International trade settlements in rupees: केंद्र सरकार ने एक्सपोर्ट प्रमोशन स्कीम्स को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रुपये में इंटरनेशनल ट्रेड सेटलमेंट कि अनुमति दे दी है. विदेश व्यापार नीति में इस संशोधन से अब भारतीय रुपये में इंटरनेशनल ट्रेड को किया जा सकता है. अब इंटरनेशनल ट्रेड के लिए चालान, भुगतान और ट्रेड सेटलमेंट रूपये में किया जा सकता है.
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कहा है कि भारतीय रुपये के बढ़ते अंतर्राष्ट्रीयकरण को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. जिससे भारतीय रुपये में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार लेनदेन को सुविधाजनक और आसान बनाया जा सकता है.
वैश्विक स्तर पर चल रही आर्थिक उथल-पुथल को देखते हुए यह निर्णय महत्वपूर्ण माना जा रहा है. रूस-यूक्रेन युद्ध को देखते हुए भारत के रूस से बढ़ते कच्चे तेल के आयात के मद्देनजर यह फैसला अधिक अहम् माना जा रहा है.
Centre allows International Trade Settlements in Indian Rupees for Export Promotion Schemes under the Foreign Trade Policy
— PIB India (@PIB_India) November 9, 2022
Decision to facilitate and ease international trade transactions in Indian Rupeeshttps://t.co/j5irG7gXqi @CimGOI
फॉरेन ट्रेड पॉलिसी में किया गया बदलाव:
- भारत सरकार ने भारतीय रुपये (INR) में इंटरनेशनल ट्रेड सेटलमेंट के लिए अपनी फॉरेन ट्रेड पॉलिसी में महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए रुपये में इंटरनेशनल ट्रेड सेटलमेंट की अनुमति दे दी है.
- विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने इसके संदर्भ में 16.09.2022 को नोटिफिकेशन जारी किया था.
- फॉरेन ट्रेड पॉलिसी के तहत लाभ, प्रोत्साहन और निर्यात दायित्वों की पूर्ति को भारतीय रुपये में भारतीय रिजर्व बैंक की गाइडलाइन के तहत प्रमोटे किया जायेगा.
क्यों किया गया बदलाव?
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने बताया कि स्टेटस होल्डर्स के रूप में मान्यता के लिए निर्यात प्रदर्शन, निर्यात के लिए आयात अग्रिम प्राधिकरण, और ड्यूटी फ्री इम्पोर्ट स्कीम के तहत निर्यात आय की वसूली और निर्यात प्रोत्साहन पूंजीगत सामान योजना के तहत निर्यात आय की वसूली के लिए ये बदलाव किये गए है.
इस बीच अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 45 पैसे की तेजी के साथ 81.47 (अनंतिम) पर बंद हुआ. इस बदलाव से इंटरनेशनल मार्केट में रूपये कि वैल्यू में भी इजाफा होगा.
क्या होगा इसका प्रभाव?
ऐसे फैसले से ग्लोबल लेवल पर भारतीय रूपये कि स्थिति और मजबूत होगी और साथ ही अन्य देश भारत के साथ डॉलर के स्थान पर रूपये में ट्रेड करने के लिए तैयार होंगे. साथ ही रूपये की वैश्विक स्तर विश्वनीयता में और इजाफा होगा.
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