इंटरनेशनल बिज़नस में सफल करियर शुरू करने के टिप्स

इंटरनेशनल बिजनेस का कोर्स ज्वाइन करने का लक्ष्य स्टूडेंट्स को दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं के बारे में सटीक और महत्त्वपूर्ण जानकारी देना है.

Anjali Thakur
Mar 15, 2021, 12:19 IST
International Business
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इंटरनेशनल बिजनेस का कोर्स ज्वाइन करने का लक्ष्य स्टूडेंट्स को दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं के बारे में सटीक और महत्त्वपूर्ण जानकारी देना है. ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में चीन, जापान और भारत जैसे कई देश एक-दूसरे के साथ ट्रेड रिलेशन्स से जुड़े हुए हैं. इसलिए, इस आर्टिकल में इंटरनेशनल बिजनेस में सफल करियर शुरू करने के टिप्स पेश हैं.

इंटरनेशनल बिजनेस (आईबी) मैनेजर का जॉब प्रोफाइल

इंटरनेशनल बिजनेस मैनेजर का काम काफी विविधतापूर्ण होता है. वह अपनी बिजनेस यूनिट के लिए लाभप्रद इंटरनेशनल विस्तार सुनिश्चित करने के लिए स्ट्रेटेजिक बिजनेस प्लान्स बनाने जैसे अन्य कई फंक्शन्स को मैनेज करता/ करती है. इंटरनेशनल ट्रेड से संबंधित इश्यूज की पहचान करना और उनके संभावित समाधान निकालने का काम भी इनके जिम्मे है. इसके अलावा, मेजवान देश के बिजनेस टर्म्स को समझने में अपने क्लाइंट्स की सहायता करना और बिजनेस के कामकाज को सरल बनाना ताकि हमारे देश में इंवेस्ट करने में विदेशी बिजनेस क्लाइंट्स इच्छुक हों. उक्त कुछ ऐसे कार्य हैं जिनके लिए किसी भी संगठन के इंटरनेशनल बिजनेस मैनेजर जिम्मेदार होते हैं.

भारत में टॉप इंटरनेशनल बिजनेस इंस्टिट्यूट्स

एनआईआरएफ रैंकिंग के अनुसार, इंटरनेशनल बिजनेस में कोर्स करवाने वाले टॉप 10 इंस्टिट्यूट्स निम्नलिखित हैं:

क्रम संख्या

इंस्टिट्यूट

लोकेशन

1

इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट

अहमदाबाद

2

इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट

बैंगलोर

3

इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट

कलकत्ता

4

इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट

लखनऊ

5

इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी

बॉम्बे

6

इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट

कोज़ीकोड

7

इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी

खड़गपुर

8

इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ फॉरेन ट्रेड

दिल्ली

9

ज़ेवियर लेबर रिलेशन्स इंस्टिट्यूट

जमशेदपुर

10

मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट

गुडगाँव

मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी), भारत सरकार द्वारा देश में बेहतरीन इंस्टिट्यूट्स को स्वीकृति देने के लिए प्रत्येक वर्ष एनआईआरएफ रैंकिंग्स जारी की जाती हैं.

भारत में इंटरनेशनल बिजनेस में एडमिशन लेने के लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम्स

यह एक बेसिक तरीका है जिससे स्टूडेंट का टेस्ट लिया जाता है कि वह उक्त कोर्स करने के लिए एकेडेमिक तौर पर फिट है या नहीं. इंटरनेशनल बिजनेस क्योंकि एक प्रोफेशनल कोर्स है, इसलिये विभिन्न यूनिवर्सिटीज और इंस्टिट्यूट्स के अपने एमबीए एंट्रेंस एग्जाम्स हैं जिनसे एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट के रैंक का पता चलता है. विभिन्न इंटरनेशनल बिजनेस कोर्सेज में एडमिशन लेने के लिए कुछ लोकप्रिय एंट्रेंस एग्जाम्स के बारे में आइये चर्चा करें:

अंडरग्रेजुएट डिग्री

  • एनएमएटी (यूजी): एनएमआईएमएस मैनेजमेंट एप्टीट्यूड टेस्ट (अंडरग्रेजुएट)
  • जीजीएसआईपीयू सीईटी: गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय कॉमन एंट्रेंस टेस्ट
  • डीयू जेईटी: दिल्ली विश्वविद्यालय ज्वाइंट एंट्रेंस टेस्ट
  • क्राइस्ट यूनिवर्सिटी बीबीए एंट्रेंस एग्जाम
  • एसईटी: सिम्बायोसिस एंट्रेंस टेस्ट

