INS Vagir: प्रोजेक्ट 75, के तहत, कलवारी श्रेणी की डीजल-इलेक्ट्रिक अटैक पनडुब्बी यार्ड 11879 को आज इंडियन नेवी में शामिल कर दिया गया है. इसे कमीशन किए जाने पर आईएनएस वगीर (INS Vagir) नाम दिया गया है. प्रोजेक्ट 75 के तहत स्कॉर्पीन डिजाइन की छह सबमरीन का निर्माण स्वदेशी रूप से किया जा रहा है.
The 5th Submarine of Project–75, #INSVagir was delivered to the Indian Navy today by MDL at Mumbai.
— Defence Nation (@Defence_Nation) December 20, 2022
This is the 3rd Submarine built indigenously by Mazagon Dock Ltd in a span of 2 years. 🇮🇳⚓️
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प्रोजेक्ट 75:
प्रोजेक्ट 75 के तहत स्कॉर्पीन-श्रेणी की छह पनडुब्बियों का स्वदेशी निर्माण किया जा रहा है. इनका निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) मुंबई द्वारा फ्रांसीसी रक्षा प्रमुख, नेवल ग्रुप के सहयोग से किया जा रहा है. प्रोजेक्ट 75 के तहत आईएनएस वगीर पांचवीं सबमरीन है.
आईएनएस वगीर, हाइलाइट्स:
आईएनएस वगीर को 12 नवंबर 2020 में लांच किया गया था. जिसके बाद 01 फरवरी 22 से इसका सी ट्रायल शुरू हुआ था.
आईएनएस वगीर अपने सभी प्रकार के परीक्षणों को कम से कम समय में पूरा कर लिया था. साथ ही यह हथियार और सेंसर परीक्षणों में भी अव्वल रहा था.
ये सबमरीन लगभग 220 फीट लंबी और 40 फीट ऊंची होती है. साथ ही ये पनडुब्बियां सतह पर 11 समुद्री मील की अधिकतम गति गति से चल सकती हैं और जल के अन्दर 20 समुद्री मील तक इसकी गति हो सकती है.
कलवारी-श्रेणी की पनडुब्बियों में एंटी वॉरशिप, एंटी सबमरीन सहित खुफिया जानकारी एकत्र करने की क्षमता होती है.
इन सबमरीन का निर्माण एक जटिल प्रक्रिया होती है. जिसमें सभी उपकरणों को छोटा रखने पर ध्यान दिया जाता है. जिस कारण यह प्रक्रिया जटिल होती जाती है.
कलवारी श्रेणी की अन्य सबमरीन:
कलवारी श्रेणी की अन्य सबमरीन में आईएनएस कलवरी, आईएनएस करंज, आईएनएस खंडेरी, और आईएनएस वेला शामिल है. जिनको पहले ही इंडियन नेवी में शामिल कर दिया गया है. INS वागशीर (INS Vagsheer) को इस साल अप्रैल में लांच किया गया था.
पहली सबमरीन INS कलवारी को दिसंबर 2017 में, दूसरी पनडुब्बी INS खंडेरी को सितंबर 2019 में, तीसरी पनडुब्बी INS करंज को मार्च 2021 में और चौथी INS वेला को नवंबर 2021 में नौसेना में शामिल किया गया था.
कलवरी का नामकरण:
सबमरीन कलवरी का नाम एक एक टाइगर शार्क वागीर और वाग्शीर (Vagir and Vagsheer) के नाम पर रखा गया है. यह हिंद महासागर में गहरे समुद्र का सैंडफिश है.
सबमरीन INS खंडेरी का नाम छत्रपति शिवाजी द्वारा निर्मित एक द्वीप किले के नाम पर रखा गया है. साथ ही सबमरीन INS वेला का नाम एक स्टिंग्रे प्रजाति (stingray species) के नाम पर रखा गया है. INS करंज का नाम मुंबई के दक्षिण में स्थित एक आइलैंड के नाम पर रखा गया है.
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