PM-DevINE scheme: पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए 'पीएम-डिवाइन' योजना को मंजूरी, जानें क्या है पीएम-डिवाइन?
PM-DevINE scheme: पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए, एक नई योजना 'पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री की विकास पहल' (पीएम-डिवाइन) को मंजूरी दे दी है. जानें क्या है 'पीएम-डिवाइन' योजना?

PM-DevINE scheme: पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए, एक नई योजना 'पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री की विकास पहल' (पीएम-डिवाइन) को मंजूरी दे दी है. इस योजना को वर्ष 2022-23 से 2025-26 तक के लिए लागू किया गया है. इसे 15वें वित्त आयोग के शेष चार वर्षों के लिए मंजूरी दी गयी है.
इस योजना की मदद से पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास को नई गति मिलेगी जिससे देश का नार्थ-ईस्ट रीजन भी विकास की मुख्य धारा में शामिल हो सकेगा. साथ ही रोजगार के नए अवसर बनेंगे जिससे इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन में स्थिरता आयेगी. इस योजना को पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्रालय (डोनर) द्वारा क्रियान्वित किया जायेगा.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वर्ष 2022-23 से 2025-26 तक 15वें वित्त आयोग के शेष चार वर्षों के लिए नई योजना "पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री की विकास पहल (पीएम-डिवाइन)" को मंजूरी दी
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) October 12, 2022
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क्या है 'पीएम-डिवाइन' योजना?
यह एक केंद्र प्रायोजित विकास योजना है, जो 100 प्रतिशत केन्द्रीय वित्त पोषण पर आधारित है. यह योजना नार्थ-ईस्ट रीजन के बुनियादी ढांचे के निर्माण, सामाजिक विकास परियोजनाओं, उद्योगों को पूर्ण सहयोग देंगी. साथ ही यह युवाओं व महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर प्रदान करेगी. इसे पूर्वोत्तर परिषद, केंद्रीय मंत्रालयों या एजेंसियों की मदद से डोनर मंत्रालय द्वारा लागू किया जायेगा.
केन्द्रीय बजट 2022-23 में की गयी घोषणा: इस योजना को घोषणा केन्द्रीय बजट 2022-23 में की गयी थी. जो पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास को एक नई गति देगा.
6,600 करोड़ का बजट: इस केन्द्रीय योजना पर 6,600 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. इसे 15वें वित्त आयोग के शेष चार वर्षों की अवधि के लिए लागू किया गया है. साथ ही इस योजना के लक्ष्यों को वर्ष 2025-26 तक पूरा करने का प्रयास किया जायेगा.
इंजीनियरिंग-खरीद-निर्माण: धन की बचत और निर्माण जोखिमों को सीमित करने के लिए इसे इंजीनियरिंग-खरीद-निर्माण (EPC) के आधार पर लागू किया जायेगा.
पीएम-डिवाइन का उद्देश्य:
- बुनियादी ढांचे का विकास: इस योजना की मदद से नार्थ-ईस्ट रीजन में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने का प्रयास किया जायेगा, जो पीएम गति शक्ति मेगा प्रोजेक्ट से प्रेरित है.
- सामाजिक विकास परियोजना: पीएम-डिवाइन का उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्रों में चल रही सभी प्रकार की सामाजिक विकास परियोजनाओं को आगे बढ़ाना है साथ ही इनके क्रियान्वयन में कोई बाधा ना आये इस बात को सुनिश्चित किया जायेगा.
- रोजगार: पीएम-डिवाइन की मदद से नार्थ-ईस्ट रीजन में नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे जिससे वहां के निवासियों को इसके लिए पलायन नहीं करना पड़ेगा. साथ ही महिलाओं और युवाओं के लिए नये आजीविका के साधन का विकास किया जायेगा.
क्यों की गयी पीएम-डिवाइन की घोषणा?
देश की आजादी के बाद से ही भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास से वंचित रहा है. नार्थ-ईस्ट रीजन बुनियादी न्यूनतम सेवाओं (BMS) के संबंध में ये राज्य, राष्ट्रीय औसत पैरामीटर से काफी नीचे है. साथ ही यूएनडीपी, नीति आयोग, और एमडीओएनईआर द्वारा तैयार बीईआर जिला निरंतर विकास उद्देश्य (SDG) सूचकांक 2021-22 के अनुसार इन क्षेत्रों में गंभीर विकास अंतराल है. अतः इन सभी विशलेषण के आधार पर पीएम-डिवाइन योजना को शुरू किया गया है.
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