विश्व के सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर लगभग 5 करोड़ यूजर्स की निजी जानकारियों के लीक होने की घटना चर्चा में बनी हुई है. इस मामले में हाल ही में फेसबुक के संस्थापक मार्क ज़करबर्ग ने स्वीकार किया है कि उनकी कंपनी से ग़लतियां हुई हैं.
दरअसल फेसबुक के लिए एप्प बनाने वाली कंपनी कैम्ब्रिज एनालिटिका पर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान लोगों की निजी जानकारी चुराने और उस डाटा का फायदा राजनीतिक पार्टियों को पहुंचाने का आरोप लगाया गया है.
फ़ेसबुक पर जारी बयान में मार्क ज़करबर्ग ने कहा, "फ़ेसबुक को मैंने शुरू किया है और हमारे इस मंच पर जो कुछ भी होता है, उसके लिए मैं ही ज़िम्मेदार हूं."
फेसबुक द्वारा यह कदम उठाये जायेंगे
• उन सभी ऐप्स की जांच की जाएगी, जिन्होंने 2014 में डेटा ऐक्सेस को सीमित किए जाने से पहले ही बड़ी मात्रा में जानकारियां हासिल कर ली थी.
• संदिग्ध गतिविधियों वाले सभी ऐप्स की पड़ताल की जाएगी.
• पड़ताल के लिए सहमत न होने वाले डिवेलपर को प्रतिबंधित कर दिया जाएगा.
• निजी जानकारियों का दुरुपयोग करने वाले डिवेलपर्स को बैन कर दिया जाएगा और प्रभावित हुए लोगों को इसकी सूचना दी जाएगी.
कैम्ब्रिज एनालिटिका क्या है?
कैम्ब्रिज एनालिटिका अमेरिका की एक बड़ी डाटा एनालेसिस फर्म है. यह उस समय चर्चा में आई जब इसने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डॉनल्ड ट्रप के लिए काम किया. वर्ष 2016 में अमेरिकी चुनाव में डॉनल्ड ट्रंप की अप्रत्याशित जीत का श्रेय कैम्ब्रिज एनालिटिका को भी दिया गया. न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, कैम्ब्रिज एनालिटिका की स्थापना अमेरिका में होने वाले चुनावों को ध्यान में रखकर साल 2013 में की गई थी. डोनाल्ड ट्रंप से पहले इस कंपनी ने रिपब्लिकन सेनेटर टेड क्रूज के लिए काम किया था.
कैसे हुआ डाटा लीक?
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के एक शोधकर्ता अलेक्जेंडर कोगन ने कैम्ब्रिज एनालिटिका के लिए 'दिस इज योर डिजिटल लाइफ' (this is your digital life) नाम का फेसबुक एप्प बनाया. यूज़र्स का डाटा इसी एप्प से लिया गया. कोगन के क्विज ने 5 करोड़ से अधिक फेसबुक प्रोफाइल से डेटा निकालने का काम किया. इनमें से लगभग 2 लाख 70 हजार लोगों ने कोगन के एप्प को उनकी जानकारियां लेने की अनुमति दी. एप्प में लोगों को यह बताया गया कि उनकी जानकारियां केवल अकादमिक रिसर्च के लिए इस्तेमाल की जाएंगी. इससे एक ऐसा मॉडल तैयार हुआ जिससे शोधकर्ता यूजर्स की ऐक्टिविटी की मदद से उसके बारे में सटीक आकलन करने में सक्षम हो गए.
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