विश्व के 50 देशों के प्रतिनिधियों ने 29 जून 2015 को चीन की अध्यक्षता में स्थापित किए जा रहे एशियाई बुनियादी ढांचे के निवेश बैंक (एआईआईबी) के लिए कानूनी रूपरेखा निर्धारित करने के उद्देश्य से समझौते पर हस्ताक्षर किए.
इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया चीन की राजधानी बीजिंग में समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए पहला देशबन गया.
57 संस्थापक सदस्य देशों में सात देश डेनमार्क, कुवैत, मलेशिया, फिलीपींस, हॉलैंड, थाईलैंड और दक्षिण अफ्रीका समझौते पर हस्ताक्षर नहीं कर सके क्योंकि उनके संबंधित घरेलू अधिकारियों द्वारा उन्हें अनुमति नहीं दी गई.
एआईआईबी की मुख्य विशेषताएं –
• बैंक की अधिकृत पूंजी 100 अरब अमरीकी डॉलर होगी.
• एशियाई देश कुल पूंजी का 75 प्रतिशत तक योगदान देंगे.
• 100 अरब अमरीकी डॉलर में चीन 29.78 अरब अमरीकी डॉलर का योगदान देगा जो कुल राशि का 30.34 प्रतिशत है इसके साथ ही चीन इस बैंक में सबसे बड़ा शेयरधारक बन गया.
• भारत की इस बैंक में 6.5 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी.
• यह बैंक इस वर्ष के अंत तक कार्य करना आरम्भ कर देगा.
एआईआईबी के सदस्य देश –
चीन, भारत, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, लक्जमबर्ग, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रिया, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, कतर, ओमान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, डेनमार्क, कुवैत, मलेशिया, फिलीपींस, हॉलैंड, दक्षिण अफ्रीका, थाईलैंड, अजरबैजान, ब्रुनेई, कंबोडिया, मिस्र, फिनलैंड, जॉर्जिया, आइसलैंड, इंडोनेशिया, ईरान, इजरायल, इटली, जॉर्डन, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, लाओस, मालदीव, माल्टा, मंगोलिया, म्यांमार, नेपाल, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नार्वे, पोलैंड, पुर्तगाल, सऊदी अरब, स्पेन, श्रीलंका, स्वीडन, ताजिकिस्तान, तुर्की, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), उज्बेकिस्तान और वियतनाम.
एशियाई बुनियादी ढांचे के निवेश बैंक (एआईआईबी) के बारे में
• 21 एशियाई देशों के प्रतिनिधियों बीजिंग में 24 अक्टूबर 2014 को एशियाई बुनियादी ढांचे के निवेश बैंक की स्थापना के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.
• यह एशिया में बुनियादी ढांचे के निर्माण के वित्तपोषण के लिए बनाया गया है और इसका मुख्यालय बीजिंग में होगा.
यह एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) जैसे अन्य वित्तीय संस्थानों की तरह बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका दिखाएगा.
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