प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 21 मार्च 2018 को केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित आयुष्मान भारत-राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन (एबी-एनएचपीएम) लॉन्च करने की स्वीकृति प्रदान की.
आयुष्मान मिशन के अंतर्गत प्रत्येक परिवार को प्रति वर्ष पांच लाख रुपये का बीमा कवर दिया जायेगा. प्रस्तावित योजना के लक्षित लाभार्थी 10 करोड़ से अधिक परिवार होंगे. यह परिवार एसपीसीसी डाटा बेस पर आधारित गरीब और कमजोर आबादी के होंगे. आयुष्मान भारत मिशन में केन्द्र प्रायोजित योजनाओं-राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाई) तथा वरिष्ठ नागरिक स्वास्थ्य बीमा योजना (एससीएचआईएस) समाहित होंगी.
आयुष्मान भारत-राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन की मुख्य विशेषताएं
- इस मिशन के तहत 10 करोड़ परिवारों को प्रति वर्ष 5 लाख रूपये का स्वास्थ्य बीमा दिया जायेगा.
- इस योजना का लाभ पूरे देश में मिलेगा और योजना के अंतर्गत कवर किये गये लाभार्थी को पैनल में शामिल देश के किसी भी सरकारी/निजी अस्पताल से कैशलेस उपचार लेने की अनुमति होगी.
- कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआइसी) से जुड़े अस्पतालों को भी बिस्तर दाखिला अनुपात मानक के आधार पर पैनल में शामिल किया जा सकता है. निजी अस्पताल परिभाषित मानक के आधार पर ऑन लाइन तरीके से पैनल में शामिल किए जाएंगे.
- लागत को नियंत्रित करने के लिए पैकेज दर (सरकार द्वारा अग्रिम रूप में परिभाषित) के आधार पर इलाज के लिए भुगतान किया जाएगा. पैकेज दर में इलाज से संबंधित सभी लागत शामिल होगी.
- लाभार्थियों के लिए यह कैशलेस, दस्तावेज रहित लेनदेन होगा. राज्य विशेष की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए राज्यों के पास इन दरों में सीमित रूप से संशोधन का लचीलापन होगा.
- इस मिशन का एक प्रमुख सिद्धांत सहकारी संघवाद और राज्यों को लचीलापन देना है. इसमें सह-गठबंधन के माध्यम से राज्यों के साथ साझेदारी का प्रावधान है. योजना को लागू करने के तौर तरीकों को चुनने में राज्य स्वतंत्र होंगे. राज्य बीमा कंपनी के माध्यम से या प्रत्यक्ष रूप से ट्रस्ट/सोसायटी के माध्यम से या मिले-जुले रूप में योजना लागू कर सकेंगे.
- ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे परिवार स्वत: शामिल किये गये हैं जिनके रहने के लिए छत नहीं है,निराश्रित, खैरात पर जीवन यापन करने वाले, मैला ढोने वाले परिवार, आदिम जनजाति समूह, कानूनी रूप से मुक्त किए गये बंधुआ मजदूर हैं.
आयुष्मान भारत मिशन की आवश्यकता क्यों?
पिछले दस वर्षों के दौरान भारत में रोगी को अस्पताल में दाखिल करने का खर्च लगभग 300 प्रतिशत बढ़ा है (एनएसएसओ 2015). ग्रामीण परिवार मुख्य रूप से पारिवारिक आय/बचत (68 प्रतिशत) तथा उधारी (25 प्रतिशत) पर निर्भर करते हैं. शहरी परिवार अस्पताल खर्चों के वित्त पोषण के लिए अपनी आय/बचत (75प्रतिशत) पर और उधारी (18प्रतिशत) पर निर्भर करते हैं. (एनएसएसओ 2015) भारत में जेब से 60 प्रतिशत से अधिक खर्च होता है. इसके परिणामस्वरूप बढ़ते स्वास्थ्य खर्चों के कारण 6 मिलियन परिवार गरीबी से घिर जाते हैं. इसलिए इस मिशन को आवश्यक समझा गया.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन का लाभ प्राप्त करने वाले परिवार
- इस योजना का लाभ चुनी हुई श्रेणी के लोगों को ही मिलेगा. इसके चयन का मुख्य आधार सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना -2011 होगा, जो भी परिवार इन श्रेणी में आयेंगे उनको इस योजना का लाभ मिलेगा.
- इनमें एक कमरे का कच्चा मकान, खपरैल में रहने वाले परिवार या ऐसा परिवार जिनमें 16 से 59 वर्ष के बीच की उम्र का कोई अन्य सदस्य न हो या महिला मुखिया वाले परिवार जिनमें 16 से 59 वर्ष के बीच का कोई पुरुष सदस्य न हो ऐसे परिवार ही इसमें शामिल होंगे.
- ऐसे परिवार जिनमें विकलांग सदस्य हों और उसकी देखरेख करने वाला कोई व्यस्क सदस्य परिवार में न हो.
- अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अतिरिक्त ऐसे परिवार जिनके पास जमीन न हो और उनकी आमदनी मजदूरी हो, जिन परिवारों के पास छत न हो और कानूनी रूप से बंधुआ मजदूरी से मुक्त कराए गए हों.
- शहरी क्षेत्रों के लिए 11 अन्य श्रेणियों के लोग इस योजना का लाभ ले सकेंगे.
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