केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 15 दिसम्बर 2017 को केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजना राष्ट्रीय आयुष मिशन को 01 अप्रैल 2017 से 31 मार्च 2020 तक जारी रखने को मंजूरी दी गई. यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई. इस पर तीन वर्ष की अवधि के दौरान 2400 करोड़ रुपये का लागत-खर्च आएगा. इस मिशन की शुरूआत सितंबर 2014 में की गई थी.
यह भी पढ़ें: केंद्रीय कैबिनेट ने तीन तलाक वाले विधेयक को मंजूरी दी
राष्ट्रीय आयुष मिशन का क्रियान्वयन आयुष मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है. इसका उद्देश्य सस्ती आयुष सेवाएं उपलब्ध कराना है, जो सबकी पहुंच में हों.
विशेषताएं:
- आयुष अस्पतालों और डिस्पेंसरियों का उन्नयन
- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और जिला अस्पतालों में आयुष सुविधाएं
- आयुष शिक्षण संस्थानों, राज्य सरकार, आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी एवं होम्योपैथी फार्मेंसियों के उन्नयन के जरिये राज्य स्तरीय संस्थागत क्षमता को मजबूत करना
- आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी एवं होम्योपैथी प्रवर्तन प्रणाली और औषधि जांच प्रयोगशालाएं
- बेहतर कृषि तौर-तरीकों को अपनाकर जड़ी-बूटियों की खेती को समर्थन, ताकि इनके भंडारण और वितरण संरचना के विकास तथा कच्चे माल की लगातार आपूर्ति की जा सके
राष्ट्रीय आयुष मिशन देश में और खासतौर से कमजोर एवं दूरदराज के इलाकों में आयुष स्वास्थ्य सेवाएं या शिक्षा उपलब्ध कराकर राज्य या केंद्र शासित प्रदेश सरकारों के प्रयासों को समर्थन दे रहा है, ताकि स्वास्थ्य सेवाओं के अंतराल को दूर किया जा सके. मिशन के तहत इन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाता है. इसके अलावा वार्षिक योजनाओं के लिए अधिक संसाधनों को पूरा करने के लिए प्रावधान भी किए जाते हैं.
मिशन के संभावित परिणाम:
- आयुष सेवाएं प्रदान करने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं की संख्या बढ़ाने और दवाओं तथा प्रशिक्षित श्रम शक्ति की बेहतर उपलब्धता के जरिये आयुष स्वास्थ्य सेवाओं तक बेहतर पहुंच.
- हर तरह की सुविधाओं से लैस आयुष शिक्षा संस्थानों की संख्या बढ़ाकर आयुष शिक्षा में सुधार.
- सख्त प्रवर्तन प्रणाली से लैस बेहतर फार्मेसियों और औषधि जांच प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाकर बेहतर आयुष दवाओं की उपलब्धता में सुधार.
- प्रतिरोधक स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों के रूप में योग और प्राकृतिक चिकित्सा को अपनाने के लिए जागरूकता पैदा करना.
- जड़ी-बूटियों के कच्चे माल की बढ़ती घरेलू मांग को पूरा करना और निर्यात बढ़ाना.
पृष्ठभूमि:
राष्ट्रीय आयुष मिशन का उद्देश्य आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी एवं होम्योपैथी जैसी प्राचीन भारतीय चिकित्सा विरासत को मजबूत बनाना है. ये स्वास्थ्य सुविधा के क्षेत्र में अपार ज्ञान का भंडार हैं. भारतीय औषधि प्रणालियों की यह विशेषता है कि वे सबकी पहुंच में हैं, उनमें विविधता मौजूद है, ये दवाएं सस्ती हैं तथा आम जनता के बड़े वर्ग में इनकी स्वीकृति है. तुलनात्मक रूप से ये दवाएं कम खर्चीली हैं और देशवासियों के एक बड़े वर्ग की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम हैं.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation