इन दिनों देश-दुनिया में प्रोडक्ट और सर्विसेज के प्रचार के साथ-साथ इंडस्ट्री, बिजनेस हाउसेज, कॉर्पोरेट हाउसेस और सर्विस सेक्टर के लिए मार्केटिंग मैनेजमेंट बहुत आवश्यक है. इस आर्टिकल में हम भारत में मार्केटिंग मैनेजमेंट की फील्ड में प्रमुख करियर्स के बारे में जानकारी पेश कर रहे हैं.
10 + 2 की परीक्षा पास करने के बाद मार्केटिंग मैनेजमेंटके क्षेत्र में स्पेशलाइजेशन का चयन किया जा सकता है.
10 + 2 लेवल के बाद 2 प्रकार के कोर्सेज होते हैं जिनमें आप एडमिशन ले सकते हैं. पहले को डिप्लोमा कोर्स के रूप में जाना जाता है जबकि अन्य अंडर ग्रेजुएट कोर्स के रूप में जाना जाता है. इन दोनों में प्राथमिक अंतर कोर्सेज की समाप्ति में शामिल समय विशेष का होता है.
आइये मार्केटिंग मैनेजमेंट के विभिन्न कोर्सेज पर एक नजर डालते हैं
मार्केटिंग मैनेजमेंट में डिप्लोमा
मार्केटिंग मैनेजमेंट में डिप्लोमा उम्मीदवारों को मार्केटिंग के डोमेन से संबंधित बुनियादी स्तर के नॉलेज और स्किल्स प्रदान करने पर केंद्रित है. इस कोर्स की अवधि 1 वर्ष है.
मार्केटिंग मैनेजमेंट में अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज
मार्केटिंग मैनेजमेंट में अंडर ग्रेजुएट कोर्स को बीए / बीबीए (मार्केटिंग मैनेजमेंट) के रूप में जाना जाता है. बीबीए की डिग्री प्राइवेट कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज द्वारा प्रदान की जाती है जबकि बीए की डिग्री आमतौर पर दिल्ली यूनिवर्सिटी जैसे स्टेट यूनिवर्सिटीज द्वारा आयोजित कोर्सेज के अंतर्गत प्रदान की जाती है.इस कोर्सेज की अवधि 3 साल है.
मार्केटिंग मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेज
मार्केटिंग मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स को मार्केटिंग में एमबीए / एमए के रूप में जाना जाता है. आम तौर पर, एमबीए कोर्सेज के दूसरे वर्ष में मार्केटिंग मैनेजमेंट में स्पेशलाइजेशन की पेशकश की जाती है. कुछ एमबीए इंस्टीट्यूपेट्स मार्केटिंग फील्ड में भी पूर्ण कोर्सेज प्रदान करते हैं. पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेज की अवधि 2 साल है.
मार्केटिंग मैनेजमेंट में डॉक्टरेट कोर्स
मार्केटिंग मैनेजमेंट में डॉक्टरेट कोर्स को पीएचडी के रूप में जाना जाता है. मार्केटिंग मैनेजमेंट में पीएचडी करते समय ऐसे महत्वपूर्ण टॉपिक का चयन रिसर्च के लिए किया जाता है जिसकी मदद से एकेडमी तथा इंडस्ट्री में अभूतपूर्व योगदान दिया जा सके. डॉक्टरेट कोर्स की अवधि आमतौर पर 3-4 साल होती है. लेकिन यह यूनिवर्सिटी / रिसर्च गाइड द्वारा आवंटित समयरेखा के आधार पर भिन्न हो सकती है.
एंट्रेंस एग्जाम आपकी पसंद के कॉलेज / इंस्टीट्यूट में प्रवेश लेने का प्रवेश द्वार है. अधिकतर इंस्टीट्यूट एंट्रेंस एग्जाम में प्राप्त इंडेक्स के आधार पर ही विभिन्न कोर्सेज में एडमिशन देते हैं. इसलिए प्रत्येक लेवल पर एंट्रेंस एग्जाम की सम्पूर्ण जानकारी छात्रों को अवश्य होनी चाहिए.
