Anshu Malik वर्ल्ड चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाली पहली महिला रेसलर बनीं
Anshu Malik: अंशु मालिक विश्व चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गईं हैं.

Anshu Malik: अंशु मलिक 07 अक्टूबर 2021 को विश्व चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला हार गई और उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा. इस हार के बाद भी 57 किग्रा में 19 वर्ष की अंशु मलिक इतिहास बनाने में सफल रहीं. वे इस चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाले पहली भारतीय महिला पहलवान बन गईं.
विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाने वाली भारत की पहली महिला पहलवान बनीं अंशु मलिक ने आक्रामक और सकारात्मक शुरुआत की लेकिन अंतत: विरोधी पहलवा ने उन्हें चित्त कर दिया. अंशु पहले दौर के बाद 1-0 से आगे थी लेकिन दूसरे दौर में हेलेन पूरी तरह हावी रहीं. हेलेन ने अंशु मलिक का हाथ पकड़ा और फिर टेकडाउन मूव के साथ 2-1 की बढ़त बनाई. उन्होंने अंशु मलिक के दायें हाथ को नहीं छोड़ा और दो और अंक के साथ 4-1 से आगे हो गई. अमेरिकी पहलवान ने अपनी पकड़ कमजोर नहीं होने दी और भारतीय पहलवान को चित्त करके जीत दर्ज की.
अंशु मलिक ने इससे पहले विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाकर इतिहास रच था. वे इस चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गई. उन्होंने जूनियर यूरोपीय चैंपियन सोलोमिया विंक को हराकर यह उपलब्धि हासिल की.
विश्व चैम्पियनशिप में पदक
इससे पहले भारत की चार महिला पहलवानों ने विश्व चैम्पियनशिप में पदक जीता है, लेकिन सभी को कांस्य पदक मिला है. गीता फोगाट ने साल 2012 में, बबीता फोगाट ने साल 2012 में, पूजा ढांडा ने साल 2018 और विनेश फोगाट ने साल 2019 में कांस्य पदक जीता था.
Anshu MALIK 🇮🇳 made HERstory with her semifinal win and became the first Indian woman to reach a world gold-medal match. #WrestleOslo pic.twitter.com/ON3Vk09ZSq
— United World Wrestling (@wrestling) October 6, 2021
यह करने वाली तीसरी भारतीय
अंशु विश्व चैम्पियनशिप फाइनल में पहुंचने वाली तीसरी भारतीय हैं. उनसे पहले सुशील कुमार (साल 2010) और बजरंग पूनिया (साल 2018) यह कमाल कर चुके हैं. इनमें से सुशील ही स्वर्ण जीत सके हैं.
क्वार्टर फाइनल में इन्हें हराया
अंशु मलिक ने इससे पहले एकतरफा मुकाबले में कजाखस्तान की निलुफर रेमोवा को तकनीकी दक्षता के आधार पर हराया और फिर क्वार्टर फाइनल में मंगोलिया की देवाचिमेग एर्खेमबायर को 5-1 से शिकस्त दी थी. वहीं, सरिता को बुल्गारिया की बिलयाना झिवकोवा ने 3-0 से हराया.
तकनीकी दक्षता के आधार पर शिकस्त
दिव्या काकरान ने 72 किग्रा में सेनिया बुराकोवा को चित्त किया लेकिन जापान की अंडर 23 विश्व चैंपियन मसाको फुरुइच के खिलाफ उन्हें तकनीकी दक्षता के आधार पर शिकस्त झेलनी पड़ी. इस बीच, किरन (76 किग्रा) ने तुर्की की आयसेगुल ओजबेगे के खिलाफ रेपचेज दौर का मुकाबला जीतकर कांस्य पदक के प्ले आफ में जगह बनाई लेकिन पूजा जाट (53 किग्रा) को रेपचेज मुकाबले में इक्वाडोर की एलिजाबेथ मेलेंड्रेस के खिलाफ शिकस्त का सामना करना पड़ा.
अंशु पहलवान कौन हैं?
अंशु मलिक का परिवार शुरू से ही रेसलिंग में रहा है. अंशु मलिक ने हरियाणा के जींद जिले में छोटी उम्र में ही पहलवानी करना शुरू कर दिया था. 12 साल की उम्र में, अंशु मलिक ने अपने भाई शुभम के साथ कुश्ती शुरू की और पिता धर्मवीर मलिक ने उन्हें प्रशिक्षण दिया.
अंशु मलिक ने केवल चार साल के प्रशिक्षण के बाद अंतरराष्ट्रीय खेलों में डेव्यू किया और साल 2016 में एशियाई कैडेट चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतकर कुश्ती में अपना नाम तुरंत स्थापित कर लिया. इसके बाद विश्व कैडेट चैंपियनशिप में ब्रॉज मैडल जीता.
वर्ल्ड कैडेट चैंपियनशिप में अंशु मलिक के नाम तीन मेडल (एक गोल्ड, दो ब्रॉन्ज) हैं. इसके साथ ही एशियन जूनियर चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल और वर्ल्ड जूनियर रेसलिंग चैंपियनशिप में रजत पदक भी शामिल है.
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