केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 29 जनवरी 2018 को आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 पेश किया. आर्थिक सर्वेक्षण में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वित्त वर्ष 2019 के दौरान जीडीपी के 7 से 7.5 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान जताया है. वहीं तेजी से महंगा होता क्रूड भी सरकार की प्रमुख चिंताओं में से एक है जिसके इस वर्ष 12 प्रतिशत और महंगा होने का अनुमान है.
आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 के प्रमुख तथ्य
• पिछले एक साल में अर्थ्यव्यवस्था में प्रमुख सुधार किए गए थे. 1 जुलाई 2017 को आधी से परिवर्तनकारी माल और सेवा कर (जीएसटी) शुरू किया गया था.
• आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 में 7 से 7.5 प्रतिशत रहेगी आर्थिक वृद्धि दर कच्चा तेल की बढ़ती कीमतें चिंता का विषय हैं.
• जीएसटी, बैंकों के पुनर्पूंजीकरण, एफडीआई नियमों में ढील और ऊंचे निर्यात की वजह से चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था ने रफ्तार पकड़ी है.
• वित्त वर्ष 2018-19 में कृषि, शिक्षा और रोजगार पर फोकस रहेगा. इसके अलावा जीएसटी को भी ठीक तरीके से स्थापित किया जाएगा.
• महाराष्ट्र, यूपी, तमिलनाडु और गुजरात ऐसे राज्य हैं जहां सबसे बड़ी संख्या में जीएसटी पंजीकरण कराए गए.
• यूपी और पश्चिम बंगाल में नए करदाताओं के पंजीकरण में बढोत्तरी दर्ज की गई.
• भारतीय इतिहास में पहली बार पांच राज्यों - महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना में 70 प्रतिशत निर्यात रिकॉर्ड हुआ. भारत का अंदरूनी व्यापार भी काफी बढ़ा है.
• आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार वर्ष 2017-18 में राजकोषीय घाटा 3.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
• आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार वर्ष 2016-17 में भारत में 275.7 मिलियन टन खाद्यान्न उत्पादन हुआ.
• आर्थिक सर्वेक्षण में अप्रैल-दिसंबर 2017 के दौरान निर्यात में 12.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी.
आर्थिक सर्वेक्षण क्या है?
आर्थिक सर्वेक्षण तमाम कार्यक्षेत्रों की तस्वीर पेश करते हुए अर्थव्यवस्था की झलक दिखलाता है. यह अर्थव्यवस्था की एक वार्षिक आर्थिक रिपोर्ट होती है. यह देश की अर्थव्यवस्था के समक्ष संभावनाओं और चुनौतियों का एक विस्तृत ब्यौरा होता है. इसमें सेक्टर के हिसाब से ब्यौरा होता है साथ ही उन पर टिप्पणियों और आवश्यक सुधार उपायों का उल्लेख होता है. इस सर्वेक्षण का दृष्टिकोण सरकार की भावी नीतियों का खाका तैयार करने में मददगार होता है. सबसे महत्वपूर्ण इस सर्वे के माध्यम से आर्थिक विकास दर का पूर्वानुमान लगाया जाता है. विदित हो कि 1 फरवरी को देश का आम बजट पेश किया जाना है.
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