केंद्र सरकार ने संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा के नियमों में परिवर्तन करते हुए सिविल सेवा (प्रा.) परीक्षा 2015 में सामान्य अध्ययन द्वितीय प्रश्न पत्र (सीसैट) को क्वालिफाइंग बनाने का निर्णय लिया. यह जानकारी 13 मई 2014 को दी गई. इस पेपर में न्यूनतम 33 प्रतिशत अंक लाना आवश्यक होगा.
केंद्र सरकार ने सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट (सीसैट) के सभी पहलुओं पर विचार के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का भी फैसला किया है. यह समिति योग्यता, पाठ्यक्रम और परीक्षा की पद्धति पर व्यापक विचार करेगी.
केंद्र सरकार ने सिविल सेवा परीक्षा के संबध में निम्नलिखित तथ्यों को मंजूरी दी.
• योग्यता, पाठ्यक्रम, योजना और सिविल सेवा परीक्षा की पद्धति जैसी समय- समय पर उठाए जाने वाले विभिन्न मुद्दों की व्यापक जांच करने वाली एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया जाएगा.
• उपरोक्त समिति की अनुशंसा पर फैसला करने के लिए जब तक सरकार समय लेती है, सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा में सामान्य अध्ययन पत्र-II (सीएसएटी) एक योग्यता पत्र बना रहेगा जिसमें न्यूनतम आर्हता प्राप्तांक 33 फीसदी निर्धारित होगा.
• सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा में सामान्य अध्ययन पत्र-II से अंग्रेजी भाषा बोध कौशल अंश गत वर्ष की भांति अलग बना रहेगा.
• उपरोक्त निर्णय को सिविल सेवा नियमावली 2015 में समावेशित कर लिया गया.
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ज्ञातव्य है कि जुलाई 2014 में संघ लोक सेवा आयोग द्वारा ली जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया था. छात्र सीसैट (प्रारंभिक परीक्षा में पेपर-2) में बदलाव की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए थे. छात्रों का दावा था कि पेपर-2 में आने वाले प्रश्नों के कारण ग्रामीण पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाले अभ्यर्थियों को दिक्कतें होती हैं. आन्दोलन के बाद प्रारंभिक परीक्षा से ठीक पहले सरकार ने अंग्रेजी कंप्रिहेंशन के अंक को मेरिट में नहीं जोड़ने का फैसला किया था.
हालांकि परीक्षा के पैटर्न में आमूल-चूल परिवर्तन नहीं हुआ है. अभ्यर्थियों को अभी भी जीएस-1 और जीएस-2 दोनों पेपर देने होंगे.
सिविल सेवा (प्रा.) परीक्षा 2015: सीसैट को क्वालिफाइंग बनाने का निर्णय
केंद्र सरकार ने संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा के नियमों में परिवर्तन करते हुए सिविल सेवा (प्रा.) परीक्षा 2015 में सामान्य अध्ययन द्वितीय प्रश्न पत्र (सीसैट) को क्वालिफाइंग बनाने का निर्णय किया.
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