हाल ही में शुरू की गई आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के तहत पहली बार लाभ प्राप्त करने के लिए ‘आधार’ अनिवार्य नहीं है. लेकिन इस योजना के तहत दूसरी बार इलाज के लिए आधार अनिवार्य होगा. यह बयान राष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) इंदू भूषण ने दिया है.
इंदू भूषण ने कहा कि अगर आधार नहीं है तो लाभार्थी को कम से कम यह साबित करने के लिए दस्तावेज पेश करने होंगे कि वे 12 अंक की विशिष्ट पहचान संख्या के लिए पंजीकरण करवा चुके हैं. यह कदम ऐसे समय पर आया है, जब सुप्रीम कोर्ट आधार योजना को संवैधानिक रूप से वैध ठहरा चुका है.
पहली बार (इस योजना का) लाभ उठाने के लिए व्यक्ति आधार या मतदाता पहचान पत्र जैसे कोई पहचान पत्र दिखा सकता है. इस योजना के तहत सरकार का लक्ष्य 10.74 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को इलाज के लिए भर्ती होने पर पांच लाख रुपये प्रति परिवार सलाना कवरेज प्रदान करना है.
आयुष्मान भारत योजना:
आयुष्मान भारत- राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन का नाम बदलकर आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना किया गया है. प्रधानमंत्री ने इसे 23 सितंबर को झारखंड से अखिल भारतीय स्तर पर लांच किया. इस योजना के तहत सरकार ने सभी परिवारों को 5 लाख रुपये का बीमा कवरेज देने का लक्ष्य रखा है.
इसे दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थकेयर स्कीम के तौर पर पेश किया जा रहा है. सरकार के मुताबिक आयुष्मान भारत योजना से करीब 50 करोड़ भारतीय लाभान्वित होंगे. 29 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 445 जिले के लोगों को योजना का लाभ मिलेगा.
इस योजना के दायरे में गरीब, वंचित ग्रामीण परिवार और शहरी श्रमिकों की पेशेवर श्रेणियों को रखा गया है. नवीनतम सामाजिक आर्थिक जातीय जनगणना (एसईसीसी) के हिसाब से गांवों के ऐसे 8.03 करोड़ और शहरों के 2.33 परिवारों को शामिल किया गया है.
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के मुताबिक गरीबों के लिए सरकारी से लेकर निजी अस्पताल तक इलाज की व्यवस्था होगी जो कि पुरी तरह कैशलेस होगी. प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत सारे सरकारी इंस्टीच्यूट जुड़े हैं. ऐसे में वहां इलाज कराना और आसान होगा. केरल में इस तरह कई अस्पतालों का कायाकल्प हो चुका है.
47,000 से अधिक लोगों ने उठाया लाभ:
राष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसी के अनुसार योजना के शुरु होते ही 47,000 से अधिक लोगों ने इसका लाभ उठाया है, जिसे दुनिया के सबसे बड़े स्वास्थ्य बीमा योजना के रूप में बताया गया है. वहीं 92,000 से अधिक गोल्ड कार्ड दिया जा चुका है. इस योजना के लिए सार्वजनिक और निजी दोनों 14,000 से अधिक अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है.
कुछ राज्य इस योजना का लाभ नहीं लेंगे:
आयुष्मान भारत योजना को इन पांच राज्यों ने लागू करने से इन्कार कर दिया. ये राज्य तेलंगाना, ओडिशा, दिल्ली, केरल और पंजाब हैं. इन राज्यों का कहना है, की यह इस योजना से असंतुष्ट हैं.
इन बीमारियों का इलाज करा सकते हैं:
आयुष्मान योजना में शामिल करीब दस हजार अस्पतालों में 13 सौ से ज्यादा बीमारियों और इससे संबंधित पैकेज को इलाज में शामिल किया गया है. जिसमें कैंसर की सर्जरी, हार्ट की बाइपास सर्जरी, आंख-दांत का ऑपरेशन, सीटी स्कैन, एमआरआई जैसी तमाम चीजें शामिल हैं. सरकार लोगों की सुविधा के लिए हेल्पलाइन नंबर 14555 भी जारी किया है.
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