फाइजर इंडिया भारत में कोविड -19 के लिए अपने वैक्सीन के लिए आपातकालीन उपयोग प्राधिकार हासिल करने के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) से संपर्क करने वाली पहली फार्मा कंपनी बन गई है.
एक आधिकारिक सूत्र के अनुसार, फाइजर इंडिया ने आयात और व्यापार के लिए DGCI से वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग प्राधिकार के लिए अनुमति मांगी है. इस कंपनी ने 4 दिसंबर को अपना आवेदन जमा किया था.
इस घातक वायरस के लिए वैक्सीन खोजने की दौड़ के बीच, DGCI को सबसे पहले फाइजर कंपनी का अनुरोध सबसे पहले प्राप्त हुआ है. यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि, फाइजर इंडिया की मूल कंपनी फाइजर को पहले ही यूनाइटेड किंगडम और बहरीन में अपनी वैक्सीन के लिए आपातकालीन उपयोग प्राधिकार मिल गया है.
भारत में आपातकालीन स्वीकृति के लिए फाइजर ने किया आवेदन
04 दिसंबर, 2020 को प्रस्तुत आवेदन में, फाइजर ने नए ड्रग्स एवं क्लिनिकल ट्रायल नियम, 2019 के तहत आने वाले विशेष प्रावधानों के अनुसार, भारतीय नागरिकों पर क्लिनिकल ट्रायल से छूट देने के अलावा बिक्री के लिए इस वैक्सीन को आयात करने की अनुमति मांगी है.
भारत में बिक्री के लिए नए कोरोना वायरस वैक्सीन को आयात करने की अनुमति देने के लिए फाइजर का C -18 आवेदन अभी प्रक्रिया के अधीन है और नए ड्रग्स एवं क्लिनिकल परीक्षण नियम 2019 के अनुसार इस आवेदन पर 90 दिनों के भीतर निर्णय लिया जाना है.
भारत में कोविड वैक्सीन की स्थिति
प्रधानमंत्री मोदी ने एक सर्व-पक्षीय बैठक में यह सूचित किया था कि, इस घातक वायरस के लिए वैक्सीन अगले कुछ हफ्तों में तैयार होने की उम्मीद है. फाइजर वैक्सीन स्टोरेज के मामले में, इस वैक्सीन को स्टोर करने के लिए बेहद कम तापमान चाहिए जोकि -70 डिग्री सेल्सियस है. यह भारत में इस वैक्सीन के भंडारण और वितरण के लिए एक बड़ी चुनौती है.
यूके और बहरीन में मिली फाइजर की कोविड-19 वैक्सीन को मंजूरी
02 दिसंबर, 2020 को यूनाइटेड किंगडम फ़ाइज़र/ बायोएनटेक कोविड -19 वैक्सीन को मंजूरी देने वाला पहला देश बन गया था और 04 दिसंबर को, बहरीन ने भी फ़ाइज़र और उसके जर्मन साथी बायोएनटेक द्वारा विकसित किए गए कोविड-19 वैक्सीन के उपयोग की अनुमति दी है.
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