Adani Enterprises FPO: अडानी समूह की कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) ने अपना 20,000 करोड़ रुपये का फॉलोऑन पब्लिक ऑफर (FPO) रद्द कर दिया है. कंपनी ने बताया की शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है.
हाल ही में आई हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के कारण अडानी समूह की कंपनियों के बाजार मूल्य में $104 बिलियन का नुकसान हुआ है. हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में अदाणी समूह पर गलत तरीके से शेयरों में हेराफेरी और लेखा धोखाधड़ी का आरोप लगाया है.
AEL के शेयर की मार्केट वैल्यू जारी मूल्य (Issue Price) से नीचे रहने बावजूद यह FPO अंतिम दिन 1.12 गुना सब्सक्राइब के साथ बंद हुआ था. यह FPO 27 जनवरी को सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था और 31 जनवरी को फुल सब्सक्राइब होकर बंद हुआ था.
Chairman @gautam_adani's address to investors after withdrawal of the fully subscribed AEL FPO#GrowthWithGoodness #NationBuilding #AdaniGroup pic.twitter.com/f9yaYrxCzx
— Adani Group (@AdaniOnline) February 2, 2023
FPO क्यों रद्द किया गया?
अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के FPO को रद्द करने के पीछे समूह ने शेयर मार्केट के हाल के उतार-चढ़ाव को जिम्मेदार ठहराया है. निवेशकों को संबोधित करते हुए, अडानी ने कहा कि यह निर्णय "कई लोगों को आश्चर्यचकित करेगा" लेकिन कल बाजार की अस्थिरता को देखते हुए, अडानी बोर्ड ने महसूस किया कि फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) के साथ आगे बढ़ना नैतिक रूप से सही नहीं होगा.
आगे उन्होंने कहा कि मेरे लिए मेरे निवेशकों का हित सर्वोपरि और निवेशकों को संभावित नुकसान से बचाने के लिए यह निर्णय लिया गया है.
निवेशकों के पैसे होंगे वापस:
इस FPO के रद्द होने के बाद अडानी समूह ने बताया कि इसको सब्सक्राइब करने वाले सभी निवेशकों के पैसे को वापस कर दिया जायेगा. साथ ही अडानी समूह की तरफ से यह भी कहा गया कि इस निर्णय का हमारे मौजूदा परिचालनों और भविष्य की योजनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
क्या होता है FPO?
फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर (Follow-on Public Offer-FPO) के माध्यम से स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनियां फंड जुटाने के लिए अपने शेयर बेचने का ऑफर करती हैं. FPO स्टॉक एक्सचेंज में निवेशकों को शेयर जारी करने की एक प्रक्रिया है. FPO, अतिरिक्त इक्विटी पूंजी (Additional equity capital ) जुटाने का एक साधन है.
अनिवार्य रूप से, FPO का अर्थ यह है कि आईपीओ (IPO) के बाद की गई कोई भी पब्लिक ऑफरिंग एक FPO के माध्यम से की जाती है.
यह IPO से कैसे अलग है?
आईपीओ (Initial Public Offering-IPO) से पहले कोई भी कंपनी शेयर मार्केट में अनलिस्टेड रहती है. किसी भी कंपनी का पहला ऑफर IPO कहलाता है, इसके बाद ही कंपनी लिस्टेड होती है. लिस्टेड होने के बाद निवेशकों के लिए शेयर का ऑफर FPO के माध्यम से किया जाता है.
FPO के प्रकार:
1. डायल्यूटिव ऑफरिंग (Dilutive offering): एक डायलूटिव ऑफरिंग तब होता है जब कंपनी अधिक धन इकट्ठा करने के लिए अधिक शेयर जारी करना चाहती है. यह कर्ज चुकाने के लिए किया जाता है.
2. नॉन-डायल्यूटिव ऑफरिंग (Non-dilutive offering): नॉन-डायल्यूटिव ऑफरिंग में कंपनी के संस्थापक या बड़े शेयरधारक अपने कुछ शेयर पब्लिक के लिए जारी करते हैं. इससे पैसा शेयरों की पेशकश करने वाले व्यक्ति को जाता है न कि कंपनी को.
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