ज्योग्राफिकल इंडिकेशन रजिस्ट्री ने विश्व प्रसिद्ध बनारसी पान और बनारसी लंगड़ा आम को जीआई टैग प्रदान किया है. GI Tag (ज्योग्राफिकल इंडिकेशन) टैग उन उत्पादों को प्रदान किया जाता है जो उस क्षेत्र की भौगोलिक पहचान को दर्शाते है.
जीआई टैग एक्सपर्ट पद्मश्री डॉ रजनीकान्त ने बताया कि यूपी सरकार और नाबार्ड यूपी के सहयोग से प्रदेश के 11 क्षेत्रीय उत्पादों को इस साल जीआई टैग प्रदान किया गया है.
पिछले कुछ वर्षों में, उत्तर प्रदेश सरकार वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) योजना के तहत क्षेत्रीय उत्पादों के विकास पर ध्यान केन्द्रित कर रही है.
उत्तर प्रदेश के 10 उत्पादों को मिला GI सर्टिफिकेशन:
सरकार की जीआई सर्टिफिकेशन रजिस्ट्री ने 31 मार्च को 33 उत्पादों का जीआई सर्टिफिकेशन किया. जिसमें अकेले उत्तर प्रदेश के 10 क्षेत्रीय उत्पाद शामिल है जिनको GI टैग प्रदान किया गया है, जिसमें वाराणसी के तीन उत्पाद शामिल है.
जीआई रजिस्ट्री लिस्ट के अनुसार, नये जोड़े गए उत्पादों में अलीगढ़ ताला (Aligarh Tala), बखरिया पीतल के बर्तन (Bakharia Brassware), बांदा शजर पत्थर शिल्प (Banda Shazar Patthar Craft), नगीना काष्ठ शिल्प (Nagina Wood Craft), प्रतापगढ़ आंवला (Pratapgarh Aonla) और हाथरस हिंग (Hathras Hing) शामिल हैं.
यूपी के पूर्वांचल क्षेत्र के 20 उत्पादों सहित यूपी के 45 उत्पादों को अभी तक GI टैग प्रदान किया गया है. साथ ही जीआई रजिस्ट्री अभी तक 441 भारतीय उत्पादों और 34 विदेशी उत्पादों को यह टैग प्रदान कर चुका है.
वाराणसी के इन उत्पादों को मिल चुका है GI टैग:
इससे पहले वाराणसी के कई उत्पादों को GI टैग प्रदान किया जा चुका है जिसमें बनारस ब्रोकेड और साड़ियां, वाराणसी सॉफ्ट स्टोन जाली वर्क, बनारस मेटल रिपोसे शिल्प, वाराणसी ग्लास बीड्स आदि शामिल है.
इससे पहले, रामनगर भंटा (बैंगन) और वाराणसी के पड़ोसी जिले चंदौली के आदमचीनी चावल को भी GI Tag प्रदान किया गया था.
जीआई एक्सपर्ट के मुताबिक, तिरंगी बर्फी, बनारस का लाल पेड़ा, बनारसी ठंडई और बनारस लाल भरवा मिर्च और चिरईगांव के करौंदा को भी इस लिस्ट में शामिल किया जायेगा.
पीएम मोदी भी दे रहे बढ़ावा:
वाराणसी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्वाचन क्षेत्र है, इसलिए पीएम मोदी भी काशी के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए हमेशा प्रयासरत रहते है और वाराणसी के उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने की कोशिश करते रहते है. इस कड़ी में G7 शिखर सम्मेलन के दौरान, उन्होंने विदेशी मेहमानों को बनारसी गुलाबी मीनाकारी और लकड़ी की नक्काशी सहित कई उत्पाद को उपहार में दिया था.
क्या होता GI टैग?
भौगोलिक संकेत (GI) टैग स्थानीय रूप से बनाये गए या उत्पादित प्रोडक्ट्स को दिया जाने वाला एक टैग है जिसकी एक विशिष्ट भौगोलिक उत्पति होती है. किसी उत्पाद को जीआई टैग तभी दिया जा सकता है जब वह किसी दिए गए स्थान की विशेषता को दर्शाता है.
GI टैग, पहली बार 2003 में पेश किया गया था, जिसके तहत दार्जिलिंग की चाय को सबसे पहले यह टैग दिया गया था.
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