केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 07 मार्च 2019 को स्वच्छ, साझा, सतत एवं समग्र गतिशीलता पहलों को बढ़ावा देने के लिए ‘परिवर्तनकारी गतिशीलता और बैटरी स्टोरेज पर राष्ट्रीय मिशन’ की शुरुआत करने को स्वीकृति दी गई है. भारत में कुछ व्यापक निर्यात-प्रतिस्पर्धी क्षमता वाले एकीकृत बैटरी एवं सेल-निर्माता गीगा संयंत्रों की स्थापना में सहयोग देने के लिए चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम (पीएमपी) वर्ष 2024 तक 5 वर्षों के लिए मान्य है.
इलेक्ट्रिक वाहनों से जुड़ी समूची मूल्य श्रृंखला (वैल्यू चेन) में होने वाले उत्पादन के स्थानीयकरण के लिए पीएमपी बनाने को मंजूरी दी गई है जो वर्ष 2024 तक 5 वर्षों के लिए मान्य है. दोनों ही पीएमपी योजनाओं को ‘परिवर्तनकारी गतिशीलता और बैटरी स्टोरेज पर राष्ट्रीय मिशन’ द्वारा अंतिम रूप दिया जाएगा.
परिवर्तनकारी गतिशीलता और बैटरी स्टोरेज पर राष्ट्रीय मिशन की संरचना
- अंतर-मंत्रालय संचालन समिति के साथ बहु-विषयक ‘परिवर्तनकारी गतिशीलता और बैटरी स्टोरेज पर राष्ट्रीय मिशन’ की अध्यक्षता नीति आयोग के सीईओ करेंगे.
- संचालन समिति में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, विद्युत मंत्रालय, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारी उद्योग विभाग तथा उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के सचिव और औद्योगिक मानक ब्यूरो के महानिदेशक शामिल होंगे.
मिशन की भूमिका
- इस मिशन के तहत परिवर्तनकारी गतिशीलता के साथ-साथ इलेक्ट्रिक वाहनों, इन वाहनों के कलपुर्जों और बैटरियों से जुड़े चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रमों के लिए विभिन्न रणनीतियों की सिफारिशें पेश की जाएंगी एवं इन्हें अपेक्षित गति प्रदान की जाएगी.
- इलेक्ट्रिक वाहनों से जुड़ी समूची मूल्य श्रृंखला (वैल्यू चेन) में होने वाले उत्पादन के स्थानीयकरण के लिए चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम (पीएमपी) शुरू किया जाएगा.
- ‘परिवर्तनकारी गतिशीलता और बैटरी स्टोरेज पर राष्ट्रीय मिशन’ के तहत पीएमपी की रूपरेखा तय की जाएगी एवं इस तरह के कार्यक्रम से जुड़े विवरण को अंतिम रूप दिया जाएगा.
- स्थानीयकरण के प्रत्येक चरण में हासिल किए जा सकने वाले मूल्य वर्धन के विवरण को इस मिशन के तहत अंतिम रूप दिया जाएगा और इसके साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों के कलपुर्जों और बैटरियों के लिए एक स्पष्ट ‘मेक इन इंडिया’ रणनीति तैयार की जाएगी.
- भारत में गतिशीलता या आवागमन में व्यापक बदलाव लाने के लिए विभिन्न पहलों को एकीकृत करने हेतु इस मिशन के तहत मंत्रालयों/विभागों और राज्यों के महत्वपूर्ण हितधारकों के साथ समन्वय स्थापित किया जाएगा.
मिशन का रोडमैप |
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क्या होगा लाभ?
यह मिशन उन मोबिलिटी सॉल्यूशंस को विकसित करने में तेजी लाएगा जो उद्योग जगत, अर्थव्यवस्था और समूचे देश के लिए अत्यंत लाभदायक साबित होंगे. इन मोबिलिटी सॉल्यूशंस से शहरों में आबोहवा बेहतर होगी और इसके साथ ही तेल आयात पर भारत की निर्भरता कम होगी तथा नवीकरणीय ऊर्जा एवं स्टोरेज सॉल्यूशंस के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा.
इस मिशन के तहत ऐसी रणनीति एवं रोडमैप तैयार किया जाएगा जो भारत को इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के लिए एक प्रतिस्पर्धी घरेलू विनिर्माण माहौल विकसित करने हेतु अपने विशाल आकार से व्यापक लाभ उठाने में समर्थ बनाएगा.
पृष्ठभूमि
सितंबर 2018 में आयोजित वैश्विक गतिशीलता शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में गतिशीलता के भविष्य के लिए सात ‘सी’ पर आधारित विजन की रूपरेखा पेश की थी जिनमें कॉमन, कनेक्टेड, कन्वीनियंट, कंजेशन-फ्री, चार्ज्ड, क्लीन और कटिंग-एज मोबिलिटी शामिल हैं. मोबिलिटी या गतिशीलता में अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने और शहरी एवं ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए जीवन में व्यापक सकारात्मक बदलाव लाने की असीम क्षमता है. अतः इसे ध्यान में रखते हुए एक ऐसे समर्पित बहु-विषयक मिशन शुरू करने की जरूरत महसूस की गई जो सहकारी संघवाद तथा व्यापक हितधारक एवं अंतर-मंत्रालय सलाह-मशविरा को सुविधाजनक बनाएगा.
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