छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू करने की घोषणा की. छत्तीसगढ़ में शराबबंदी हेतु प्रदेश स्तर पर प्रक्रिया का शुभारम्भ कर दिया गया है. प्रथम चरण में राज्य के तीन हजार आबादीवाले गांवों में शराब की दुकानें बंद कर दी गयी.
छत्तीसगढ़ में शराब की कोचिया प्रथा यानी ठेकेदारी को बंद करने के बाद अब राज्य सरकार अपने स्तर से खुद ही शराब की दुकानों का संचालन कर रही है.
राज्य में अब पूर्ण शराबबंदी लागूकरने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं.
पोषण सुरक्षा योजना-
छत्तीसगढ़ में प्रदेश सरकार ने पोषण सुरक्षा योजना लागू की है. इससे पूर्व छत्तीसगढ़ में वर्ष 2005 में पहली बार खाद्यान्न सुरक्षा योजना लागू की गयी.
- खाद्यान्न सुरक्षा योजना के तहत 60 लाख परिवारों को खाद्यान्न वितरित किया जा रहा है.
- खाद्यान्न सुरक्षा योजना के तहत न सिर्फ लोगों को अनाज, बल्कि दो-दो किलो नमक व पांच-पांच किलो चना भी वितरित किया जा रहा है.
यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम-
- मुख्यमंत्री रमन सिंह के अनुसार स्वास्थ्य के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ में यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम संचालित की जा रही है.
- यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम के तहत मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा कार्ड योजना चल रही है.
- स्वास्थ्य सुरक्षा कार्ड योजना के माध्यम से राज्य के सभी परिवारों को 50 हजार रुपये तक की स्वास्थ्य सुविधा सरकारी व निजी अस्पतालों में प्रदान की जा रहा है.
मध्यप्रदेश में भी शराबबंदी की तैयारी-
- मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी 10 अप्रैल 2017 को नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान राज्य में चरणवार शराब की दुकानें बंद किए जाने की घोषणा की. इसके पहले चरण में नर्मदा नदी के किनारे 58 दुकानें बंद करके की गयी.
- इसके बाद अगले चरण में रिहाइशी इलाकों में शराब बंदी की जाएगी.
- खासकर उन इलाकों से जहां शैक्षिक संस्थान और धार्मिक स्थान हैं.
गौरतलब है कि बिहार में नीतीश कुमार सरकार ने पूर्ण शराबबंदी लागू कर रखी है. गुजरात के बाद ऐसा करने वाला बिहार दूसरा राज्य बन गया है. इसके बाद छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश ने भी शराबबंदी की तैयारी की है. संभवतया निकट भविष्य में उत्तर प्रदेश भी इसी रह पर चले.
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