डिप्लोमा लेवल
डिप्लोमा लेवल के कोर्सेज में एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम प्रत्येक राज्य द्वारा अलग से आयोजित किया जाता है. जिस राज्य से छात्र कोर्स देना चाहता है उस राज्य का एंट्रेंस एग्जाम उसे देना होगा.
पोस्ट ग्रेजुएट लेवल
पोस्ट ग्रेजुएट
डॉक्टरेट कोर्स
रिसर्च मैनेजमेंट एप्टीट्यूड टेस्ट आर-मैट
सिम्बायोसिस यूनिवर्सिटी पीएचडी एंट्रेंस एग्जामिनेशन
यूजीसी नेट
इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) एंट्रेंस एग्जाम
भारत में मार्केटिंग मैनेजमेंट ग्रेजुएट्स को ऑफर किये जाने वाले सब स्पेशलाईजेशन सब्जेक्ट्स
मार्केटिंग के डोमेन में विभिन्न सब स्पेशलाईजेशन सब्जेक्ट्स के अंतर्गत छात्रों को मार्केट की भलीभांति जानकारी रखने वाले ऐसे कैंडिडेट तैयार करने का प्रयास किया जाता है जिसे प्रत्येक इंडस्ट्री बिना किसी शर्त के अपने यहाँ जॉब देने के लिए तत्पर रहती है.नीचे दिए गए सब स्पेशलाईजेशन सब्जेक्ट्स मार्केटिंग डोमेन में पढ़ाये जाते हैं -
इन विशेषज्ञताओं को विपणन संस्थानों में व्यापक रूप से पढ़ाया जाता है। इन डोमेन में अपना आला चुनें और विशेषज्ञ बनाएं:
कंज्यूमर विहैवियर
यह कोर्स मनोवैज्ञानिक, भावनात्मक और शारीरिक कारकों पर प्रकाश डालता है और यह उपभोक्ता को उपभोक्ता वस्तुओं और सेवाओं को खरीदने के लिए प्रेरित करते हैं. इस विषय का उद्देश्य उपभोक्ता दृष्टिकोण और व्यवहार के बारे में समझ को बढ़ाने वाले तकनीकी ज्ञान प्रदान करना है.
डिजिटल मार्केटिंग
यह नवीनतम विषय है जिसे आजकल लगभग सभी संस्थानों द्वारा वरीयता दी जा रही है.यह विषय ऑनलाइन मीडिया में व्यापार और ब्रांड की दृश्यता बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया मार्केटिंग, सर्च इंजन मार्केटिंग (एसईएम) और कंटेंट मार्केटिंग जैसे विषयों के बारे में विस्तृत समझ प्रदान करता है.
मार्केटिंग रिसर्च
मार्केटिंग मैनेजमेंट का मुख्य आधार रिसर्च है.इस सब स्पेशलाईजेशन का लक्ष्य उपभोक्ताओं या उद्योगों की मांगों को पूरा करने के लिए उपयोग की जा सकने वाली जानकारी एकत्रित करने, विश्लेषण करने और फिर व्याख्या करने में मदद करने वाले स्किल्स में बढ़ोत्तरी करना है.
रूरल मैनेजमेंट
ग्रामीण और रिमोट इलाकों में घुसपैठ और मुनाफा बनाने के लिए अप्रचलित बाजार स्थान को ट्रेस करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है. इस प्रकार, इस विषय का उद्देश्य ग्रामीण बाजारों को टैप करने और उन क्षेत्रों से अधिकतम रेवेन्यु लाने में शामिल बारीकियों की समझ प्रदान करना है.
रीटेल मार्केटिंग
रीटेल मार्केटिंग पूरी तरह से हमारी अर्थव्यवस्था के संगठित खुदरा परिदृश्य का विस्तृत अवलोकन प्रदान करने का कार्य करती है. इस विषय का उद्देश्य बड़े पैमाने पर संगठित रीटेल फील्ड जिनका सकल घरेलू उत्पाद में कोई योगदान नहीं होता को परिवर्तित करना है.यह दुनिया भर में रीटेल के क्षेत्र में विभिन्न रीटेल मॉडल और नए विकास के बारे में समझ विकसित करने के कई द्वार खोलता है.
