Remote electronic voting machine: इलेक्शन कमीशन ने आज नई दिल्ली में सर्वदलीय बैठक बुलाई है यह बैठक रिमोट वोटिंग मशीन (Remote Voting Machine) पर चर्चा करने के लिए बुलाई गयी है. इस बैठक में 08 मान्यता प्राप्त राष्टीय पार्टियों और 57 मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय दलों को आमंत्रित किया गया है.
इस बैठक में सभी राष्ट्रीय पार्टियों के अध्यक्षों और महासचिवों को आमंत्रित किया गया है जिसमें रिमोट वोटिंग मशीन पर चर्चा की जाएगी. साथ ही इस बैठक में तकनीकी विशेषज्ञ समिति के सदस्य भी मौजूद रहेंगे.
Election Commission calls all party meeting to discuss Remote Voting Machinehttps://t.co/FsZ28KvUBh
— All India Radio News (@airnewsalerts) January 16, 2023
क्या है बैठक का उद्देश्य:
इलेक्शन कमीशन ने एक बहु-निर्वाचन क्षेत्र की इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (multi-constituency electronic voting machine) का उपयोग करके घरेलू प्रवासियों के लिए 'रिमोट वोटिंग' (Remote Voting) की शुरुआत का प्रस्ताव दिया है.
रिमोट वोटिंग मशीन के उपयोग की अनुमति के लिए कानून में आवश्यक बदलाव जैसे मुद्दों पर पार्टियों को जनवरी के अंत तक अपने विचार लिखित रूप में देने के लिए कहा गया है.
चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को प्रवासी वोटरों के लिए रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (RVM) प्रोटोटाइप का प्रदर्शन भी करेगा.
क्या है रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन?
रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन, सामान्य ईवीएम का एक मॉडिफाइड रूप है. RVM, M3 (Mark 3) ईवीएम का एक टाइम टेस्टेड मॉडल (Time-tested model ) है. जिसका उपयोग अपने निर्वाचन क्षेत्र से दूर रह रहे वोटरों को मतदान केन्द्रों की सुविधा उपलब्ध कराता है. इसकी मदद से अपने मूल मतदान केंद्र से दूर रह रहे प्रवासियों के लिए मतदान की सुविधा उपलब्ध होती है.
RVM की विशेषता:
रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का निर्माण सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड () द्वारा किया गया है, जो सिंगल रिमोट पुल्लिंग बूथ से 72 निर्वाचन क्षेत्रों के मतदान प्रक्रिया को संभालने में सक्षम है.
ECIL और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड दो सार्वजनिक उपक्रम हैं जो भारत में ईवीएम का निर्माण करते है.
RVM के लाभ:
यदि रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का कॉन्सेप्ट लागू होता है तो, प्रवासी मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए अपने गृह जिलों में जाने की आवश्यकता नहीं होगी.
इस कॉन्सेप्ट के लागू होने से वोट परसेंटेज में भी वृद्धि होगी जो एक निष्पक्ष और अच्छे मतदान प्रारूप को बल देगा.
इसकी मदद से रोजगार के के लिए अपने गृह नगर से दूर रह रहे लोग भी अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे और एक मजबूत लोकतंत्र के निर्माण में अपना योगदान दे सकेंगे.
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