बिहार सरकार ने 2 अक्टूबर 2016 को बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद शुल्क अधिनियम, 2016 को अधिसूचित किया. अधिसूचित किए गए नए शराब प्रतिबंध क़ानून में कम से कम 1 लाख रुपये का जुर्माना के साथ 7 साल के लिए जेल का भी प्रावधान है.
पटना उच्च न्यायालय द्वारा शराब की खपत पर प्रतिबंध लगाने के आदेश को खारिज कर देने के दो दिन बाद राज्य सरकार ने कैबिनेट की विषेश बैठक में अधिसूचना जारी की. बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की.
राज्य सरकार ने शराबबंदी पर अमल हेतु क़ानून में कड़े बदलाव किए हैं. राज्य सरकार ने पटना उच्च न्यायालय के आदेश आबकारी अधिनियम में संशोधन से संबंधित अधिसूचना के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट जाने फैसला किया है.
बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद शुल्क अधिनियम, 2016 के कुछ प्रावधान-
- नए कानून के तहत गांवों में पूर्ण शराबबंदी की जाएगी यानि देशी और विदेशी दोनों तरह की शराब की बिक्री पर रोक रहेगी.
- शहरी क्षेत्रों के चुनिंदा इलाकों की करीब 650 सरकारी दुकानों में सिर्फ़ विदेशी शराब की बिक्री की जाएगी.
- पटना नगर-निगम क्षेत्र में शराब बेचने की 90 सरकारी दुकानें खोली जाएंगी.
- बिहार सरकार को इस फ़ैसले के कारण साल में दो हज़ार करोड़ रुपए से अधिक के उत्पाद शुल्क का नुक़सान होगा.
- बिहार सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़ों के मुताबिक सरकार को देशी शराब की बिक्री से 2015-16 के वित्तीय वर्ष में 2,159 करोड़ रुपए उत्पाद शुल्क के रूप में मिले.
- नए क़ानून में अवैध शराब की बिक्री रोकने हेतु कई कड़े प्रावधान किए गए हैं, ज़हरीली शराब पीने से मौत होने पर शराब बनाने और बेचने वालों को मौत की सजा का प्रावधान भी हो सकता है.
- विदेशी शराब की लाइसेंसी दुकानों में बची अंग्रेज़ी शराब को सरकार ज़ब्त कर लेगी और जांच के बाद उसकी कीमत दुकानदारों को वापस करेगी.
- देशी शराब के स्टॉक को जिला प्रशासन नष्ट कर देगा, इस प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी.
- उत्पाद और मद्य निषेध विभाग ने शराबबंदी से जुड़ी शिकायतों को दर्ज करने के लिए दस टेलीफोन लाइनों वाला एक कॉल सेंटर शुरू किया.
- बिहार पुलिस का भी एक कंट्रोल रूम खास तौर पर शराबबंदी सुनिश्चित करने के लिए उत्पाद विभाग के कॉल सेंटर के साथ काम करेगा.
- स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी जिलों में 50 बेड वाला डिएडिक्शन सेंटर (नशा मुक्ति केंद्र) खोलने की योजना है.
- यहां खास तौर पर प्रशिक्षित डाक्टर तैनात किए जाएंगे, इन केंद्रों पर ज़रूरी दवा के साथ-साथ काउंसिलिंग का भी इंतज़ाम रहेगा.
- शराब बनाने के लिए कच्चा माल और तैयार शराब की ढुलाई करने वाले टैंकरों में जीपीएस सिस्टम से लैस डिजिटल लॉकर लगाना ज़रूरी कर दिया गया है.
- राज्य से होकर दूसरे राज्यों में जाने वाले ऐसे वाहनों का टैंक बिहार में प्रवेश करते ही लॉक कर दिया जाएगा. जिसे पड़ोसी राज्य की सीमा पर ही खोला जा सकेगा.
- इन वाहनों के लिए चौबीस घंटे के अंदर बिहार की सीमा से निकलना भी आवश्यक कर दिया गया है.
- बिहार सरकार ने उन राज्यों से शराबबंदी में सहयोग मांगा है जिनकी सीमा बिहार से लगती है.
- बिहार सरकार ने खासकर झारखंड और उत्तर प्रदेश से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि उनके यहां से देशी शराब और इसे बनाने का कच्चा माल अवैध तरीक से बिहार न पहुंचे.
- शिक्षा विभाग स्कूली बच्चों, खासकर सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के पिता से यह शपथपत्र ले रही है कि वे शराब का सेवन नहीं करेंगे, अब तक ऐसे करीब 94 लाख शपथपत्र सरकारी स्कूलों में जमा हुए हैं.
- शराबबंदी को सुनिश्चित करने हेतु उत्पाद विभाग अपने पुलिस बल को और मजबूत कर रहा है.
- विभाग ने 854 उत्पाद सिपाहियों की बहाली के लिए पुलिस भर्ती बोर्ड को लिखा है.
- साथ ही विभाग ने गृह विभाग से दो हजार अतिरिक्त सैफ (विशेष सहायक बल) जवानों और चार हजार अतिरिक्त होम गार्ड जवानों की मांग की है. इसके अतिरिक्त विभाग गंगा सहित सूबे की बड़ी नदियों पर वाटरबोट से और सघन निगरानी करेगा.
- बिहार उत्पाद शुल्क संशोधन विधेयक अधिनियम, 2016 पूर्व में लागू बिहार मद्य निषेध अधिनियम,1915 और मद्य निषेध अधिनियम 1938 का स्थान लेगा. जिसके तहत निर्माण, बिक्री, भंडारण और शराब की खपत को प्रतिबंधित कर दिया गया है.
- बिहार उत्पाद शुल्क संशोधन विधेयक अधिनियम, 2016 के लागू होने के बाद निर्माण, बॉटलिंग, वितरण, परिवहन, संग्रह, भंडारण, कब्जे, बिक्री और शराब या किसी अन्य नशा राज्य सरकार द्वारा निर्दिष्ट की खपत पर निषेध लगाता है.
- राज्य सरकार ने मौजूदा लाइसेंस को नवीनीकृत, या किसी भी राज्य के स्वामित्व वाली कंपनी (जैसे निर्माण, वितरण, आदि) के रूप में इन गतिविधियों के किसी भी शुरू करने की अनुमति देने के लिए अनुमति देता है.
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