प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली चुनी गई सरकार की पहली बैठक में 31 मई 2019 को प्रधानमंत्री किसान योजना का दायरा बढ़ाने का निर्णय लिया गया. इसके तहत सभी किसानों को 6,000 रुपये सालाना सहायता राशि देने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई.
नई एनडीए सरकार के मंत्रिमंडल की पहली बैठक में यह निर्णय लिया गया है. आम चुनावों के अपने घोषणापत्र में भाजपा ने सभी किसानों को इस योजना के दायरे में लाने का वादा किया था. अब इस योजना के लिए भूमि स्वामित्व की सीमा को हटा दिया गया है. पहले इस योजना का लाभ दो हेक्टेयर से कम भूमि वाले निर्धन किसानों को दिया जाता था. अब प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से लगभग 15 करोड़ परिवार लाभान्वित होंगे.
मुख्य बिंदु
• केंद्र सरकार छोटे व सीमान्त किसानों को प्रतिवर्ष 6000 रुपये की वित्तीय सहायता देगी.
• इस योजना से सरकार खजाने से 75,000 करोड़ रुपये व्यय किया जायेंगे.
• इस योजना का उद्देश्य उन किसानों की सहायता करना है जिन्हें ख़राब मौसम अथवा कम कीमत के कारण नुकसान होता है.
• यह 6000 रुपये की राशि 2000-2000 हज़ार की तीन किश्तों में सीधे किसानों के खातों में हस्तांतरित की जायेगी.
• प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत अब 14.5 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे, इससे सरकारी खजाने पर 87,000 करोड़ रुपये सालाना बोझ पड़ेगा.
• अंतरिम बजट 2019 में किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान निधि योजना (PM-KISAN) की घोषणा की गयी थी.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना-2019
वित्त वर्ष 2019-20 के अंतरिम बजट में 75 हजार करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की घोषणा की गई थी. जिसके तहत सरकार ने दो हेक्टयर तक की जोत वाले करीब 12 करोड़ किसानों को तीन किस्तों में 6 हजार रुपये सालाना देने का ऐलान किया था.
इस योजना के तहत किसानों को प्रतिवर्ष 6000 रुपये दिए जायेंगे, यह राशि 500 रुपये प्रति माह होगी. नाबार्ड बैंक के ग्रामीण वित्तीय सर्वेक्षण 2015-16 में कृषि से किसान की औसत मासिक आय 3,140 रुपये थी. इस प्रकार 500 रुपये प्रति माह से किसान की मासिक आय में 16% की वृद्धि होगी. अब तक इस योजना पर 10,500 करोड़ रुपये व्यय किये जा चुके हैं.
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