चीन ने सीपीईसी परियोजना हेतु पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक सहायता रोकी

यह कयास लगाया जा रहा है कि चीन सरकार द्वारा नए दिशा-निर्देश जारी होने पर ही इन परियोजनाओं की फंडिंग आरंभ की जाएगी.

Dec 6, 2017, 12:02 IST
China temporarily stops funding road projects in Pakistan
China temporarily stops funding road projects in Pakistan

चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के अंतर्गत चल रही तीन परियोजनाओं में भ्रष्टाचार की खबरें सामने आने के बाद चीन सरकार द्वारा तीन रोड परियोजनाओं की आर्थिक सहायता रोक दी गयी है. पाकिस्तानी समाचार पत्र ‘डॉन’ द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में इस जानकारी का खुलासा हुआ.

समाचार पत्र 'डॉन' के अनुसार चीन सरकार के इस निर्णय से पाकिस्तान राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (पीएचएचए) के अरबों डॉलर की सड़क परियोजनाओं पर इसका असर पड़ेगा. इसके कारण कम से कम तीन परियोजनाओं में देरी की आशंका पैदा हुई है.

यह परियोजना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से भी होकर गुजरेगी. इस परियोजना द्वारा चीन का शिनजियांग इलाका पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत से जुड़ेगा. यह कयास लगाया जा रहा है कि चीन सरकार द्वारा नए दिशा-निर्देश जारी होने पर ही इन परियोजनाओं की फंडिंग आरंभ की जाएगी.

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प्रभाव


चीन द्वारा रोकी गयी फंडिंग से 81 अरब रुपये की लागत से बनने वाला 210 किमी लंबा डेरा इस्माइल खान-झोब रोड 19.76 अरब रुपये की लागत से बनने वाला 110 किमी लंबा खुजदार बसिमा रोड और 8.5 अरब रुपये की लागत से बनने वाला 136 किमी लंबा राजकोट से थाकोट के बीच काराकोरम हाइवे प्रोजेक्ट प्रभावित होगा. गौरतलब है कि लगभग 60 अरब डॉलर की अनुमानित राशि वाला चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा चीन के प्रतिष्ठित ‘वन बेल्ट, वन रोड’ परियोजना का हिस्सा है.


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चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी)


चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा एक वृहद वाणिज्यिक परियोजना है, जिसका उद्देश्य दक्षिण-पश्चिमी पाकिस्तान से चीन के उत्तर-पश्चिमी स्वायत्त क्षेत्र शिंजियांग तक ग्वादर बंदरगाह, रेलवे और हाइवे के माध्यम से तेल और गैस की कम समय में वितरण करना है. आर्थिक गलियारा चीन-पाक संबंधों में केंद्रीय महत्व रखता है, गलियारा ग्वादर से काशगर तक लगभग 2442 किलोमीटर लंबा है. यह योजना संपूर्ण होने में कई साल लगेगी इस पर कुल 46 बिलियन डॉलर लागत का अनुमान किया गया है. यह गलियारा गिलगित-बाल्टिस्तान और बलूचिस्तान होते हुए जायेगा. विविध स्थानों पर प्रकाशित जानकारी के अनुसार ग्वादर बंदरगाह को इस तरह से विकसित किया जा रहा है, ताकि वह 19 मिलियन टन कच्चे तेल को चीन तक सीधे भेजने में सक्षम होगा.

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Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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