केंद्र सरकार ने ‘सर्वे ऑफ इंडिया’ की 250वीं वर्षगांठ पर स्मारक डाक टिकट जारी किये हैं. इस अवसर पर डाक टिकट केन्द्रीय संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने डाक टिकटों तथा एक लघु चित्र जारी किया.
सर्वे ऑफ इंडिया दुर्गम हिमालय, गर्म रेगिस्तान और जानवरों से परिपूर्ण जंगलों के सर्वे करने की चुनौतियों का सामना करने में सफल रहा है. सर्वे ऑफ इंडिया नई प्रौद्योगिकी को अपनाने के लिए हमेशा तैयार रहा है और अब यह डिजिटल मैपिंग और भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) के क्षेत्र में भी सफलतापूर्वक प्रवेश कर चुका है.
सर्वे ऑफ इंडिया मजबूत नींव, शक्तिशाली परम्पराओं और गहरे जड़ों पर आधारित है, जो भारत को विश्व के सबसे बेहतर रूप से सर्वे किये जाने वाला देश बनाना चाहता है.
सर्वे ऑफ इंडिया ने अपने लक्ष्य ‘ए सेतु हिमाचलम्’ (अर्थात् सेतु से हिमालय तक, सम्पूर्ण भारत) के प्रति हमेशा प्रतिबद्धता जताई है. सर्वे ऑफ इंडिया के अधिकारी व कर्मचारी अपने कार्यों हेतु दुर्गम क्षेत्रों घने जंगल, मरूस्थल और ऊंचे बर्फीले पहाड़ों तक पहुंचे है.
डाक टिकट-
- डाक विभाग उन संस्थाओं के लिए स्मारक डाक टिकट जारी करता है, जिसे राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति मिली हो या जिसने राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर योगदान दिया हो.
सर्वे ऑफ इंडिया के बारे में-
- सर्वे ऑफ इंडिया का इतिहास 1767 ई. से प्रारम्भ होता है, जब मेजर जेम्स रीनेल को बंगाल का सर्वेअर जनरल नियुक्त किया गया.
- यह भारत का सबसे पुराना वैज्ञानिक विभाग है और साथ ही यह विश्व के सबसे पुराने सर्वे विभागों में से एक है.
- सर्वे ऑफ इंडिया को भारत के पहले डाक टिकट की छपाई करने तथा भारतीय संविधान की पहली प्रति छापने का विशिष्ट सम्मान प्राप्त है.
- सर्वे ऑफ इंडिया भारत सरकार के सभी सर्वे से संबंधित कार्यों जैसे भूगणित, फोटोग्रैमेट्री, मानचित्र बनाना और मानचित्र का पुन: प्रस्तुतिकरण आदि के लिए सलाहकार के रूप में कार्य करता है.
- सर्वे ऑफ इंडिया के अधिकारी व कर्मचारी देश के अछूते व निर्जन क्षेत्रों तक पहुंचने वाले पहले व्यक्तियों में थे.
- सर्वे ऑफ इंडिया के कर्मी निरंतर प्रयत्नशील होकर, विश्वास के साथ और बाधाओं को दूर करते हुए मानचित्र बनाने का कार्य करते है, जो विकास, प्रतिरक्षा और प्रशासन के लिए अत्यंत आवश्यक है.
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