Armed Forces Flag Day 2021: सशस्त्र सेना झंडा दिवस (Armed Forces Flag Day) हर साल 7 दिसंबर को भारत में मनाया जाता है. सैनिक किसी भी देश की सबसे बड़ी संपत्ति में से एक होते हैं और वे देश को सुरक्षित और अखंड बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
गौरतलब है कि भारत में साल 1949 से सशस्त्र सेना झंडा दिवस हर साल 7 दिसंबर को ही मनाया जा रहा है. हम यह दिन उन सैनिकों को सम्मानित करने के लिए मनाते हैं, जिन्होंने देश के सम्मान की रक्षा के लिए सीमाओं पर बहादुरी से जंग लड़ी है.
सशस्त्र सेना झंडा दिवस का उद्देश्य
सशस्त्र सेना झंडा दिवस भारतीय सशस्त्र सेना के कर्मियों के कल्याण के उद्देश्य से भी मनाया जाता है. इस दिन भारत की जनता से सशस्त्र सेना के वीर कर्मियों के लिए धन संग्रह किया जाता है और इस धन का प्रयोग सैनिकों के परिवारों की भलाई में भी खर्च किया जाता है.
क्या होता है इस दिन खास
गौरतलब है कि इस दिन इंडियन आर्मी, इंडियन एयर फोर्स और इंडियन नेवी तरह-तरह के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करती है. बाद में इन कार्यकर्मों से संग्रह हुआ धन ‘सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष’ में डाल दिया जाता है. इससे सेना के वीरों एवं उनके परिवारों के लिए अनेकों साहयता कार्य सुचारु रूप से हों.
सशस्त्र सेना झंडा दिवस का इतिहास
भारत के तत्कालीन रक्षामंत्री की अध्यक्षता में 28 अगस्त 1949 को एक समिति का गठन किया गया था. समिति ने हर साल 7 दिसंबर को झंडा दिवस मनाने का फैसला किया. यह दिन मुख्य रूप से लोगों को झंडे बांटने और उनसे धन इकट्ठा करने के लिए मनाया जाता है. देश भर में लोग धन के बदले में तीन सेवाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले लाल, गहरे नीले और हल्के नीले रंग में छोटे झंडे और कार के झंडे वितरित करते हैं. यह दिवस 1949 से 7 दिसंबर को भारत में प्रतिवर्ष मनाया जाता है.
सशस्त्र सेना झंडा दिवस का महत्व
यह दिवस युद्ध में शहीदों और घायल सैनिकों के पुनर्वास के लिए मनाया जाता है. इसका बहुत महत्व है क्योंकि यह युद्ध घायल सैनिकों, वीर नारियों और शहीदों के परिवारों की देखभाल करने की हमारी प्रतिबद्धता को सबसे आगे लाता है जिन्होंने देश के लिए अपना बलिदान दिया है.
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