हवाई के होनोलुलू में फेडरल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जज डेरिक वाटसन ने 14 मार्च 2017 को एक राष्ट्रव्यापी आदेश जारी कर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा मुस्लिम बहुसंख्यक छह राष्ट्रों पर लगाए गए नए यात्रा प्रतिबंध पर रोक लगा दी. यह रोक प्रतिबंध के प्रभावी होने के कुछ घंटे पहले से ही लागू कर दी गई.
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के निर्देश के अनुसार यमन, ईरान, सीरिया, सूडान, सोमालिया औऱ लीबिया समेत छह मुस्लिम बाहुल्य राष्ट्रों के निवासियों के अमेरिका में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गयी. इन राष्ट्रों के निवासियों हेतु 90 दिनों और शरणार्थियों हेतु 120 दिनों का प्रतिबंध लगाया गया.
नए आदेश के तहत जिसमें प्रतिबंधित राष्ट्रों की सूची से ईरान को हटा दिया गया. इसकी आलोचना की गई.
मुख्य बातें-
• अमेरिका के डिस्ट्रिक्ट जज डेरिक वाटसन ने 43– पृष्ठों के फैसले में कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मुस्लिम बाहुल्य राष्ट्रों के निवासियों पर प्रतिबन्ध को उचित और उद्देश्यपरक पर्यवेक्षक धार्मिक तटस्थ उद्देश्य के बजाय एक धर्म विशेष का अपमान करने के उद्देश्य से जारी किए गए आदेश के तौर पर देखेंगे.
• डिस्ट्रिक्ट जज डेरिक वाटसन के निर्णय के अनुसार हवाई राज्य और याचिकाकर्ता इस्माइल अलशेख के पास धार्मिक भेदभाव के तौर पर आदेश को चुनौती देने का पर्याप्त कारण है.न्यायालय ने निर्णय में कहा कि यदि यात्रा प्रतिबंध जारी रहते हैं तो इससे अपूरणीय क्षति हो सकती है.
• अलशेख अमेरिका के हवाई शहर में मुस्लिम संघ के इमाम और एक अमेरिकी नागरिक हैं. वह अपनी सीरियाई सास (मदर इन लॉ) को अमेरिका लाने के लिए संघर्षरत हैं. इसके लिए उन्हें वीजा चाहिए. अलशेख ने इस मामले में हवाई जिला अदालत में वाद दायर किया. मामले की सुनवाई करते हुए डिस्ट्रिक्ट जज डेरिक वाटसन ने इस मामले में निर्णय दिया कि यात्रा संबंधी नियम उनके धर्म के आधार दिया गया आदेश उनको नुकसान पहुंचाएगा.
• इसके अलावा ट्रंप के आदेश की संवैधानिकता को चुनौती देते हुए कई अन्य मामले वाशिंगटन और मैरीलैंड की अदालतों में दर्ज किए गए हैं.
ट्रंप के लिए यह दूसरा सबसे बड़ा झटका है, क्योंकि राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर यात्रा संबंधी प्रतिबंध को लागू करने के उनके पहले प्रयास को सीएटल के फेडरल कोर्ट ने रोक दिया था.
• ट्रंप ने कोर्ट के फैसले को अभूतपूर्व न्यायिक ठगी बताया था और जरूरत पड़ने पर मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाने का वादा किया था. उन्होंने कहा था कि वे आदेश के आरंभिक संस्करण को फिर से जारी भी कर सकते हैं.
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