संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक व सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के कार्यकारी बोर्ड द्वारा फ्रांस की पूर्व संस्कृति मंत्री ऑद्रे अजोले को यूनेस्को की अगली महासचिव के रूप में चयनित किया गया. ऑद्रे के सामने कतर के एक उम्मीदवार भी थे लेकिन अंतिम चयन में ऑद्रे का चयन किया गया.
ऑद्रे अजोले बुल्गारिया की निवासी एवं यूनेस्को की महानिदेशक इरिना बोकोवा का स्थान लेंगी जिनका आठ वर्ष का कार्यकाल, वित्तीय मुश्किलों और फलीस्तीन को सदस्य के तौर पर शामिल करने के कारण चुनौतीपूर्ण रहा.
ऑद्रे द्वारा दिए गये गए एक संक्षिप्त संबोधन में कहा गया कि यूनेस्को की समस्याओं का समाधान उसमें सुधार कर किया जाना चाहिए न कि अमेरिका और इस्राइल द्वारा मुंह मोड़ लेने से. उन्होंने कहा, “संकट के इस समय में, मेरा मानना है कि हमें यूनेस्को में पहले से कहीं ज्यादा निवेश करना चाहिए, इसे फिर से बढ़ावा और समर्थन देना चाहिए और इसमें सुधार करना चाहिए और इस समस्या से से बचकर निकलना नहीं चाहिए.”
इससे पहले बीते 12 अक्टूबर को अमेरिका के यूनेस्को की सदस्यता छोड़ने के फैसले की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की स्थायी प्रतिनिधि निकी हेली ने संयुक्त राष्ट्र की दूसरी एजेंसियों को कड़ी चेतावनी दी कि उनका भी उसी नजरिये से मूल्यांकन किया जाएगा.
निकी हेली ने एक बयान में कहा कि अमेरिकी करदाता ‘हमारे मूल्यों के विपरीत तथा न्याय एवं सामान्य समझ का उपहास करने वाली नीतियों के लिए भुगतान करने की मुश्किल स्थिति में अब और नहीं होंगे.’ इससे पहले अमेरिकी विदेश विभाग ने यूनेस्को पर ‘इस्राइल विरोधी’ रुख रखने का आरोप लगाते हुए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी से खुद को बाहर करने की घोषणा की थी.
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