सरकार ने देश में साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए कई नई पहलों की घोषणा की है. गृह मंत्री अमित शाह ने महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए नई पहलों की शुरुआत की. इस अवसर पर शाह ने कहा कि साइबर अपराधों की कोई सीमा नहीं होती और साइबर सुरक्षा के बिना राष्ट्रीय सुरक्षा असंभव है.
इन पहलों में 5,000 'साइबर कमांडो' को प्रशिक्षण देना, वेब-आधारित डेटा रजिस्ट्री की स्थापना, साइबर अपराध जानकारी साझा करने के लिए एक पोर्टल, और भविष्य के अपराधों को रोकने के लिए संदिग्धों की एक राष्ट्रीय रजिस्ट्री का निर्माण शामिल है. इसी कड़ी में सरकार ने 'साइबर कमांडो' की भी तैनाती कर रही है, जिसके बारें में आप यहां देख सकते है.
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क्या है 'साइबर कमांडो'?
'साइबर कमांडो' कार्यक्रम के तहत, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय पुलिस संगठनों जैसे सीबीआई में प्रशिक्षित कर्मियों का एक विशेष विंग स्थापित किया जाएगा जो देश में साइबर सुरक्षा के खतरों का मुकाबला करेगा. प्रशिक्षित साइबर कमांडो राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों को डिजिटल क्षेत्र को सुरक्षित करने में मदद करेंगे.
भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) की पहली स्थापना दिवस समारोह में बोलते हुए, श्री शाह ने साइबर धोखाधड़ी शमन केंद्र (CFMC) के गठन की भी घोषणा की.
इस केंद्र में प्रमुख बैंकों, वित्तीय मध्यस्थों, भुगतान एग्रीगेटरों, टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं, आईटी मध्यस्थों और राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. ये सभी एजेंसियां ऑनलाइन वित्तीय अपराधों से निपटने के लिए तुरंत एक्शन लेने के लिए तैयार किया जायेगा.
संदिग्धों पर होगी विशेष नजर:
सरकार ने बताया कि राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) के आधार पर एक संदिग्धों की रजिस्ट्री भी बनाई जा रही है - बैंकों और वित्तीय मध्यस्थों के सहयोग से - ताकि भारत की वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र की धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन क्षमताओं को मजबूत किया जा सके.
पहले से भी जारी है सरकार की कोशिश:
इस अवसर पर गृह मंत्री ने कहा कि मेवात, जामताड़ा, अहमदाबाद, हैदराबाद, चंडीगढ़, विशाखापत्तनम और गुवाहाटी में सात संयुक्त साइबर समन्वय टीमों के गठन से अच्छे परिणाम मिले हैं और I4C ने ‘साइबरदोस्त’ पहल के तहत विभिन्न सोशल मीडिया हैंडल पर एक प्रभावी जागरूकता अभियान शुरू किया है.
समन्वय प्लेटफ़ॉर्म:
सरकार ने समन्वय प्लेटफ़ॉर्म भी लांच किया है, जो संयुक्त साइबर अपराध जांच सुविधा प्रणाली है. यह एक वेब-आधारित मॉड्यूल है जो साइबर अपराध का डेटा स्टोर और डेटा साझा करने के लिए तैयार किया गया है.
कैसे बन सकते है 'साइबर कमांडो'?
भारत सरकार साइबर सुरक्षा को सशक्त बनाने के लिए 5,000 'साइबर कमांडो' की तैनाती की तैयारी कर रही है. अगर आप भी इस पहल का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो आपको केंद्र और राज्यों द्वारा आयोजित विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों में शामिल होना होगा। ये कार्यक्रम साइबर सुरक्षा, अपराध जांच, और डेटा विश्लेषण में विशेषज्ञता प्रदान करेंगे, जिससे आप एक साइबर कमांडो बन सकते हैं.
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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री @AmitShah ने आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में I4C के प्रथम स्थापना दिवस समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया और साइबर अपराध की रोकथाम के लिए प्रमुख पहलों का शुभारंभ किया
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) September 10, 2024
विवरणः https://t.co/4vVZz7ryBS @HMOIndia pic.twitter.com/q5SXYF0DBi
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