ऐसे कई संस्थान हैं जो मार्केटिंग के क्षेत्र में स्पेशलाइजेशन कराते हैं. लेकिन अपनी स्टेट ऑफ आर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर,प्लेसमेंट सर्विस, क्वालिफाइड फैकल्टी तथा रिसर्च वर्क की वजह से कई इंस्टिट्यूट्स की डिमांड छात्रों के बीच काफी है.
ऊपर उल्लिखित मानकों के आधार पर हर साल एमएचआरडी द्वारा आयोजित एनआईआरएफ रैंकिंग के आधार पर कुछ टॉप इंस्टीट्यूट्स के नाम
क्रम संख्या |
इंस्टीट्यूट |
लोकेशन |
1 |
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट |
अहमदाबाद |
2 |
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट |
बैंगलोर |
3 |
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट |
कलकत्ता |
4 |
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट |
लखनऊ |
5 |
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी |
बॉम्बे |
6 |
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट |
कोझीकोड |
7 |
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी |
खड़गपुर |
8 |
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी |
दिल्ली |
9 |
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी |
रुड़की |
10 |
लेबर रिलेशंस इंस्टीट्यूट |
जमशेदपुर |
मार्केटिंग प्रोफेशनल्स के पास बड़े ब्रांड वाले कम्पनियों में काम करने का सुनहरा मौका हमेशा रहता है. जैसे जैसे उनका अनुभव बढ़ता जाता है, बड़े ब्रांड में काम करने का अवसर उतना ही ज्यादा उपलब्ध होता है. भरत में कुछ ऐसी कम्पनियां हैं जो अनुभवी तथा प्रोफेशनली स्मार्ट मार्केटिंग मैनेजर्स को बिना किसी शर्त अपने यहाँ जॉब देती हैं. उनमें से कुछ श्रेष्ठ कंपनियों का वर्णन नीचे किया गया है जिसमें अपने करियर के सुनहरे विकास की अपेक्षा से मार्केटिंग मैनेजमेंट करने वाले अभ्यर्थी आवेदन कर अपने करियर की राह को और आसान बना सकते हैं.
भारत में मार्केटिंग मैनेजमेंट कोर्सेज का करियर स्कोप
मार्केटिंग मैनेजमेंटके क्षेत्र में अपना करियर बनाना एक कठिन काम नहीं है. वांछित कोर्सेज में एडमिशन लेने के बाद छात्रों को केवल कुछ स्किल्स डेवेलप करने की आवश्यकता होती है जिन्हें छात्र थोड़ी सी मेहनत से हासिल कर सकते हैं. मार्केटर्स अच्छे कम्युनिकेशन स्किल वाले अभ्यर्थियों को ज्यादा महत्व देते हैं ताकि वह आसानी से अपनी बातों अपने कस्टमर्स को प्रभावित कर सके.
आइये विभिन्न संस्थानों में मार्केटिंग मैनेजमेंट करने वाले प्रोफेशनल्स को पेशकश की जाने वाली लोकप्रिय नौकरी प्रोफाइल और वेतन संभावनाओं पर एक नज़र डालते हैं.
सैलरी किसी के करियर विकास का एक महत्वपूर्ण पारामिटर है. मार्केटिंग डोमेन में अनुभव के साथ साथ सैलरी में भी व्यापक बढ़ोत्तरी होती है. जैसे जैसे अनुभव बढ़ता जाता है सैलरी भी बढ़ती जाती है.
