दिल्ली हाई कोर्ट ने दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर लगाई रोक

Dec 15, 2018, 14:10 IST

मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वी के राव की पीठ ने उस याचिका पर अंतरिम आदेश दिया जिसमें दवाओं की ऑनलाइन ‘गैरकानूनी’ बिक्री पर रोक लगाने की मांग की गई.

Delhi HC banned online selling of medicines across the country
Delhi HC banned online selling of medicines across the country

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 13 दिसंबर 2018 को ऑनलाइन फार्मेसी द्वारा इंटरनेट पर दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी. इन दवाओं में डॉक्टर के पर्चे पर लिखी गईं दवाएं भी शामिल हैं.

मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वी के राव की पीठ ने उस याचिका पर अंतरिम आदेश दिया जिसमें दवाओं की ऑनलाइन ‘गैरकानूनी’ बिक्री पर रोक लगाने की मांग की गई.

 

                                              अगली सुनवाई 25 मार्च को:

अदालत ने इससे पहले इस याचिका पर केन्द्र, दिल्ली सरकार, केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ), भारतीय फार्मेसी परिषद से जवाब मांगा. अदालत ने इस मामले में आगे की सुनवाई के लिए अगले साल 25 मार्च की तारीख तय की. डॉक्टर जहीर अहमद द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि दवाओं की ऑनलाइन गैरकानूनी बिक्री से दवाओं के दुरुपयोग जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं.

 

याचिका में दावा:

याचिका में दावा किया गया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, सीडीएससीओ और दवा परामर्श समिति द्वारा नियुक्त एक विशेषज्ञ समिति पहले ही कह चुके हैं कि दवाओं की ऑनलाइन बिक्री संबंधित कानूनों के प्रावधानों का उल्लंघन है.

याचिका में कहा गया कि बड़ी संख्या में बच्चे इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं और वे गलत दवाओं के शिकार हो सकते हैं. ऑनलाइन फार्मेसी दवा लाइसेंस के बिना काम कर रहे हैं और वर्तमान स्थिति में उनका नियमन नहीं हो सकता.

 

                                                   ड्रग्स एण्ड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940:

अधिवक्ता ने न्यायालय में कहा कि ड्रग्स एण्ड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 और फॉर्मेसी एक्ट 1948 के अंतर्गत दवाओं के ऑनलाइन बिक्री अनुमति नहीं देता. जबकि मामले की याचिका दायर करने वाले डर्मेटोलॉजिस्ट जहीर अहमद ने कहा कि वर्ष 2015 में राज्यों के दवा नियंत्रक अधिकारियों को निदेश दिया गया था कि ऑनलाइन दवा बिक्री पर रोक लगाये, लेकिन इसे नहीं रोका जा सका. उन्होंने कहा कि कुछ दवा साइकोट्रॉपिक होती है जिसे ऑनलाइन आसानी से मंगाया जा सकता है और उसका प्रयोग आपराधिक या गलत ढंग से किया जा सकता है.

 

मानवता के लिए खतरा:

इसमें कहा गया कि फिर भी इंटरनेट पर रोजाना लाखों दवाएं बेची जा रही हैं. कुछ दवाओं में नशीला पदार्थ होता है जो प्रतिजैविक (एंटीबायोटिक) रोधी जीवाणु पैदा कर सकता है जो न केवल मरीज बल्कि मानवता के लिए खतरा है.

 

नकली उत्पाद:

यह सार्वजनिक जानकारी का विषय है कि कई मौकों पर ई कॉमर्स वेबसाइटें नकली उत्पाद बेचते हुए पकड़े गए हैं. उपभोक्ता सामग्री के विपरीत,दवाएं अत्यंत प्रभावशाली सामग्री होती हैं और गलत खुराक लेने या नकली दवा खाने का मरीज पर जानलेवा असर हो सकता है.

 

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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