पोस्टग्रेजुएट डिग्री

  • सीएटी
  • एक्सएटी
  • सीएमएटी
  • आईआईएफटी
  • एसएनएपी

डॉक्टोरल डिग्री

  • डिपार्टमेंट ऑफ़ मैनेजमेंट स्टडीज आईआईटी दिल्ली एंट्रेंस एग्जाम
  • दिल्ली विश्वविद्यालय, फैकल्टी ऑफ़ मैनेजमेंट स्टडीज एंट्रेंस एग्जाम
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ फॉरेन ट्रेड एंट्रेंस एग्जाम
  • क्राइस्ट यूनिवर्सिटी एंट्रेंस एग्जाम
  • नरसी मोंजी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज एंट्रेंस एग्जाम

आईबी मैनेजर्स का सैलरी पैकेज

मौजूदा समय में इंटरनेशनल फील्ड में स्पेशलाइजेशन करना काफी फायदेमंद है. आजकल विश्व एक ग्लोबल विलेज बन चुका है और सभी देशों की अर्थव्यवस्थाएं ट्रेड रिलेशन्स को बढ़ावा दे रही हैं और आपस में मधुर बिजनेस रिलेशन्स कायम कर रही हैं. इसलिये, इस फील्ड में विकास के ढेरों अवसर मौजूद हैं.

इस फील्ड में जैसे-जैसे आपका कार्य-अनुभव बढ़ता है, ठीक वैसे-वैसे ही आपकी सैलरी भी बढ़ती जाती है. इंटरनेशनल बिजनेस की फील्ड में सैलरी प्रॉस्पेक्ट्स पर एक नजर डालें:

कार्य अनुभव के वर्ष

सैलरी (रुपये)

एक वर्ष से कम (फ्रेशर्स)

2-3लाख

1-4 वर्ष

3-6लाख

5-9 वर्ष

7-13लाख

10-20 वर्ष

<15लाख

सोर्स: पेस्केल.कॉम

भारत में इंटरनेशनल बिजनेस ग्रेजुएट्स के लिए टॉप रिक्रूटर्स

इंटरनेशनल बिजनेस के क्षेत्र में कई स्थापित और प्रसिद्ध ब्रांड्स हैं जो स्टूडेंट्स को बेहतरीन अवसर मुहैया करवाते हैं. अब, यह चयन आपको करना है कि आप कैंपस प्लेसमेंट्स के दौरान रिक्रूटर्स द्वारा ऑफर की गई कौन-सी पोस्ट या फिर, कौन-सी जॉब प्रोफाइल को ज्वाइन करना चाहते हैं? इसलिये, नीचे कुछ प्रसिद्ध ब्रांड्स की लिस्ट पेश है ताकि इंटरनेशनल बिजनेस ग्रेजुएट्स अपने सुनहरे भविष्य के लिए, एमबीए प्लेसमेंट्स के समय इन ब्रांड्स में जॉब के अवसर जरुर तलाश करें:  

  1. विप्रो
  2. भारती एयरटेल
  3. आईसीआईसीआई बैंक
  4. एक्सेंचर
  5. टीसीएस
  6. केपीजीएम
  7. अमेज़न
  8. गोल्डमैन सैश्स
  9. एचएसबीसी
  10. कॉग्निजेंट
  11. कैपजेमिनी
  12. डेलॉयट

इंटरनेशनल बिजनेस (आईबी) इंस्टिट्यूट्स में एडमिशन कैसे लें?

जहां तक एडमिशन प्रोसेस का सवाल है, एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया और एंट्रेंस एग्जाम्स, दोनों ही आवश्यक हैं. इसलिये, किसी भी एंट्रेंस एग्जाम के लिए अप्लाई या नाम रजिस्टर करने से पहले, आप इसके एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को बहुत सावधानीपूर्वक पढ़ें. जब आपने डॉक्यूमेंट में उल्लिखित सभी शर्तों और नियमों को अच्छी तरह पढ़ और समझ लिया हो, केवल उसके बाद ही एग्जाम के लिए अप्लाई करें. बाद में डिसक्वालिफाई होने से बचने के लिए स्टूडेंट्स के लिए यह जरुरी है कि सभी जरुरी रिक्वायरमेंट्स पूरी करें.

एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया

यह सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है जिससे इस बात का पहले पता लगाया जाता है कि किसी स्टूडेंट को किसी निर्धारित कोर्स में एडमिशन लेना चाहिए या नहीं? विभिन्न लेवल्स पर इंटरनेशनल बिजनेस कोर्स में एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया के बारे में आइये चर्चा करें:

अंडरग्रेजुएट डिग्री

अंडरग्रेजुएट लेवल कोर्स किसी भी विषय से 10+2 क्लास पास करने के बाद किया जा सकता है. इंटरनेशनल बिजनेस में अंडरग्रेजुएट कोर्स करने के लिए स्टूडेंट्स ने 10+2 क्लास में अवश्य कम से कम 50% कुल मार्क्स प्राप्त किये हों.

पोस्टग्रेजुएट डिग्री

पोस्टग्रेजुएट कोर्स के लिए, स्टूडेंट ने किसी मान्यताप्राप्त यूनिवर्सिटी या कॉलेज से किसी भी विषय में कम से कम 50% कुल मार्क्स के साथ ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की हो.

डॉक्टोरल डिग्री

डॉक्टोरल डिग्री करने के लिए, स्टूडेंट के पास किसी मान्यताप्राप्त यूनिवर्सिटी या कॉलेज से बिजनेस से संबद्ध किसी विषय में पोस्टग्रेजुएशन की डिग्री हो. इसके बाद इंटरनेशनल बिजनेस कोर्स में पीएचडी करवाने वाली किसी यूनिवर्सिटी या इंस्टिट्यूट द्वारा आयोजित एंट्रेंस एग्जाम देना होगा.

इंटरनेशनल बिजनेस (आईबी) कोर्स का परिचय

इन दिनों पूरी दुनिया ग्लोबल विलेज बन चुकी है. दुनिया-भर के सभी कारोबार एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं.  इंटरनेशनल बिजनेस में कोर्स करने के बाद स्टूडेंट्स को दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं के बारे में अच्छी जानकारी हासिल हो जाती है. ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में भारत सहित पूरी दुनिया के अनेक देश एक-दूसरे के साथ ट्रेड रिलेशन्स से जुड़े हैं. इंटरनेशनल बिजनेस कोर्स का प्रमुख उद्देश्य स्टूडेंट्स को मॉडर्न  बिजनेस परिवेश में सभी देशों की अर्थव्यवस्थाओं की परस्पर निर्भरता के बारे में सारी जरुरी जानकारी देना है ताकि वे स्टूडेंट्स एक कामयाब इंटरनेशनल बिजनेस मैनेजर के तौर पर अपना करियर शुरू कर सकें.

इंटरनेशनल बिजनेस (आईबी) कोर्स के सब-स्पेशलाइजेशन्स

इंटरनेशनल बिजनेस फील्ड के तहत पढ़ाए जाने वाले विषयों का लक्ष्य ग्लोबल बिजनेस परिवेश के लिए स्टूडेंट्स की सोच और विश्लेषण संबंधी स्किल्स को व्यापक बनाया जा सके. यहां कुछ ऐसे विषयों का विवरण पेश है जो विभिन्न इंस्टिट्यूट्स और यूनिवर्सिटीज में इंटरनेशनल बिजनेस ग्रेजुएट्स को पढ़ाये जाते हैं:

इंटरनेशनल सप्लाई चेन मैनेजमेंट

इंटरनेशनल बिजनेस स्टूडेंट्स को यह विषय पढ़ाने का सबसे महत्वपूर्ण कारण इंटरनेशनल मार्केट में फर्म्स के लिए इंटरनेशनल लॉजिस्टिक्स (आईएल) और सप्लाई चेन मैनेजमेंट (एससीएम) जैसे विषय और उनकी स्ट्रेटेजिक इम्पोर्टेंस समझाने हेतु जानकारी प्रदान करना है.

इंटरनेशनल मार्केटिंग

इस विषय का मकसद स्टूडेंट्स को उन मार्केटिंग प्रिंसिपल्स के बारे में समझ और जानकारी प्रदान करना है जो उन संगठनों पर लागू होते हैं जो विदेशी कारोबारियों के साथ कड़ी प्रतियोगिता के बीच भी एक देश से ज्यादा देशों में बिजनेस करते हैं. इस विषय के तहत इंटरनेशनल मार्केट्स में एडवरटाइजिंग और ब्रांडिंग के महत्व जैसे इश्यूज शामिल किये जाते हैं.

