कुछ महीने पहले जयपुर में इंडियन ऑयल के डिपो में लगी भीषण आग ने कई हफ्ते तक गुलाबी नगरी के लोगों को परेशानी और दहशत में रखा। अक्सर गर्मियां आने के साथ ही फैक्टरियों और घनी आबादी वाले इलाकों में आमतौर पर आग लगने की घटनाएं भी बढ जाती हैं। ऐसे में फायरब्रिगेड की टीम में शामिल कर्मी जान जोखिम में डालकर जान-माल की रक्षा करने की हर संभव कोशिश करते हैं। इतना ही नहीं, आग से बचाव के लिए अब तो प्राय: सभी इमारतों और ऑफिसों में एंटीफायर सिस्टम लगाया जाना भी अनिवार्य कर दिया गया है। इस तरह देखा जाए तो यह फील्ड उन युवाओं के लिए बेहद उपयुक्त है, जो रोमांच की दुनिया में करियर बनाने के साथ-साथ मानवता की सेवा करने की भावना भी रखते हैं।
बढती डिमांड
आज चलती कारों में, बडे-बडे मॉल्स में, सुरक्षित मानी जाने वाली ऊंची-ऊंची इमारतों में आग लगने की बढती घटनाओं को देखते हुए फायर सेफ्टी के नियम कडे कर दिए गए हैं। ऐसे में जाहिर है फायर टेक्नोलॉजी में प्रशिक्षित कर्मचारियों की डिमांड भी बढेगी, लेकिन एक बडी तब्दीली यह आई है कि पहले जहां केवल फायर बिग्रेड में ही इन कर्मचारियों की जरूरत होती थी, अब कोई भी इमारत खडी होने से पहले ही फायर इंजीनियर की जरूरत महसूस होने लगी है। अब आग लगे ही नहीं, इसलिए सुरक्षा उपायों को पहले से मजबूत करने पर जोर दिया जाने लगा है। आजकल हर जगह इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस का बोलबाला है। ऐसे में शार्ट सर्किट से आग लगने का अंदेशा हमेशा बना रहता है। यही कारण है कि हर जगह अग्निरोधी मानकों को बहुत महत्व दिया जाने लगा है। इस तरह के काम में फायर इंजीनियर एक्सपर्ट्स होते हैं। मौजूदा दौर में इनकी काफी मांग है। फायर इंजीनियरिंग के एक्सपर्ट्स की बढती डिमांड को देखते हुए अब इस क्षेत्र में युवाओं की दिलचस्पी भी बढने लगी है।
कैसे पाएं एंट्री
नेशनल फायर सर्विस कॉलेज, नागपुर द्वारा बीई इन फायर डिग्री कोर्स कराया जाता है। इसकी अवधि साढे तीन वर्ष है। इसमें प्रवेश के लिए ऑल इंडिया एंटे्रंस एग्जाम होता है। केमिस्ट्री के साथ फिजिक्स या गणित विषय सहित 50 प्रतिशत अंकों के साथ बारहवीं उत्तीर्ण और 19-23 वर्ष की उम्र के युवा इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। पुरुषों के लिए न्यूनतम लंबाई 165 सेंटीमीटर, वजन 50 किग्रा तथा महिलाओं के लिए न्यूनतम लंबाई 157 सेंटीमीटर, वजन 46 किग्रा अनिवार्य है। आई विजन 6/6 होना चाहिए। इसमें प्रवेश के लिए लिखित परीक्षा हर साल दिसंबर माह में होती है। इस परीक्षा में दो सेशन होते हैं। पहला सेशन जनरल अंग्रेजी तथा सामान्य ज्ञान का, दूसरा जनरल साइंस व मैथ्स का होता है। लिखित परीक्षा केन्द्र मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, नई दिल्ली तथा नागपुर में हैं। जूनियर लेवल पर फायर प्रोफेशनल्स की ट्रेनिंग स्टेट फायर ट्रेनिंग स्कूलों में होती है, जबकि ऑफिसर की ट्रेनिंग नेशनल फायर सर्विस कॉलेज, नागपुर में की जाती है।
काम का स्वरूप
फायर इंजीनियर्स का मुख्य कार्य आग लगने के कारणों और उसे रोकने के उपायों पर विश्लेषण करना होता है। आग लगने पर फायर इंजीनियर्स आग पर नियंत्रण पाने के लिए तुरंत स्ट्रेटजी बनाते हैं, इनके दिशा निर्देशों पर ही अग्निशमन कर्मचारी कार्य करते हैं।
कहां होती है जरूरत
महानगरों में जहां कई फायर स्टेशन होते हैं, वहीं देश के हर जिले में फायर स्टेशन होता है। सरकारी नियमों के अनुसार, प्रत्येक सरकारी व गैर-सरकारी कंपनी में एक फायर इंजीनियर की नियुक्ति आवश्यक है। आंकडों पर नजर डालें, तो करीब दो हजार फायर स्टेशनों में मात्र करीब सत्तर हजार प्रोफेशनल्स सब-ऑफिसर, स्टेशन ऑफिसर, डिवीजनल ऑफिसर आदि पदों पर काम कर रहे हैं। आने वाले दिनों में फायर प्रोफेशनल्स की कमी को देखते हुए इस क्षेत्र में नौकरियों में वृद्धि की व्यापक संभावनाएं हैं। फायर इंजीनियर की आवश्यकता अग्निशमन विभाग के अतिरिक्त आर्किटेक्चर और बिल्डिंग निर्माण, इंश्योरेंस एसेसमेंट, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, रिफाइनरी, प्लास्टिक, एलपीजी तथा केमिकल्स प्लांट, सरकारी विभागों, एयरक्राफ्ट आदि क्षेत्रों में होती है। अब तो प्राइवेट कंपनियों में भी फायर प्रोटेक्शन के प्रति लोगों में जागरूकता के चलते फायर इंजीनियर को अप्वाइंट किया जाने लगा है। फायर इंजीनियर इंश्योरेंस सर्वेयर के तौर पर बीमा कंपनियों में भी कार्यरत हैं। इंस्टीट्यूट वॉच फायर इंजीनियरिंग कोर्स मुख्यत: नेशनल फायर सर्विस कॉलेज, नागपुर द्वारा संचालित किया जाता है। हालांकि अब देश के कई बडे शहरों में स्थित निजी संस्थान भी फायर इंजीनियरिंग से संबंधित सर्टिफिकेट, डिप्लोमा तथा पीजी डिप्लोमा इत्यादि कोर्स कराते हैं। इनमें से प्रमुख हैं: नेशनल फायर सर्विस कॉलेज, पालम रोड, सिविल लाइन, नागपुर
वेबसाइट : www.nfscngp. sanchar.net.in
डेल्ही इंस्टीट्यूट ऑफ फायर इंजीनियरिंग, जी-579, राजनगर, सेक्टर-7, द्वारका, नई दिल्ली, फोन : 011-32474700
ई-मेल : contact_difeyahoo.co.in
वेबसाइट : www.dife.in
इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फायर इंजीनियरिंग, सेफ्टी ऐंड सिक्युरिटी मैनेजमेंट, पुणे
इंस्टीट्यूट ऑफ फायर एंड सेफ्टी टेक्नोलॉजी, त्रिपुरा, केरल
हैदराबाद इंस्टीट्यूट ऑफ फायर इंजीनियरिंग, हैदराबाद, आंध्र प्रदेश
(दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ फायर इंजीनियरिंग के चेयरमैन वीरेन्द्र गर्ग से बातचीत पर आधारित)
फीचर टीम
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