संस्कृति मंत्रालय के अधीन कार्यरत भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (दिल्ली सर्किल) ने खिड़की मस्जिद के परिसर से तांबे के 254 सिक्कों का खजाना खोजा है. उस समय मस्जिद के संरक्षण का काम चल रहा था.
यह मस्जिद नई दिल्ली स्थित खिड़की गांव के दक्षिणी छोर पर स्थित है. मस्जिद का निर्माण फिरोज शाह तुगलक (1351-88) के प्रधानमंत्री खान-ए-जहान जुनान शाह ने करवाया था. माना जाता है कि यह मस्जिद उनके द्वारा निर्मित 7 मस्जिदों में से एक है.
कैसे हुई खोज? |
एएसआई ने खिड़की मस्जिद के संरक्षण के लिए क्षेत्र की सफाई शुरू की थी. सफाई के दौरान उसे मस्जिद के प्रवेश द्वार के निकट मध्यकालीन भारत के 254 तांबे के सिक्कों का खजाना मिला. रातत्वशास्त्रियों का एक दल, संरक्षण सहायक और फोटोग्राफर तुरंत स्थल पर पहुंचे तथा सिक्कों को अपने कब्जे में लिया. एएसआई की विज्ञानशाखा के विशेषज्ञों ने कुछ सिक्कों को साफ किया. प्रारंभिक जांच के आधार पर यह कहा जा सकता है कि ये सिक्के शेरशाह सूरी और उनके उत्तराधिकारियों के शासन के हैं. |
मुख्य बिंदु
• एएसआई को प्राप्त हुए यह सिक्के एक मिट्टी के घड़े में मिले थे.
• सिक्कों पर दोनों तरफ अभिलेख हैं, संभवतः अरबी या फारसी भाषा में हैं. उनका क्या अर्थ है, यह अभी मालूम नहीं है.
• प्राचीन काल में सभी सिक्के एक ही आकार और वजन के नहीं हुआ करते थे, इन सिक्कों के आकार और वजन भी अलग-अलग हैं. उनका मूल्य आंका जाना बाकी है.
• उल्लेखनीय है कि 2003 में भी इसी परिसर की सफाई और संरक्षण के दौरान 63 सिक्के मिले थे.
• दिल्ली सर्किल ने पुरातत्वशास्त्रियों की तकनीकी देखरेख में क्षेत्र की वैज्ञानिक सफाई शुरू कर दी है. सिक्कों को साफ करने के बाद विशेषज्ञों की मदद से उन पर लिखी इबारत को पढ़ने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
खिड़की मस्जिद के बारे में
खिड़की मस्जिद खुरदरे पत्थरों से बनी 2 मंजिला इमारत है. निचली मंजिल पर कई छोटी-छोटी कोठरियां बनी हुई हैं. चारों कोनों पर खंबे हैं, जिनसे यह इमारत बहुत मजबूत प्रतीत होती है। पश्चिम दिशा को छोड़कर मस्जिद में तीन दरवाजे हैं और चारों तरफ मीनारें बनी हुई हैं. मुख्य दरवाजा पूर्व की दिशा में खुलता है. ऊपरी मंजिल पर झिर्रीदार खिड़कियां बनी हैं, जिसके कारण इसका नाम खिड़की मस्जिद पड़ा है.
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