फाइनेंशल डेरीवेटिव्स और रिस्क मैनेजमेंट

फाइनेंशल पर्सपेक्टिव से, डेरीवेटिव्स की स्टडी करने के माध्यम से स्टूडेंट्स इंटरनेशनल मार्केट में जोखिम या रिस्क को मैनेज करने के काबिल बन जाते हैं. 

इंटरनेशनल ट्रेड की फाइनेंसिंग

यह विषय इंटरनेशनल ट्रेड का आधार है क्योंकि इसमें इंटरनेशनल ट्रेड से जुड़े विभिन कन्सेप्ट्स, थ्योरीज के साथ ही फाइनेंस के सोर्सेज तथा फाइनेंस को मैनेज करने के विभिन्न अवेन्यूज के बारे में पढ़ाया जाता है.

बिजनेस के लिए फॉरेन लैंग्वेज

जब इंटरनेशनल ट्रेड और बिजनेस की बात आती है तो लैंग्वेज एक मुख्य रुकावट बन सकती है. इसलिये, प्रत्येक यूनिवर्सिटी या इंस्टिट्यूट आपको फ्रेंच, स्पेनिश, मेंडेरिन आदि लैंग्वेजेज में से कोई एक फॉरेन लैंग्वेज सीखने का अवसर देता है ताकि बिजनेस के दृष्टिकोण से स्टूडेंट्स अपनी पसंद की कम से कम एक लैंग्वेज में महारत हासिल कर लें.

भारत में इंटरनेशनल बिजनेस में करियर प्रॉस्पेक्ट्स

इंटरनेशनल बिजनेस एक आशाजनक मैनेजमेंट फील्ड है जो आपको पूरे विश्व में ट्रेवल करने और सभी किस्म के क्लाइंट्स से इंटरैक्ट करने के अवसर देती है. यह डोमेन मैनेजमेंट के क्रॉस-कल्चरल आस्पेक्ट्स पर फोकस करता है.

आईबी मैनेजर्स के लिए प्रमुख जॉब प्रोफाइल्स

इंटरनेशनल बिजनेस में एमबीए करने के बाद और अपेक्षित अनुभव प्राप्त करके आप निम्नलिखित पोस्ट्स पर काम कर सकते हैं:

  • एक्सपोर्ट मैनेजर्स एंड एग्जीक्यूटिव्स
  • ग्लोबल बिजनेस मैनेजर
  • इंटरनेशनल बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर
  • इंटरनेशनल फाइनेंस मैनेजर
  • इंटरनेशनल लोजिस्टिक्स मैनेजर
  • इंटरनेशनल बिजनेस कंसलटेंट
  • इंटरनेशनल ब्रांड मैनेजर

इंटरनेशनल बिजनेस (आईबी) इंस्टिट्यूट्स में एडमिशन कैसे लें?

जहां तक एडमिशन प्रोसेस का सवाल है, एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया और एंट्रेंस एग्जाम्स, दोनों ही आवश्यक हैं. इसलिये, किसी भी एंट्रेंस एग्जाम के लिए अप्लाई या नाम रजिस्टर करने से पहले, आप इसके एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को बहुत सावधानीपूर्वक पढ़ें. जब आपने डॉक्यूमेंट में उल्लिखित सभी शर्तों और नियमों को अच्छी तरह पढ़ और समझ लिया हो, केवल उसके बाद ही एग्जाम के लिए अप्लाई करें. बाद में डिसक्वालिफाई होने से बचने के लिए स्टूडेंट्स के लिए यह जरुरी है कि सभी जरुरी रिक्वायरमेंट्स पूरी करें.

एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया

यह सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है जिससे इस बात का पहले पता लगाया जाता है कि किसी स्टूडेंट को किसी निर्धारित कोर्स में एडमिशन लेना चाहिए या नहीं? विभिन्न लेवल्स पर इंटरनेशनल बिजनेस कोर्स में एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया के बारे में आइये चर्चा करें:

अंडरग्रेजुएट डिग्री

अंडरग्रेजुएट लेवल कोर्स किसी भी विषय से 10+2 क्लास पास करने के बाद किया जा सकता है. इंटरनेशनल बिजनेस में अंडरग्रेजुएट कोर्स करने के लिए स्टूडेंट्स ने 10+2 क्लास में अवश्य कम से कम 50% कुल मार्क्स प्राप्त किये हों.

