Third Positive Indigenisation List: आत्मनिर्भरता की दिशा में निरंतर अग्रसर,'आत्मनिर्भर भारत अभियान' के तहत रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (DPSU) द्वारा देश में रक्षा आयात को कम करने के उद्देश्य से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 780 लाइन रिप्लेसमेंट/इकाइयों (LRU)/उप-प्रणालियों/कलपुर्जों की तीसरी स्वदेशी सूची (PIL) को मंजूरी दी है. एक निर्धारित समय सीमा के बाद ये आयात केवल स्वदेशी रूप से किया जायेगा.
यह सूची LRU/सब-सिस्टम/असेंबली/सब-असेंबली/कंपोनेंट्स की दो अन्य सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियों के क्रम में है जो दिसंबर 2021 और मार्च 2022 में जारी की गयी थी. इन सूचियों में 2,500 आइटम हैं जो पहले से ही स्वदेशी हैं और 458 (351+107) आइटम हैं. 458 में से, 167 आइटम्स का अब तक स्वदेशीकरण किया जा चुका है.
अभी तक आयातित इन उपकरणों और कलपुर्जों की सूची आप सृजन पोर्टल (www.srijandefence.gov.in) पर देख सकते है. इस सूची में दी गयी समय सीमा के बाद इन्हें स्वदेशी उद्योगों से ही ख़रीदा जायेगा. जो देश को और आत्मनिर्भर बनाएगा. इन उपकरणों का स्वदेशीकरण 'मेक' श्रेणी के तहत विभिन्न तरीक़ों के माध्यम से किया जाएगा. इसका उद्देश्य भारतीय उद्योग की भागीदारी को रक्षा क्षेत्र में बढ़ाना है और आत्मनिर्भरता प्राप्त करना है.
The indigenous development of these LRUs/Sub-systems/components will bolster the economy and reduce the import dependence of DPSUs.
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) August 28, 2022
Also, it will help to harness the design capabilities of domestic defence industry and position India as a design leader in these technologies. pic.twitter.com/lhzmlYY4PH
रक्षा का स्वदेशीकरण क्या है?
देश की रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए, देश के भीतर किसी भी रक्षा उपकरण के विकास और उत्पादन की क्षमता को बढ़ावा देना ही रक्षा का स्वदेशीकरण है. स्वदेशीकरण आत्मनिर्भरता प्राप्त करने और आयात के बोझ को कम करने में मदद करेगा. रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO), रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (DPSU) और निजी संगठन रक्षा उद्योगों के स्वदेशीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. भारत दुनिया के सबसे बड़े हथियार आयातकों में से एक है, और सशस्त्र बलों को अगले पांच वर्षों में रक्षा खरीद पर लगभग 130 बिलियन अमरीकी डालर खर्च करने की उम्मीद है.
रक्षा के स्वदेशीकरण का उद्देश्य क्या है?
रक्षा मंत्रालय द्वारा किये जा रहे इन तरह की पहलों का उद्देश LRU/उप-प्रणालियों/ कलपुर्जों स्वदेशी रूप से विकास करना है जो अर्थव्यवस्था को मजबूती देगी. इसके अलावा इसका उद्देश्य घरेलू रक्षा उद्योग की डिजाइन क्षमताओं का उपयोग करना और भारत को इन प्रौद्योगिकियों में एक डिजाइन लीडर के रूप में स्थापित करना है. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बजट के बाद 25 फरवरी, 2022 को आयोजित एक वेबिनार 'रक्षा में आत्मनिर्भरता: कार्रवाई का आह्वाहन' में रक्षा मंत्रालय के स्वदेशीकरण प्रयासों की सराहना की थी.
सृजन पोर्टल:
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 14 अगस्त 2020 को सृजन (SRIJAN) पोर्टल लांच किया था. यह एक वन स्टॉप ऑनलाइन पोर्टल है जो विक्रेताओं को स्वदेशीकरण की वस्तुओं के लिए एक्सेस प्रदान करता है. इस पोर्टल की मदद से रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को प्राप्त किया जायगा. इस पोर्टल पर ऐसे सामानों की जानकारी है, जिनका निर्माण हम स्वदेशी रूप से कर सकते है.
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