राज्य के स्वामित्व वाली कोल इंडिया लिमिटेड ने 04 सितंबर, 2021 को यह सूचित किया है कि, उसने एक ऐसा सॉफ्टवेयर लॉन्च किया है जो पृथ्वी की पपड़ी/ सतह के नीचे कोयले की पतली परतों की पहचान करने में मदद करेगा.
इस सॉफ्टवेयर अन्वेषण प्रक्रिया के दौरान भूकंपीय सर्वेक्षण के उपयोग के साथ जीवाश्म ईंधन के संसाधनों के आकलन में सुधार करने में भी मदद करेगा.
एक आधिकारिक बयान में, CIL ने यह कहा है कि, उसने 'स्पेक्ट्रल एन्हांसमेंट' (SPE) नामक एक नया सॉफ्टवेयर लॉन्च किया है.
प्रमोद अग्रवाल, CIL के CMD, ने इस महारत्न फर्म के अनुसंधान एवं विकास बोर्ड की उपस्थिति में यह नया सॉफ्टवेयर लॉन्च किया. इस PSU के वरिष्ठ निदेशकों के साथ-साथ प्रतिष्ठित संगठनों और संस्थानों के विशेषज्ञ सदस्य भी इसमें शामिल हैं.
श्री. प्रमोद अग्रवाल, अध्यक्ष, CIL ने CMPDI एवं GERMI द्वारा विकसित एक सॉफ्टवेयर "स्पेक्ट्रल एन्हांसमेंट" लॉन्च किया, जो पृथ्वी की सतह के नीचे कोयले की पतली परतों की पहचान करने और कोयला अन्वेषण प्रक्रिया के दौरान भूकंपीय सर्वेक्षणों का उपयोग करके, कोयला संसाधनों के मूल्यांकन में सुधार करने के लिए है.
महत्व
• कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा शुरू किया गया यह काफी सॉफ्टवेयर महत्वपूर्ण होगा क्योंकि कोयला संसाधन अन्वेषण के लिए वर्तमान भूकंपीय सर्वेक्षण तकनीकों की पृथ्वी के नीचे कोयले की पतली परतों की पहचान करने में उनकी कुछ सीमाएं हैं. हालांकि, यह नया सॉफ्टवेयर भूकंपीय संकेतों के बारे में अधिक सक्षमता से पता लगाने में मदद करेगा जिससे कोयले की सबसे पतली परत का चित्रण भी हो सकेगा.
• यह 'मेड इन इंडिया' सॉफ्टवेयर समय के साथ ही, कोयले की खोज की लागत बचाने में भी मदद करेगा जो कोयला उत्पादन में आत्मानिर्भर भारत के मिशन को और बढ़ावा देगा.
CIL की अनुसंधान एवं विकास शाखा द्वारा तैयार किया गया है यह नया सॉफ्टवेयर
कोल इंडिया लिमिटेड की अनुसंधान और विकास शाखा सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिज़ाइन इंस्टीट्यूट (CMPDI) ने गुजरात एनर्जी रिसर्च एंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट (GERMI) के सहयोग से अपनी तरह का यह पहला सॉफ्टवेयर विकसित किया है. कंपनी अपने कॉपीराइट संरक्षण के लिए भी आवेदन करेगी.
कोल इंडिया लिमिटेड के बारे में
यह भारत सरकार के स्वामित्व वाला कोयला खनन और शोधन निगम है जो भारत सरकार के कोयला मंत्रालय के स्वामित्व में संचालित है.
कोल इंडिया लिमिटेड दुनिया की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी और सार्वजनिक क्षेत्र का महारत्न उपक्रम है. लगभग 2,72,200 कर्मचारियों के साथ CIL देश का पांचवां सबसे बड़ा नियोक्ता भी है.
कोल इंडिया लिमिटेड उन शीर्ष 20 फर्मों में 8वें स्थान पर है जो सभी वैश्विक कार्बन उत्सर्जन के एक तिहाई के लिए जिम्मेदार हैं.
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