असम सरकार ने सभी विकास मंडलों एवं पंचायत स्तर पर अंधविश्वास के खिलाफ ‘संस्कार’ नाम से अभियान आरंभ करने की योजना तैयार की है.
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की अध्यक्षता में 11 जून 2018 को एक उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया. विज्ञप्ति में मुख्यमंत्री के हवाले से कहा गया है कि असम को उसके विशिष्ट सत्कार के लिए पूरे भारत में पहचाना जाता है और देशभर से आने वाले लोग राज्य में जहां भी जाएं तो उन्हें मैत्रीपूर्ण माहौल मिलना चाहिए.
गौरतलब है कि बच्चा चुराने के संदेह में दो युवकों की कार्बी आंगलोंग जिले कुछ लोगों ने पीटी=पीटकर हत्या कर दी थी. मारे गये युवकों के माता-पिता ने राज्य में जागरूकता पैदा करने की जरूरत की वकालत की थी ताकि समाज में फिर ऐसी घटनाएं ना हो पाएं. उन्होंने ऐसे कार्यक्रमों में भाग लेने की भी इच्छा जताई.
कार्यक्रम का प्रारूप |
अधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, असम विज्ञान प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद (एएसटीईसी) नोडल एजेंसी होगी और इस कार्यक्रम में सभी पुलिस उपायुक्त, अधीक्षक और किसी जिले में सभी संबंधित सरकारी विभाग शामिल होंगे. अंधविश्वास के खिलाफ लगातार लड़ रहे सामाजिक कार्यकर्ता बीरूबाला राभा भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. |
पृष्ठभूमि
असम के कार्बी आंगलॉन्ग जिले में 8 जून 2018 को मॉब लिंचिंग का मामला सामने आया था. कार्बी आंगलॉन्ग के एक दूरवर्ती इलाके में भीड़ ने दो युवकों की पीट-पीटकर बेरहमी से हत्या कर दी. दरअसल, भीड़ को शक था कि दोनों युवक बच्चा चुराने वाले वाले गिरोह के सदस्य हैं. असम पुलिस ने इसके चलते 16 कथित आरोपियों को गिरफ्तार किया.
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