फाइनेंशिल ऐक्शन टॉस्क फोर्स (FATF) की पेरिस में हुई ऑनलाइन बैठक में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही रखे जाने पर फिर से मुहर लग गई है. पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में बना रहेगा. आतंकवादी गतिविधियों पर लगाम लगाने और आर्थिक अपराध को रोकने हेतु एक प्रभावी तंत्र विकसित में नाकाम रहने पर एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं किया है.
एफएटीएफ का कहना है कि पाकिस्तान के लिए बनाई गई 27 सूत्रीय कार्रवाई योजना को वह पूरी तरह लागू करने में विफल रहा है. खासकर वे रणनीतिक रूप से अहम कमियों से निपटने में असफल रहा है. एफएटीएफ ने कहा कि पाकिस्तान को सभी नामित आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करनी ही होगी.
आर्थिक मदद नहीं मिल पाएगी
पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट में बने रहने का मतलब है कि उसे अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से किसी भी तरह की आर्थिक मदद नहीं मिल पाएगी. इसीलिए माना जा रहा है आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान ही हालत और भी ज्यादा बुरी होने वाली है.
Pakistan remains on Financial Action Task Force 'Grey List'. FATF states "Pakistan should demonstrate effective implementation of targeted financial sanctions against all 1267 and 1373 designated terrorists"
— ANI (@ANI) February 25, 2021
आतंकी फंडिंग से निपटने के लिए सिस्टम बनाए पाक
एफएटीएफ ने कहा कि पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित किए गए आतंकियों और उनके सहयोगियों के खिलाफ प्रभावी और निर्णायक कार्रवाई करना चाहिए. पाकिस्तान के पास आतंकी फंडिंग से निपटने के लिए एक प्रभावी प्रणाली होनी चाहिए.
ग्रे सूची में किसे शामिल किया जाता है
आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के सबसे ज्यादा जोखिम वाले देशों को ग्रे सूची में शामिल किया जाता है. इस लिस्ट में उन देशों को शामिल किया जाता है जो कि अपने देश के फाइनेंसियल सिस्टम को टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए उपयोग नहीं होने देते हैं. यदि कोई देश आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर अंकुश लगाने में असमर्थ रहता है तो उसे एफएटीएफ द्वारा ग्रे सूची से ब्लैक सूची में स्थानांतरित कर दिया जाता है.
पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में जून 2018 से बना हुआ है. आतंक के खिलाफ कार्रवाई न करने के कारण उसके ब्लैकलिस्टेड होने का डर लगातार बना हुआ है. एफएटीएफ का पूर्ण सत्र 22 फरवरी से 25 फरवरी तक पेरिस में आयोजित किया गया. बैठक में यह फैसला लिया गया कि पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे सूचि में बना रहेगा.
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