भारत को मिली दूसरी कामयाबी, भारत बायोटेक की Covaxin को मिली मंजूरी

Jan 4, 2021, 12:24 IST

यह मंजूरी केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी ने दी है. इससे पहले कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड को भी फेज-3 क्लिनिकल ट्रायल के लिए सीडीएससीओ से इस बारे में मंजूरी मिल गई है.

Bharat Biotech
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कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी से लड़ने वाले वैक्सीन को लेकर अच्छी खबर है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड की वैक्सीन 'कोवैक्सीन' को इमरजेंसी में इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिल गई है. यह मंजूरी केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी ने दी है.

इससे पहले कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड को भी फेज-3 क्लिनिकल ट्रायल के लिए सीडीएससीओ से इस बारे में मंजूरी मिल गई है. इस वैक्सीन को भारत बायोटेक और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने विकसित किया है. वहीं, कोविशील्ड को आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका ने विकसित किया है और सीरम इंस्टीट्यूट भारत में इसका उत्पादन कर रहा है.

भारत में चार वैक्सीन बनकर तैयार

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कोविशील्ड को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी मिलने के बाद खुशी जताई है. उन्होंने कहा, भारत शायद एकमात्र ऐसा देश है जहां कोरोना की चार वैक्सीन बनकर तैयार हैं. इन चार वैक्सिनों में कोविशील्ड, कोवैक्सीन, फाइजर और जायडस कैडिला शामिल है.

दूसरी Vaccines के मुकाबले सबसे सस्ती

माना जा रहा है कि ये वैक्सीन दूसरी Vaccines के मुकाबले सबसे सस्ती हो होगी. इस वैक्सीन की एक डोज की कीमत 100 रुपये के आसपास हो सकती है. इस हिसाब से अगर देश में सभी लोगों को ये वैक्सीन लगाई गई तो सरकार का इस पर खर्च 13 हजार 500 करोड़ रुपये के आसपास होगा.

सुरक्षित है वैक्‍सीन

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत बायोटेक को लेकर हैदराबाद की कंपनी की तरफ से उपलब्ध कराए गए ट्रायल के अतिरिक्त डाटा का विश्लेषण करने के बाद इसे इस्तेमाल के लिए सुरक्षित पाया गया. कोवैक्सीन के तीसरे फेज का ट्रायल अभी जारी है. पहले और दूसरे फेज के ट्रायल में इस वैक्सीन को पूरी तरह सुरक्षित और कोरोना संक्रमण को रोकने में सफल पाया गया था. इसी के आधार पर इसके इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत देने का फैसला किया गया.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने क्या कहा?

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कोविड वैक्‍सीन के सुरक्षित और प्रभावी होने को लेकर अफवाहों और भ्रामक सूचनाओं से लोगों को गुमराह नहीं होने की अपील की. उन्होंने कहा कि पहले चरण में देशभर में तीन करोड़ लोगों को मुफ्त वैक्सीन लगाया जाएगा. उन्होंने कहा कि वैक्‍सीन को मंजूरी देने से पहले सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा और अप्रूवल में सुरक्षा मानकों को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा.

दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन

महाराष्ट्र के पुणे स्थित सीरम इंस्टिट्यूट उत्पादन की दृष्टि से दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी है. इस तरह, कोवीशील्ड को देश में निर्मित वैक्सीन है जबकि कोवैक्सीन देश में विकसित और निर्मित, दोनों है. इसे भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) की मदद से भारत बायोटेक ने विकसित किया है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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