कोरोना वायरस की वैक्सीन विकसित करने के लिए दुनिया भर में शोध हो रहे हैं. इस बीच भारतीय कंपनी भारत बायोटेक स्वदेशी कोरोना वायरस वैक्सीन 'कोवैक्सिन' (Covaxin) पर काम कर रही है. वहीं कंपनी का कहना है कि कोरोना वायरस की यह स्वदेशी वैक्सीन जून 2021 तक लॉन्च होने की पूरी संभावनाएं हैं.
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने कंपनी को इस वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल को मंजूरी दे दी है. हैदराबाद स्थित कंपनी ने 02 अक्टूबर को डीसीजीआई को आवेदन देकर अपने टीके के तीसरे चरण के लिए परीक्षण की अनुमति मांगी थी. कंपनी की योजना 12 से 14 राज्यों के लगभग 20,000 से अधिक लोगों को इस ट्रायल में शामिल करने की है.
भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर साई प्रसाद के अनुसार अगर सभी तरह की अनुमति कंपनी को ठीक समय पर मिल गईं तो ऐसे में संभावना है कि 2021 की दूसरी तिमाही तक वैक्सीन के तीसरे क्लीनिकल ट्रायल की सभी क्षमताओं और नतीजों के बारे में हमें पता चल जाएगा. साईं प्रसाद के मुताबिक, अगले महीन के मध्य में 18 साल और इससे ऊपर के वॉलंटियर्स पर वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल शुरू होगा.
कोवैक्सिन: एक नजर में
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के सहयोग से विकसित कोवैक्सिन ऐसा टीका है. इस टीका में शक्तिशाली इम्यून सिस्टम विकसित करने के लिए कोविड-19 वायरस के 'मारे गए विषाणुओं' को शरीर में इंजेक्ट किया जाता है.
सीरम इंस्टीट्यूट भी बना रहा टीका
वहीं भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया भी कोरोना वायरस संक्रमण की वैक्सीन 'कोवीशील्ड' बना रहा है. इस वैक्सीन का काम भारत बायोटेक से भी आगे हैं. सीरम इंस्टीट्यूट ने तीसरे चरण के ट्रायल के लिए लोगों का चुनाव भी कर लिया है.
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