संसदीय पैनल ने एक सुझाव के तहत कहा है कि संघ लोक सेवा आयोग को भारतीय विदेश सेवा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों के लिए एक अतिरिक्त जाँच परीक्षा का आयोजन किया जाना चाहिए. इस पेपर में उत्तीर्ण होना चयन प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण भाग होगा.
चयनित उम्मीदवारों की गुणवत्ता में गिरावट का हवाला देते हुए पैनल ने इस संशोधन का सुझाव दिया है. आईएफएस कैडर के लिए चयन सिविल सर्विस परीक्षा के द्वारा किया जाता है. इस अतिरिक्त पेपर के शामिल किये जाने से भावी आईएफएस उम्मीदवारों के ज्ञान का और अच्छे ढंग से परिक्षण किया जा सकेगा. इस पेपर उम्मीदवारों के अंतरराष्ट्रीय मामलों से सम्बन्धित ज्ञान के परिक्षण करने के साथ साथ अन्य आवश्यक अभियोग्यताओं का भी परिक्षण किया जा सकेगा.
इसके अतिरिक्त इंटरव्यू बोर्ड से भी यह कहा जा सकता हैं कि वे साक्षात्कार में शामिल उम्मीदवारों में से राजनयिक सेवा के लिए उपयुक्त उम्मीदवारों की सिफारिश करें.
मेधा सूची में नीचे स्थान वाले उम्मीदवारों का आईएफएस कैडर के लिए चयन किया जाना भी अधिकारीयों की गुणवत्ता में गिरावट होने का एक महत्वपूर्ण कारण है
हर वर्ष 2700 चयनित उम्मीदवारों में से केवल 30 से 35 अधिकारी ही विदेश मंत्रालय के लिए नियुक्त किया जाते हैं. पनैल ने एनआरआई को भी भर्ती करने का सुझाव दिया है इस शर्त पर की उम्मीदवार प्रोबेशन के दौरान किसी एक भारतीय भाषा में प्रवीणता प्राप्त कर ले.
संसदीय पैनल द्वारा इन सुझावों एवं सिफारिशों का लक्ष्य यह है कि राजनयिकों की संख्या में बढ़ोतरी हो एवं बेहतर गुणवत्ता आधारित चयन प्रक्रिया को अपनाया जाये.
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