पोस्टग्रेजुएट डिग्री

पोस्टग्रेजुएट कोर्स के लिए, स्टूडेंट ने किसी मान्यताप्राप्त यूनिवर्सिटी या कॉलेज से किसी भी विषय में कम से कम 50% कुल मार्क्स के साथ ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की हो.

डॉक्टोरल डिग्री

डॉक्टोरल डिग्री करने के लिए, स्टूडेंट के पास किसी मान्यताप्राप्त यूनिवर्सिटी या कॉलेज से बिजनेस से संबद्ध किसी विषय में पोस्टग्रेजुएशन की डिग्री हो. इसके बाद इंटरनेशनल बिजनेस कोर्स में पीएचडी करवाने वाली किसी यूनिवर्सिटी या इंस्टिट्यूट द्वारा आयोजित एंट्रेंस एग्जाम देना होगा.

इंटरनेशनल बिजनेस (आईबी) में कोर्सेज के प्रकार और अवधि

इंटरनेशनल बिजनेस की फील्ड में कई कोर्सेज उपलब्ध हैं जो 10+2 क्लास पास करने के बाद किये जा सकते हैं. इन कोर्सेज का मकसद स्टूडेंट्स को वर्तमान परिवेश में इंटरनेशनल बिजनेस स्वरूप के बारे में जानकारी देना है. आइये हम कुछ कोर्सेज की चर्चा करें:

डिप्लोमा

इंटरनेशनल बिजनेस में डिप्लोमा आप 10वीं और 12वीं क्लास पास करने के बाद कर सकते हैं.

अंडरग्रेजुएट डिग्री

अंडरग्रेजुएट कोर्स को आमतौर पर इंटरनेशनल बिजनेस में बीबीए या इंटरनेशनल बिजनेस में बीबीएम के नाम से जाना जाता है. इस अंडरग्रेजुएट कोर्स की अवधि 3 वर्ष की है.

पोस्टग्रेजुएट डिग्री

पोस्ट ग्रेजुएट लेवल पर इंटरनेशनल बिजनेस कोर्स को मास्टर ऑफ़ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (आईबी में एमबीए) या मास्टर ऑफ़ इंटरनेशनल बिजनेस (एमआईबी) के नाम से जाना जाता है. इस कोर्स की अवधि 2 वर्ष है.

डॉक्टोरल डिग्री

पोस्टग्रेजुएशन पूरी करने के बाद, आप इंटरनेशनल बिजनेस में पीएचडी कर सकते हैं. आमतौर पर डॉक्टोरल प्रोग्राम की अवधि 3-4 वर्ष है. यह अवधि यूनिवर्सिटी गाइडलाइन्स पर भी निर्भर करती है.

इंटरनेशनल बिजनेस (आईबी) में कोर्सेज के प्रकार और अवधि

इंटरनेशनल बिजनेस की फील्ड में कई कोर्सेज उपलब्ध हैं जो 10+2 क्लास पास करने के बाद किये जा सकते हैं. इन कोर्सेज का मकसद स्टूडेंट्स को वर्तमान परिवेश में इंटरनेशनल बिजनेस स्वरूप के बारे में जानकारी देना है. आइये हम कुछ कोर्सेज की चर्चा करें:

डिप्लोमा

इंटरनेशनल बिजनेस में डिप्लोमा आप 10वीं और 12वीं क्लास पास करने के बाद कर सकते हैं.

अंडरग्रेजुएट डिग्री

अंडरग्रेजुएट कोर्स को आमतौर पर इंटरनेशनल बिजनेस में बीबीए या इंटरनेशनल बिजनेस में बीबीएम के नाम से जाना जाता है. इस अंडरग्रेजुएट कोर्स की अवधि 3 वर्ष की है.

पोस्टग्रेजुएट डिग्री

पोस्ट ग्रेजुएट लेवल पर इंटरनेशनल बिजनेस कोर्स को मास्टर ऑफ़ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (आईबी में एमबीए) या मास्टर ऑफ़ इंटरनेशनल बिजनेस (एमआईबी) के नाम से जाना जाता है. इस कोर्स की अवधि 2 वर्ष है.

डॉक्टोरल डिग्री

पोस्टग्रेजुएशन पूरी करने के बाद, आप इंटरनेशनल बिजनेस में पीएचडी कर सकते हैं. आमतौर पर डॉक्टोरल प्रोग्राम की अवधि 3-4 वर्ष है. यह अवधि यूनिवर्सिटी गाइडलाइन्स पर भी निर्भर करती है.

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