आठ लेन के डीएनडी (DND) फ्लाइ वे को सुप्रीम कोर्ट ने टोल फ्री रखने के आदेश किए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा टोल ब्रिज कंपनी लिमिटेड (NTBCL) की याचिका पर स्थगन आदेश देने से मना कर दिया.
साथ ही प्रोजेक्ट के निर्माण के बाद आय व्यय के लेखा जोखा हेतु सीएजी (CAG) को ऑडिट करने को कहा है. इसके लिए सीएजी (CAG) को 4 हफ्तों समय प्रदान किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही-
- डीएनडी (DND) को टोल फ्री करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी किया.
- पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगाने से मना कर दिया था.
- उस समय सुप्रीम कोर्ट ने सीएजी (CAG) या किसी स्वतंत्र एजेंसी से इस मामले की जांच कराने की बात कही थी.
- इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने की.
- चीफ जस्टिस ने डीएनडी (DND) फ्लाइ वे के संचालकों पर भी सख्त टिप्पणी की.
- सुनवाई के दौरान कोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी को भी फटकार लगाई.
- कोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी पर टिपण्णी करते हुए सवाल किया कि वह जनता के के साथ हैं या टोल कंपनी के साथ?
डीएनडी (DND) फ्लाइ वे के बारे में-
- डीएनडी (DND) फ्लाइ वे प्रोजेक्ट 1991-92 का है जब कंपनियां देश में आने को तैयार नहीं थीं.
- इसके लिए 1997 में समझौता (MOU) साइन किया गया.
- 2001 में इसका निर्माण आरम्भ किया गया.
- कंपनी के अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी के अनुसार पिछले छह साल से कंपनी घाटे में चल रही है.
- कंपनी के साथ्किए गए अनुबंध के अनुसार 20 फीसदी सालाना इंटरनल रेट ऑफ रिटर्न यानी आई आर आर (IRR) मिलना चाहिए या यह कॉन्ट्रेक्ट 30 साल तक चलेगा.
- डीएनडी (DND) फ्लाइ वे ने भी जांच सीएजी (CAG) या किसी अन्य एजेंसी से कराने को सहमती व्यक्त की है.
- डीएनडी (DND) फ्लाइ वे की लम्बाई 9.2 किलोमीटर है.
- यह रोड नोएडा से दिल्ली को जोड़ती है.
- प्रतिदिन यहं से करीब 1,25,000 वाहनों का आवागमन है. इससे नोएडा टोल ब्रिज कंपनी लिमिटेड/ एनटीबीसीएल (NTBCL) प्रति दिन करीब 25 लाख की कमाई करती है. जिसमें 28 रुपए प्रति कार और 12 रुपए प्रति दो पहिया वाहन से बतौर शुल्क वसूल किया जाता है.
पृष्ठभूमि-
- टोल वसूली के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका दायर की गयी. इसमें फेडरेशन आफ नोएडा रेजिडेन्ट्स वेल्फेयर एसोसिएशन सहित अन्य समाजसेवी संगठन सम्मिलित थे.
- याचिका की सुनवाई के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला देते हुए दिल्ली-नोएडा डीएनडी फ्लाई ओवर को टोल-फ्री करने का आदेश दिया था.
- अनुमान के अनुसार डीएनडी से प्रति दिन दो लाख गाड़िया गुजरती हैं.
- संगठनों का आरोप है कि फरवरी 2001 में शुरू हुए इस फ्लाईवे को बनाने में 407 करोड़ रुपये का खर्च आया, जबकि अब तक यहां 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा का टोल वसूला जा चुका है.
- उनका कहना है कि कंपनी ने इस दौरान टोल टैक्स बढ़ाकर करीब पांच गुना कर दिया.
- उच्च न्यायालय इलाहबाद के आदेश के विरुद्ध फ्लाईवे बनाने वाली कंपनी नोएडा टोल ब्रिज कंपनी लिमिटेड (NTBCL) सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई.
उच्च न्यायालय इलाहबाद के आदेश-
- नोएडा रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से 2012 में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फ्लाइवे को टोल फ्री कर दिया था.
- न्यायालय के अनुसार टोल कानूनी प्रावधान के अनुकूल नहीं है. प्रोजेक्ट की लागत वसूलने के बाद आगे भी वसूली जारी रखना तर्क सांगत नहीं है.
- उच्च न्यायालय ने यह आदेश 26 अक्टूबर को जारी किए.
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