आज के तकनीकी दौर में इंटरनेट कनेक्टिविटी के बिना रहना लगभग नामुमकिन सा लगता है। बातचीत से लेकर मनोरंजन, पढ़ाई-लिखाई और यहां तक कि रोजमर्रा की पैसों से जुड़ी गतिविधियां भी इंटरनेट पर निर्भर हैं। लेकिन, क्या आप यकीन करेंगे अगर हम आपको बताएं कि एक ऐसा देश भी है जहां आज भी इंटरनेट कनेक्शन लगभग न के बराबर है?
एरिट्रिया एक ऐसा देश है जो इंटरनेट की दुनिया से बिल्कुल अलग-थलग है। इस पूर्वी अफ्रीकी देश में इंटरनेट कनेक्शन बहुत कम है, कोई मोबाइल डेटा नहीं है, और यहां के निवासियों के लिए लगभग कोई सोशल मीडिया या एटीएम भी उपलब्ध नहीं है। आइए जानते हैं कि एरिट्रिया आज भी इंटरनेट तक आसान पहुंच के बिना क्यों है, सरकार ने कौन से कड़े नियंत्रण लागू किए हैं, और इसका वहां के नागरिकों के सामाजिक और आर्थिक विकास पर क्या असर पड़ता है।
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एरिट्रिया कहां स्थित है?
एरिट्रिया हॉर्न ऑफ अफ्रीका का एक छोटा सा देश है, जिसकी सीमाएं इथियोपिया, सूडान और जिबूती से लगती हैं। इसकी राजधानी असमारा है, जो लाल सागर के करीब है। दुनिया भर में तकनीकी तरक्की के बावजूद, एरिट्रिया की आबादी आज भी घर पर ब्रॉडबैंड कनेक्शन या मोबाइल इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं कर पाती है। ज्यादातर देशों के उलट, जहां मोबाइल डेटा आसानी से उपलब्ध है, एरिट्रिया अपनी आबादी को कोई मोबाइल इंटरनेट सेवा नहीं देता है।
एक ऐसा देश जहां इंटरनेट कनेक्शन नहीं
अध्ययनों के अनुसार, देश की केवल 1% आबादी ने ही कभी इंटरनेट का इस्तेमाल किया है। जो कुछ इंटरनेट कैफे मौजूद हैं, वे भी ज्यादातर शहरों में ही हैं।
इसके बावजूद, खराब कनेक्शन स्पीड के कारण इंटरनेट का इस्तेमाल बहुत धीमा और रुक-रुक कर होता है। यह स्पीड अक्सर 2G से भी खराब होती है।
एरिट्रिया में इंटरनेट क्यों नहीं है?
इस देश में इंटरनेट कनेक्शन न होने के कई कारण हैं:
राजनीतिक कारण: एरिट्रिया में इंटरनेट की कमी का एक बड़ा कारण यहां का राजनीतिक और आर्थिक माहौल है। इस देश को अक्सर "अफ्रीका का उत्तर कोरिया" कहा जाता है और यह अपनी कठोर तानाशाही सरकार के लिए जाना जाता है। अनिवार्य सैन्य सेवा एरिट्रिया के शासन का एक बुनियादी पहलू है। इसका असर लोगों के रोजमर्रा के जीवन पर पड़ता है और इंटरनेट तक पहुंच सहित उनकी आजादी को सीमित करता है।
राष्ट्रीय सुरक्षा: सामाजिक नियंत्रण और राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए, सरकार टेलीकॉम सेवाओं और उसके इंफ्रास्ट्रक्चर को सख्ती से नियंत्रित करती है। इसके कारण, मोबाइल डेटा नेटवर्क अब लगभग न के बराबर हैं। इंटरनेट से जुड़ने के लिए केवल कुछ कैफे ही बचे हैं, जहां महंगा वाई-फाई मिलता है।
आर्थिक मुश्किलें: एरिट्रिया गंभीर आर्थिक मुश्किलों का सामना कर रहा है। रिपोर्टों के अनुसार, इंटरनेट कैफे एक घंटे के इस्तेमाल के लिए लगभग 100 एरिट्रियाई नafka (करीब 100 रुपये) लेते हैं, जिसे कई स्थानीय लोग नहीं दे सकते। कम औसत आय वाले देश में यह एक बहुत बड़ी कीमत है। इसके कारण इंटरनेट एक ऐसी लग्जरी बन गया है, जिसका खर्च कुछ चुनिंदा लोग ही उठा सकते हैं।
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दूसरे देशों में क्या हालत है?
हालांकि एरिट्रिया इतने कड़े इंटरनेट नियमों वाला एकमात्र देश है, लेकिन कई विकासशील देशों में भी कीमत और कनेक्टिविटी से जुड़ी समस्याएं बनी हुई हैं।
हालांकि, वहां सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बड़े पैमाने पर उपलब्ध हैं और ज्यादातर देश कम से कम बुनियादी मोबाइल डेटा कनेक्शन तो देते ही हैं।
एरिट्रिया के खास हालात इंटरनेट की आजादी के महत्व को दिखाते हैं। इंटरनेट की आजादी आज के दौर की तरक्की के पीछे एक बड़ी ताकत है। ये हालात डिजिटल पहुंच पर सरकारी प्रतिबंधों से जुड़े खतरों को भी उजागर करते हैं।
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