फैक्ट बॉक्स: येलो वेस्ट आंदोलन, जानिए क्या है पूरा मामला?

पीले रंग की जैकेट पहन कर आंदोलन किये जाने के कारण ही इसका नाम येलो वेस्ट आन्दोलन रखा गया है. प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए फ्रांस में लगभग 90,000 सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है.

Jan 9, 2019, 12:27 IST
yellow vest protest in Europe
yellow vest protest in Europe

फ्रांस से आरंभ हुआ येलो वेस्ट आंदोलन (yellow vest protest) धीरे-धीरे लगभग पूरे यूरोप को अपनी जद में लेता जा रहा है. फ्रांस में जारी प्रदर्शन अब बेल्जियम और नीदरलैंड तक पहुंच चुका है. ब्रिटेन में भी येलो वेस्ट प्रदर्शनकारी आंदोलन करने के लिए जगह-जगह एकत्रित हो रहे हैं. नीदरलैंड में लगभग 800 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है जबकि सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर 8,000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं.

मीडिया द्वारा जारी जानकारी के अनुसार फ्रांस में सरकार के विरुद्ध चौथे दौर के प्रदर्शन के मद्देनजर हज़ारों प्रदर्शनकारी शहर के मध्य जमा हैं. पेरिस में लगभग 8,000 अधिकारियों और 12 सशस्त्र वाहनों को तैनात किया गया है. वहीं पूरे देश में लगभग 90,000 सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है.

 

येलो वेस्ट (Yellow Vest) नाम क्यों?

फ्रांस में तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद प्रदर्शनकारी पीले रंग की जैकेट पहनकर सड़कों पर उतर आये. जो भी इस प्रदर्शन में जुड़ता रहा वह भी पीले रंग की जैकेट पहनकर इसे विशेष रूप देता रहा. इस प्रकार पीले रंग की जैकेट पहन कर आंदोलन किये जाने के कारण ही इसका नाम येलो वेस्ट आन्दोलन रखा गया है.

 

yellow vest


क्या है येलो वेस्ट आंदोलन?

•    फ्रांस में तेल की कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि के बाद सबसे पहले सोशल मीडिया पर इस नाम को लिखना शुरु किया गया.

•    येलो वेस्ट आंदोलन फ्रांस में सबसे पहले फ्यूल टैक्स में बढ़ोतरी और यातायात के प्रदूषक कारकों पर टैक्स में प्रस्तावित वृद्धि के खिलाफ शुरू हुआ था.

•    आगे चलकर इस आंदोलन का राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों सरकार की नीतियों के विरोध के रूप में विस्तार हो गया.

•    प्रदर्शनकारी अधिक वेतन, कर में कमी, बेहतर पेंशन और यहां तक की राष्ट्रपति के इस्तीफा की भी मांग रहे हैं.

•    पेरिस में सभी दुकानें, म्यूमजियम, मेट्रो स्टेकशन और एफिल टॉवर को बंद कर दिया गया है. हिंसक प्रदर्शनों के देखते हुए सभी फुटबॉल मैच और म्यूपजिक शो भी कैंसिल कर दिए गए हैं.

•    येलो वेस्ट प्रदर्शन को इसलिए भी अभूतपूर्व माना जा रहा है क्योंकि 17 नवंबर, 2018 को हुए पहले प्रदर्शन में 2,82,000 लोग शामिल हुए थे.

येलो वेस्ट आंदोलन और फ्रांस की अर्थव्यवस्था


फ्रांस सरकार को प्रदर्शनकारियों को शांत कराने के लिए आपातकालीन योजना पेश करनी पड़ी जिसके तहत न्यूनतम मजदूरी 100 यूरो बढ़ाने की घोषणा की गई है. यह आंदोलन जीवाश्म ईंधन पर इको टैक्स लगाने के विरोध में शुरू हुआ था लेकिन लंबे समय तक खिंच गये इस प्रदर्शन से देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर हुआ है.

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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