यहां सामान्य रूप से मार्केटिंग मैनेजमेंट ग्रेजुएट्स को दी जाने वाली सैलरी का विवरण दिया गया है :
ऑर्गेनाइजेशन में लेवल |
सैलरी (आईएनआर लाख में ) |
एंट्री-लेवल |
2 - 10 |
मिड करियर |
3.5 - 12 |
एक्सपीरिएंस्ड |
4 - 15 |
लेट-करियर |
6 - 25 |
सोर्स : पे स्केल. कॉम
मार्केटिंग मैनेजर हरेक प्रोडक्ट या सर्विस की मार्केटिंग के लिए अपना महत्त्वपूर्ण योगदान देता है. वह मैन्युफैक्चरिंग और फाइनेंस की विभिन्न फ़ील्ड्स में एक महत्वपूर्ण लिंक के तौर पर कार्य करता है और ग्राहकों की विभिन्न जरूरतों को पूरा करने का प्रयास करता है. मार्केटिंग मैनेजर्स कोई भी प्रोडक्ट तैयार होने के बाद यह सुनिश्चित करते हैं कि वास्तविक प्रोडक्ट ग्राहकों की आवश्यकताओं को पूरा करता है या नहीं. इसी तरह, अपने ग्राहकों की आशाओं के अनुरूप प्रभावी मूल्य निर्धारण नीतियों और वितरण नेटवर्कों को डिजाइन करके, ग्राहकों की मांगों को पूरा करने में मार्केटिंग मैनेजर की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है. मार्केटिंग मैनेजर्स अपनी कंपनी को लगातार मुनाफ़ा दिलवाने का प्रयास करते हैं. इसलिए, इस आर्टिकल में हम भारत में मार्केटिंग मैनेजमेंट के बारे में आपके लिए विस्तृत जानकारी पेश कर रहे हैं.
प्रवेश प्रक्रिया एक दिलचस्प प्रक्रिया हो सकती है और यदि कोई छात्र इससे जुड़े मूलभूत जानकारी से अवगत नहीं है तो उसके लिए शायद किसी अच्छे या अपने मनपसंद कॉलेज में एडमिशन लेना थोड़ा मुश्किल होगा. इसके लिए उन्हें कॉलेज में एडमिशन के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया तथा एंट्रेंस एग्जाम की पर्याप्त जानकारी रखनी चाहिए ताकि एडमिशन के समय उन्हें किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े.
डिप्लोमा लेवल
डिप्लोमा प्रोग्राम में दिलचस्पी रखने वाले उम्मीदवार के पास 10 + 2 में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक होना चाहिए. किसी भी स्ट्रीम के छात्र एंट्रेंस एग्जाम के अंतिम दिन या उससे पहले इन कोर्सेज के लिए आवेदन कर सकते हैं.
अंडर ग्रेजुएट्स
अंडर ग्रेजुएट्स कोर्सेज के लिए, छात्रों के पास 10 + 2 में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक होना चाहिए. इसके बाद छात्रों को संबंधित यूनिवर्सिटी या इंस्टीट्यूट जिसमें वे आवेदन करना चाहते हैं,की एंट्रेंस एग्जाम के लिए उपस्थित होने की आवश्यकता होती है.
पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेज
पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेज के लिए, उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी या कॉलेज से न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक के साथ अंडर ग्रेजुएट की डिग्री होनी चाहिए. इसके बाद उन्हें संबंधित यूनिवर्सिटी या इंस्टीट्यूट जिसमें वह आवेदन करना चाहता है,की एंट्रेंस एग्जाम के लिए उपस्थित होने की आवश्यकता होती है.
डॉक्टरेट कोर्स
डॉक्टरेट की डिग्री अर्जित करने के लिए उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी या कॉलेज से कम से कम 50 प्रतिशत अंकों के साथ पोस्ट ग्रेजुएट होना चाहिए.इसके बाद उम्मीदवार को संबंधित यूनिवर्सिटी या इंस्टीट्यूट जिसमें वह आवेदन करना चाहता है, की एंट्रेंस एग्जाम के लिए उपस्थित होने की आवश्यकता होती है.
एक मार्केटिंग मैनेजमेंट ग्रेजुएट के लिए बाजार में बहुत सारे जॉब उपलब्ध है. हर इंडस्ट्री या प्रोफेशन में प्रोडक्ट और सर्विस के प्रचार प्रसार के लिए मार्केटिंग मैनेजर की आवश्यकता होती ही है. किस भी बिजनेस का विकास बिना मार्केटिंग मैनेजर के संभव नहीं है.
नीचे कुछ लोकप्रिय नौकरी प्रोफाइल का विवरण प्रस्तुत है जिसे मार्केटिंग डोमेन में डिग्री हासिल करने के बाद प्राप्त किया जा सकता है -