है। टीवी पर समाचार और सामयिक मुद्दों पर आने वाले कार्यक्रम देखें। आर्थिक विषयों के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) संबंधी बुनियादी नियमों को जानें। स्टॉक मार्केट, उदारीकरण, रोजगार हालात, पूंजी परिवर्तनीयता, रुपये और डॉलर के बीच का अंतर, आयात-निर्यात और समाजवाद बनाम पूंजीवाद जैसे विषयों के बारे में भी जानकारी एकत्र करें। विशेष सेक्टरों के विषयों में जैसे सूचना प्रौद्योगिकी, आइटी आधारित सेवाओं, बैंकिंग, बीमा, रिटेल, टेलीकॉम, स्वास्थ्यसेवा, कृषि आदि पर एक-दो पेजों के नोट्स बनाने से शुरुआत कर सकते हैं। गत वर्ष हरेक क्षेत्र में हुए विकास और उम्मीदों पर नजर रखें। केवल ज्ञान ही काफी नहीं। अगला कदम अपनी संप्रेषण क्षमता को बेहतर बनाना होता है। जीडी जैसे माहौल में बोलने के लिए एक ग्रुप गठित करें, जो रोज मिले और किसी विषय पर बात करें।
विजय झा
यूनियन बैंक में कस्टमर रिलेशन एक्जीक्यूटिव
इन दिनों सरकारी नौकरी हर कोई चाहता है, लेकिन सफलता उन्हें ही मिलती है, जो कठिन मेहनत करते हैं
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